पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Pic – Social Media)
UP by Election:�यूपी में विधानसभा की दस सीटों पर जल्द ही उप चुनाव होने वाले हैं। ये सभी सीटें भाजपा और सपा के लिए काफी महत्वपूर्ण तो हैं ही साथ ही दोनों प्रार्टियों की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गईं हैं। जहां भाजपा इन सभी सीटों पर अपनी जीत दर्ज करना चाहेगी तो वहीं अखिलेश यादव भी इन सीटों पर अपनी पार्टी की जीत का परचम लहराना चाहेंगे।
यहां से अखिलेश रहे हैं विधायक
इन सीटों में सबसे महत्वपूर्ण सीट करहल की है। यहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए थे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने करहल सीट से इस्तीफा दे दिया था। अब अखिलेश यादव अपनी करहल सीट से परिवार के ही किसी सदस्य को टिकट दे सकते हैं। माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को यहां से विधानसभा का उप चुनाव लड़ा सकते हैं।
तेज प्रताप ही क्यों?
तेज प्रताप मैनपुरी से लोकसभा सांसद और सैफई ब्लाक के ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। राजनीतिक की उन्हें अच्छी समझ है। अखिलेश यादव अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को करहल सीट से चुनाव लड़ा कर इस सीट को अपने परिवार में ही रखना चाहेंगे। मैनपुर लोकसभा सीट से सांसद डिंपल यादव का सारा काम तेज प्रताप यादव ही देखते हैं।
करहल सीट यादव परिवार की अहम सीट मानी जाती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव यहां से विधायक चुने गए थे। अब अखिलेश यादव की यह कोशिश होगी की इस सीट पर घर के ही किसी सदस्य को चुनाव लड़ाया जाए और इस तरह से यह सीट परिवार में ही रह जाए।
सबसे अधिक यादव मतदाता
करहल विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या की बात की जाए तो यहां पर सबसे अधिक यादव मतदाता हैं। जो निर्णायक भूमिका में हैं। सपा यहां से लगातार कई बार से चुनाव जीतती आ रही है।
भाजपा के लिए आसान नहीं होगी जीत!
करहल की सीट पर सपा हमेशा से ही मजबूत रही है। भाजपा के लिए इस बार का उप चुनाव जीतना भी आसान नहीं होगा। सपा अगर तेज प्रताप यादव को यहां से उम्मीदवार बनाती है तो भाजपा की राहें मुश्किल हो सकती हैं। अब यह तो समय ही बताएगा की करहल सीट पर किसकी जीत होगी।