अयोध्या गैंगरेप मामले में गर्भपात कराये गए भ्रूण की डीएनए परीक्षण रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश की गई। इस मामले में पुलिस ने 71 वर्षीय समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान और उनकी बेकरी में काम करने वाले नौकर राजू खान को आरोपी के रूप में नामित किया था। डीएनए परीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि सैंपल राजू खान से मैच करता है, सपा नेता से नहीं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट मोइद खान की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अयोध्या की निचली अदालत ने मामले में जमानत से इनकार कर दिया था। उसके बाद मोइद खान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मोइद खान के परिवार ने कहा है कि रिपोर्ट उनकी बेगुनाही के उनके दावे का समर्थन करती है, और उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट अब उन्हें जमानत दे देगा।
POCSO अदालत में अतिरिक्त सरकारी वकील विनोद उपाध्याय ने कहा कि मोइद खान की जमानत निचली अदालत ने रद्द कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने गैंगरेप पीड़िता के गर्भपात हुए भ्रूण की डीएनए रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीएनए नमूना राजू से मेल खाता है, मोइद से नहीं।
29 जुलाई को, अयोध्या जिले की पूराकलंदर पुलिस ने मोइद खान और राजू खान के खिलाफ 12 वर्षीय लड़की के साथ कथित गैंगरेप के आरोप में मामला दर्ज किया था। लड़की मोइद खान की बेकरी के पास रहती थी। नाबालिग लड़की की मां ने आरोप लगाया था कि लगभग ढाई महीने पहले, उसकी बेटी अपने घर के पास एक खेत में काम करने गई थी, जब राजू उसे मोइद की बेकरी में ले गया था। उसने दावा किया कि मोइद उसे काम के लिए वहां बुला रहा था। वहां उन्होंने लड़की से रेप किया।
पीड़िता की मां की शिकायत पर दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि जब उनकी बेटी बेकरी में पहुंची, तो सबसे पहले मोइद खान ने उसके साथ रेप किया, जबकि राजू ने इस कृत्य को फिल्माया, जिसके बाद राजू ने भी उसके साथ रेप किया और उसे किसी को न बताने की धमकी दी।
एफआईआर में कहा गया था- “राजू ने उसे धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को बताया तो वह उसे मार डालेगा और वे वीडियो सार्वजनिक कर देंगे। बदनामी के डर से उसने घटना के बारे में किसी को नहीं बताया, लेकिन जब वह बीमार पड़ गई, तो हम उसे एक डॉक्टर के पास ले गए और पता चला कि वह दो महीने की गर्भवती है।” मोइद खान और राजू के खिलाफ रेप के अलावा कई और धाराओं में केस दर्ज किया गया।
दोनों को 30 जुलाई को कथित गैंगरेप के लिए गिरफ्तार किया गया था। अयोध्या प्रशासन ने मोइद खान की बेकरी और घर पर बुलडोजर चला दिया था। यह कार्रवाई इस आधार पर की गई कि यह “अवैध रूप से एक तालाब के ऊपर बनाया गया था।”
भाजपा ने इस बड़ा मुद्दा बना दिया और समुदाय विशेष को लेकर बयान दिये गए। इस मामले में अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद पासी से सपा नेता का लिंक जोड़कर उन्हें भी बदनाम करने की कोशिश की गई। लेकिन सपा सांसद बार-बार एक ही बात कहते रहे कि जांच से सब सामने आ जाएगा। हुआ भी वही। डीएनए परीक्षण रिपोर्ट ने सच साबित कर दिया है। लेकिन पुलिस ने जिस तरह मोइद खान की बेकरी गिराकर आजीविका छीन ली और घर भी गिरा दिया, क्या उसकी भरपाई होगी।