
UP Politics: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में पुलिस थानों में उच्च जातियों के लोगों को प्राथमिकता देकर पोस्टिंग दी जा रही है, जबकि PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समाज के साथ अन्याय और भेदभाव किया जा रहा है।
सपा चीफ अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार की वेबसाइट से एक स्क्रीनशॉट जारी करते हुए दावा किया कि इसमें जातिगत आधार पर थानेदारों की लिस्ट उपलब्ध है, जिससे साफ होता है कि पुलिस थानों में एक खास जाति का वर्चस्व है। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ जिलों के पुलिस आंकड़े पेश किए तो सरकार ने सच्चाई छुपाने के लिए अधिकारियों को आगे कर दिया। सिंह को हटाकर फिर से सिंह को ही लगाया गया। जब मैंने थानों की जातिगत स्थिति पर सवाल उठाया तो मुझे ही नसीहत दी गई, लेकिन गलती नहीं सुधारी गई।

सरकार वेबसाइट से डेटा हटा रही है, सच्चाई छुपाई जा रही है: अखिलेश
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार डेटा को मैनिपुलेट कर रही है। उन्होंने कहा कि नॉन फील्ड थानों को भी जोड़कर गलत आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने चित्रकूट जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां डीएम, सीडीओ, सीएमओ, खनिज, पर्यटन विभाग के अधिकारी, थानाध्यक्ष और कई बीडीओ जैसे पदों पर एक ही जाति के लोग तैनात हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इनमें कितने अधिकारी PDA समाज से आते हैं? अखिलेश ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए सवालों का सदन में कोई जवाब नहीं दिया गया, जबकि सरकार ने केवल उनके डेटा का खंडन करने की कोशिश की।
बाबा साहेब का संविधान और आरक्षण बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार नहीं चाहती कि बच्चों का भविष्य बने उन्होंने कहा कि हम बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान और आरक्षण को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने PDA के प्रति सरकार की नफरत को उजागर किया है। विपक्ष के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं और PDA समाज के साथ हुए अत्याचार को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल खेल रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और है। समाजवादी पार्टी आने वाले समय में इस मुद्दे को और जोर-शोर से उठाएगी।