रोम.
इटली की सरकार ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति हावियर मिलेई को देश की नागरिकता देने का एलान किया है। इटली का यह फैसला मिलेई की इतालवी विरासत के चलते लिया गया है। हालांकि, अर्जेंटीना और इटली के विपक्षी दलों ने इस कदम का विरोध शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि हावियर मिलेई के दादा-दादी इटली से अर्जेंटीना चले गए थे।
इसी लिहाज से इटली की जॉर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाली सरकार ने मिलेई को उनकी विरासत के लिए नागरिकता प्रदान की। हालांकि, इस निर्णय का इटली के कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया है। खासकर देश की नागरिकता नीति के विरोधियों का कहना है कि जहां देश छोड़कर जाने वाले लोगों को विरासत के आधार पर नागरिकता दी जा रही है, वहीं देश में ही जन्मे अप्रवासियों के बच्चों को ही नागरिकता से वंचित रखा जा रहा है। इटली की विपक्षी लिबरल पार्टी के नेता रिकार्डो मागी ने कहा कि इटली के लाखों लोगों को नागरिकता के लिए वर्षों तक नौकरशाही को झेलना पड़ता है। वे लोग यहीं पर रहते हैं, पढ़ते हैं, काम करते हैं और टैक्स देते हैं। लेकिन मिलेई से उलट उन्हें नागरिकता के लिए मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।
इटली में क्या हैं नागरिकता के नियम?
इटली के मौजूदा कानून के मुताबिक, विदेशी नागरिकों को इटली की नागरिकता पाने के लिए 10 साल तक वहां रहना जरूरी है। यहां तक कि इटली में विदेशी माता-पिता से जन्मे बच्चों को भी 18 वर्ष की उम्र तक नागरिकता आवेदन के लिए रुकना पड़ता है।
ऑक्सफैम इटालिया समेत कई संगठनों ने फ्रांस और जर्मनी की तर्ज पर इटली में इस वेटिंग पीरियड को कम करने की मांग उठाई है। हालांकि, इटली की जॉर्जिया मेलोनी सरकार ने ऐसे किसी भी बदलाव का सख्त विरोध किया है।
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