Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • भारत ने उत्तर-पूर्व और विदेशों में बांग्लादेश के निर्यात पर पाबंदी क्यों लगाई?
    • LIVE: इसरो का 101वां सैटेलाइट मिशन तकनीकी ख़राबी के कारण विफल
    • Satya Hindi News Bulletin। 17 मई, दिनभर की ख़बरें
    • Shravasti News: श्रावस्ती में भाजपाइयों ने निकाली तिरंगा यात्रा, भारत पहले छेड़ता नहीं और किसी ने छेड़ा तो उसे छोड़ता नहीं
    • क्या पाकिस्तान पर हमले से भारत का कुछ नुकसान हुआ?
    • पसमांदा मुसलमानों का रुझान किस ओर? क्या बिहार में बदलेगा मुस्लिम वोटों का ट्रेंड? जानें किसको मिलेगा इनका समर्थन
    • संयुक्त राष्ट्र ने बताया- 2024 में भुखमरी से दुनिया भर में 29.5 करोड़ लोग प्रभावित
    • सलमान रुश्दी के हमलावर को 25 साल की जेल
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » अंबानी के वनतारा चिड़ियाघर का जर्मन पत्रिका ने पर्दाफाश किया, कई सवाल उठाये
    भारत

    अंबानी के वनतारा चिड़ियाघर का जर्मन पत्रिका ने पर्दाफाश किया, कई सवाल उठाये

    By March 15, 2025No Comments7 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    भारत के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी द्वारा गुजरात में संचालित वनतारा चिड़ियाघर अब अंतरराष्ट्रीय विवादों के केंद्र में आ गया है। हालांकि वनतारा चिड़ियाघर को वन्यजीव संरक्षण और पुनर्वास केंद्र के रूप में प्रचारित किया जाता है। जर्मन पत्रिका सूडॉयचे ज़ाइटुंग की एक खोजी रिपोर्ट ने इस परियोजना के पीछे की मंशा और इसके संचालन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह रिपोर्ट दावा करती है कि गुजरात के जामनगर में स्थित यह 3,000 एकड़ का विशाल केंद्र, जो 39,000 से अधिक जानवरों का घर है, संरक्षण के नाम पर वन्यजीवों के व्यापार से जुड़ा हो सकता है। 

    सूडॉयचे ज़ाइटुंग के अनुसार, वनतारा में मौजूद कई जानवर, जैसे शेर, चीते, जगुआर और विदेशी प्रजातियाँ, जंगल से पकड़े गए हो सकते हैं। इनमें से कुछ को कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय जानवर व्यापारियों के जरिए लाया गया है, जो संरक्षण के दावों को संदिग्ध बनाता है। 

    रिपोर्ट में दक्षिण अफ्रीका के वन्यजीव संरक्षण संगठन, वाइल्डलाइफ एनिमल प्रोटेक्शन फोरम ऑफ साउथ अफ्रीका (WAPFSA) के हवाले से कहा गया है कि वहाँ से बड़ी संख्या में जानवरों का निर्यात भारत के इस निजी चिड़ियाघर में हुआ, जिसकी जाँच की माँग की जा रही है।

    “

    पत्रिका ने यह भी लिखा है कि वनतारा को भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने 3 मार्च 2025 को इसका उद्घाटन किया था। हालाँकि, इस सरकारी समर्थन के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुविधा गुजरात के गर्म और शुष्क मौसम में कई प्रजातियों के लिए खतरनाक हो सकती है। क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के जानवरों को गुजरात का गर्म वातावरण पसंद नहीं आएगा।


    संरक्षण या शोषण

    रिपोर्ट में यह सवाल उठाया गया है कि क्या वनतारा वास्तव में एक संरक्षण केंद्र है या फिर जानवरों के प्रजनन और व्यापार का एक छिपा हुआ अड्डा। दस्तावेजों के अनुसार, वनतारा में 56 चीते, 52 कैरेकल, 19 तेंदुए, 90 शेर और अन्य प्रजातियाँ दक्षिण अफ्रीका से आयात की गई हैं। WAPFSA ने आरोप लगाया है कि ये जानवर प्रजनन सुविधाओं से खरीदे गए और अब इनका इस्तेमाल “प्रजनन मशीनों” के रूप में किया जा रहा है।

    अंबानी परिवार का जवाबः वनतारा के अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केंद्र पूरी तरह से संरक्षण के लिए समर्पित है। सभी आयात वैधानिक रूप से CITES (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज़) के नियमों के तहत हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि पहले उठाए गए सभी मुद्दों को हल किया जा चुका है और कोई जाँच लंबित नहीं है।

    इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे अंबानी परिवार की शक्ति और प्रभाव का दुरुपयोग मानते हैं। कुछ इसे एक पॉजिटिव कदम के रूप में देखते हैं जिसे गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी बंद सुविधा यानी चिड़ियाघर में जानवरों को रखना, चाहे वह कितना भी मॉडर्न क्यों न हो, कुदरती या प्राकृतिक जीवन के बराबर नहीं हो सकता।

    जर्मन पत्रिका की खास बातें

    • भारत में वनतारा को संकट में फंसे जानवरों के लिए एक लग्ज़री आश्रय स्थल बनाया गया है। जिसकी दुनिया के सबसे अमीर परिवारों में से एक द्वारा फंडिंग की जा रही है। लेकिन क्या वास्तव में हजारों जानवरों को बचाया गया है एक ऐसा अस्पष्ट चिड़ियाघर प्रोजेक्ट जिसके जरिये जंगली जानवरों के ग्लोबल स्मगलिंग का खतरा है। 
    •  यह विशाल चिड़ियाघर भारत के पश्चिम में गुजरात राज्य के जामनगर शहर के पास स्थित है। लगभग 1200 हेक्टेयर में फैले इस परिसर का आकार लगभग 1500 फुटबॉल मैदानों के बराबर है। यह जमीन अंबानी की रिलायंस रिफाइनरी को पौधे लगाने के लिए दी गई थी। लेकिन अब यहां चिड़ियाघर बन गया है।

    • यहाँ लगभग 200 हाथी, 300 बड़ी बिल्लियाँ जिनमें शेर, बाघ और तेंदुए शामिल हैं। साथ ही गैंडे, मगरमच्छ और अनगिनत पक्षी और सरीसृप रहते हैं। कुल मिलाकर, यहाँ 100 से अधिक प्रजातियों के 43,000 से अधिक जानवर हैं।
    • चिड़ियाघर संचालकों का दावा है कि कई जानवर सर्कस या खराब प्रबंधित चिड़ियाघरों से आए हैं और उन्हें दुर्व्यवहार से बचाया गया है। कुछ जानवरों के बारे में कहा जाता है कि वे जंगल में घायल हो गए थे या अवैध तस्करी से जब्त किए गए थे। 

    “

    कई जानवरों का मूल स्रोत अभी भी स्पष्ट नहीं है। यानी उनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है कि उन्हें कहां से लाया गया है।


    • वनतारा में जानवर ऐसी स्थितियों में रह रहे हैं जो अधिकांश पारंपरिक चिड़ियाघरों में अकल्पनीय हैं: यानी विशाल स्थान, विशेष देखभाल और 500 से अधिक पशु डॉक्टरों और रखवालों की टीम क्या सरकारी चिड़ियाघरों में संभव है।

    “

    जंगली जानवरों का अवैध व्यापार एक ग्लोबल समस्या है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इसमें हर साल 7 से 23 अरब डॉलर अवैध रूप से कमाए जाते हैं। इस वजह से यह ड्रग्स और हथियारों की तस्करी बाद सबसे लाभदायक आपराधिक उद्योग में आता है।


    • शेर, बाघ या गैंडे जैसी संरक्षित प्रजातियों को अफ्रीका या एशिया में शिकार किया जाता है। सीमाओं के पार तस्करी की जाती है, और अक्सर निजी चिड़ियाघरों, सर्कस या अमीर व्यक्तियों के संग्रह में पहुँच जाती हैं।

    “

    पिछले साल, मैक्सिकन अधिकारियों ने एक निजी चिड़ियाघर से कई शेर और बाघ जब्त किए, जिसके मालिक उनके कानूनी मूल को साबित नहीं कर सके। बाद में इन जानवरों को वनतारा में ट्रांसफर कर दिया गया।


    जर्मन पत्रिका ने कहा है कि वनतारा जानवरों के संरक्षण के बजाय प्रतिष्ठा का मामला ज्यादा लगता है। एक अरबपति का विलासितापूर्ण शौक जो जानवरों का शोषण करता है न कि उनकी रक्षा करता है।

    भारतीय मीडिया पर लगे आरोप

    डेक्कन हेराल्ड, फाइनेंशियल एक्सप्रेस और टेलीग्राफ़ जैसे प्रमुख समाचार आउटलेट्स ने वनतारा के संचालन पर सवाल उठाने वाली इससे संबंधित रिपोर्ट हटा दीं या उसमें फेरबदल किया। वनतारा को लेकर जब सोशल मीडिया पर अंबानी की बदनामी होने लगी तो एक्स पर जमकर ट्वीट कराये गये। कुछ बड़ी हस्तियों ने एंडोर्स किया। ऑल्ट न्यूज ने इसकी पड़ताल की। उनकी रिपोर्ट का वीडियो देखिए। 

    Major news outlets including Deccan Herald, Financial Express and Telegraph removed or tweaked reports on concerns over Vantara’s operations. Here’s what our investigation found.pic.twitter.com/b0Vz6ThqIc

    — Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 13, 2025

    ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने बताया कि हाल ही में हर 5 सेकंड में फर्जी एक्स अकाउंट से लगातार ट्वीट किए गए हैं। पीआर फर्म इन एक्स अकाउंट को वनतारा पर लगातार ट्वीट करने के लिए कितना भुगतान कर रही हैं। कोई नहीं जानता। इसकी शुरुआत तब हुई जब प्रधानमंत्री ने वनतारा का दौरा किया और अब गुमनाम अकाउंट और फर्जी अकाउंट ने अपना पेड अभियान जारी रखा है।

    Who’s running the paid and positive campaign for Vantara. There are non-stop tweets by Fake X accounts every 5 secs. How much are PR firms paying these X accounts to tweet non-stop on Vantara. It started with celebrities tweeting when PM visited Vantara to now anonymous accounts… pic.twitter.com/Iuh85FP4wI

    — Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 13, 2025

    मोदी का वनतारा भ्रमण

    प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ इसका उद्घाटन किया, बल्कि उन्होंने वनतारा का काफी देर तक भ्रमण भी किया। अंबानी परिवार ने मोदी के इतना समय देने के लिए बहुत आभार भी जताया। मोदी ने वहां की कुछ तस्वीरों को एक्स पर ट्वीट किया था। देखिए-

    Some more glimpses from my visit to Vantara in Jamnagar. pic.twitter.com/QDkwLwdUod

    — Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2025

    रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी अपने इस निजी वनतारा अभ्यारण को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। वनतारा का शाब्दिक अर्थ होता है जंगल का सितारा। इस 3000 एकड़ में फैले निजी अभ्यारण को गुजरात का हरित प्रदेश कहकर इसका काफी विज्ञापन किया जाता है। लेकिन आर टी आई के जरिए हुए हालिया खुलासे के बाद कि वनतारा चिड़ियाघर नहीं है, कई और सवाल सामने आए हैं। लोग यह पूछ रहे हैं कि जिन जानवरों को बचाया गया वे किन जगहों से बचाए गये इस दौरान एक ख़बर यह भी सिर उठा रही है कि  छत्तीसगढ़ के जंगल सफारी के दो सफेद भालू भी इस वनतारा में भेजे जाने वाले हैं. इसके बाद छत्तीसगढ़ में फिर कोई सफेद भालू नहीं बचेगा। 

    अगर गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा चिड़ियाघर नहीं है तो क्या है इस सवाल का जवाब क्या सरकार देगी। क्या देश के राजनीतिक दल इस सवाल को उठाएंगे।

      रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी

      • वनतारा से जुड़ी सत्य हिन्दी की पिछली रिपोर्ट इस पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

      Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
      Previous Articleबलूचिस्तान में 214 सैन्य बंधकों को मारने का दावा, क्या पाकिस्तान कुछ छिपा रहा
      Next Article ईरान में महिलाओं के हिजाब की जांच के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कितना जायज़?

      Related Posts

      भारत ने उत्तर-पूर्व और विदेशों में बांग्लादेश के निर्यात पर पाबंदी क्यों लगाई?

      May 18, 2025

      LIVE: इसरो का 101वां सैटेलाइट मिशन तकनीकी ख़राबी के कारण विफल

      May 18, 2025

      Satya Hindi News Bulletin। 17 मई, दिनभर की ख़बरें

      May 17, 2025
      Leave A Reply Cancel Reply

      ग्रामीण भारत

      गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

      December 26, 2024

      बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

      November 19, 2024

      क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

      August 2, 2024

      स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

      July 20, 2024

      शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

      June 25, 2024
      • Facebook
      • Twitter
      • Instagram
      • Pinterest
      ग्राउंड रिपोर्ट

      किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

      May 14, 2025

      सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

      May 14, 2025

      दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

      May 3, 2025

      पलायन का दुश्चक्र: बुंदेलखंड की खाली स्लेट की कहानी

      April 30, 2025

      शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

      April 15, 2025
      About
      About

      Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

      We're social, connect with us:

      Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
      अंतराष्ट्रीय

      संयुक्त राष्ट्र ने बताया- 2024 में भुखमरी से दुनिया भर में 29.5 करोड़ लोग प्रभावित

      May 17, 2025

      बगदाद में अरब लीग का वार्षिक शिखर सम्मेलन आरंभ, ट्रंप की छाया में अरब देशों की कूटनीतिक चाल तेज

      May 17, 2025

      डोनाल्ड ट्रंप ने कहा – भारत और पाक युद्धविराम का श्रेय कभी नहीं मिल सकेगा, फिर जताया अफसोस

      May 17, 2025
      एजुकेशन

      बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

      May 3, 2025

      NEET UG 2025 एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड

      April 30, 2025

      योगी सरकार की फ्री कोचिंग में पढ़कर 13 बच्चों ने पास की UPSC की परीक्षा

      April 22, 2025
      Copyright © 2017. Janta Yojana
      • Home
      • Privacy Policy
      • About Us
      • Disclaimer
      • Feedback & Complaint
      • Terms & Conditions

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.