अमेरिका में ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता में बदलाव की कोशिश को एक जज ने अस्थायी तरफ से रोक दिया है। सिएटल में एक फेडरल जज ने ट्रम्प आदेश को 14 दिनों के लिए रोका है। अमेरिकी जिला जज जॉन कफनौर ने इस संबंध में एक अस्थायी स्टे ऑर्डर जारी किया है।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के पहले ही दिन ट्रम्प ने कई आदेश जारी किये। जिन पर विवाद हो रहा है। लेकिन उनमें सबसे ज्यादा विवाद अमेरिका में पैदा हुए बच्चों को नागरिकता देने से इनकार करने का निर्देश है। आदेश में कहा गया है कि अगर माता-पिता में से कोई भी नागरिक या कानूनी स्थायी निवासी नहीं है तो बच्चे को जन्मजात नागरिकता नहीं मिलेगी। दरअसल, ट्रम्प के तमाम आदेश नागरिकता कानूनों को फिर से परिभाषित करने की कोशिश है। लेकिन ट्रम्प को यह पहला बड़ा कानूनी झटका सिएटल से लगा है।
जज कफ़नौर ने सुनवाई के दौरान ट्रम्प के कार्यकारी आदेश को “स्पष्ट रूप से असंवैधानिक” बताते हुए इसकी धज्जियां उड़ाने में कड़े शब्दों से कोई परहेज नहीं किया। हालांकि यूएस जस्टिस विभाग ने ट्रम्प आदेश का बचाव करना चाहा, लेकिन जज ने अविश्वास व्यक्त किया कि कोई भी कानूनी प्रोफेशनल आदेश को संवैधानिक रूप से सही मान ही नहीं सकता है। अमेरिका के पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने कभी जज कफनौर की नियुक्ति की थी।
जज कफनौर ने कहा- “मुझे यह समझने में परेशानी हो रही है कि बार का एक सदस्य स्पष्ट रूप से यह कैसे कह सकता है कि यह आदेश संवैधानिक है। यह मेरे दिमाग को भ्रमित कर रहा है।” यूएस जस्टिस विभाग के वकील ब्रेट शूमेट की दलीलें जज कफनौर ने हवा में उड़ा दीं।
ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता कानून में बदलाव के आदेश को 22 राज्यों ने चुनौती दी है। जिनमें चार डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्यों – वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन भी शामिल हैं। मुकदमा दायर करने वाले राज्यों का तर्क है कि यह आदेश 14वें संशोधन के नागरिकता खंड का उल्लंघन है। मूल कानून अमेरिकी धरती पर पैदा हुए किसी भी शख्स को नागरिकता की गारंटी देता है, चाहे उनके माता-पिता किसी भी देश से यूएस में आए हों। इस कानून को अमेरिकी संविधान ने स्वीकार किया है।