हमास प्रमुख याह्या सिनवार मारे गए। इसरायल के विदेश मंत्री इसराइल कैट्ज ने पुष्टि की है कि प्रारंभिक डीएनए जाँच के अनुसार 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमले का आदेश देने वाले हमास प्रमुख याह्या सिनवार की मौत हो गई है। कैट्ज ने एक बयान में कहा, ‘7 अक्टूबर के नरसंहार और अत्याचारों के लिए जिम्मेदार सामूहिक हत्यारा याह्या सिनवार को आज आईडीएफ सैनिकों ने मार गिराया।’ इससे पहले इसराइली सेना आईडीएफ़ ने कहा था कि वह इस संभावना की जांच कर रही है कि क्या उसने हमास नेता याह्या सिनवार को मार गिराया है। सिनवार कथित तौर पर 7 अक्टूबर को इसराइल पर हुए विनाशकारी हमले के मास्टरमाइंड में से एक थे। इसके बाद ही ग़ज़ा में युद्ध छिड़ा।
इसराइल ने एक हमले में कई ‘आतंकवादियों’ को मार गिराया है। इसी को लेकर पहले आईडीएफ़ ने एक ट्वीट में कहा था, ‘ग़ज़ा में आईडीएफ ऑपरेशन के दौरान 3 आतंकवादियों को मार गिराया गया। आईडीएफ और आईएसए इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि आतंकवादियों में से एक याह्या सिनवार था। इस समय आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि नहीं की जा सकती। जिस इमारत में आतंकवादियों को मारा गया, वहां बंधकों की मौजूदगी के कोई संकेत नहीं मिले। इलाक़े में काम कर रहे सुरक्षा बल आवश्यक सावधानी के साथ काम करना जारी रखे हुए हैं।’
During IDF operations in Gaza, 3 terrorists were eliminated. The IDF and ISA are checking the possibility that one of the terrorists was Yahya Sinwar. At this stage, the identity of the terrorists cannot be confirmed.
In the building where the terrorists were eliminated, there…
— Israel Defense Forces (@IDF) October 17, 2024
इस दावे को लेकर अभी तक हमास की ओर से कुछ भी बयान नहीं जारी किया गया है। इस बीच, मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया था कि इसराइल के सुरक्षा कैबिनेट के सदस्यों को बताया गया है कि सिनवार के मरने की बहुत संभावना है। इसराइल के दो प्रसारकों, केएएन और एन12 न्यूज़ ने भी इसराइली अधिकारियों के हवाले से कहा कि सिनवार की मौत हो गई है। हालाँकि, भारतीय समय अनुसार गुरुवार देर रात को इसराइल की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई।
सिनवार की मौत की पुष्टि से हमास और क्षेत्र में व्यापक भू-राजनीतिक बदलाव होगा और इसका दोनों पर काफ़ी ज़्यादा प्रभाव पड़ेगा। यह इसराइली सेना और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला होगा।
पहले अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार इसराइली मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि लड़ाके की पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए परीक्षण के लिए शव को यरुशलम ले जाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका और इसराइल के साथ समन्वय में भारी मात्रा में संसाधन लगाए गए ताकि याह्या सिनवार को पकड़ा जा सके।
अभी कुछ दिन पहले वाशिंगटन में जब पत्रकारों ने पूछा, तो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि सिनवार ही रुके हुए युद्धविराम वार्ता का कारण है। उन्होंने कहा था कि युद्धविराम प्रयासों के बारे में अभी कोई चर्चा नहीं हो रही है, और ऐसा इसलिए है, क्योंकि अमेरिका की नज़र में सिनवार की चर्चाओं में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका अभी भी युद्धविराम समझौतों को बंदियों को घर वापस लाने का सबसे अच्छा तरीका मानता है।
नेतन्याहू ने सिनवार पर युद्धविराम वार्ता को विफल करने का भी आरोप लगाया है। इसराइल के घोषित ‘युद्ध लक्ष्यों’ में से एक सिनवार को खत्म करना था। इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार सिनवार का नाम लिया है।
बता दें कि सिनवार को 7 अक्टूबर के हमलों के मुख्य योजनाकारों में माना जाता है। 7 अक्टूबर को नरसंहार में 1200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इसमें इसराइली और अन्य राष्ट्रीयताएं भी शामिल थीं। 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था, जिनमें से 101 ग़ज़ा में ही रह गए हैं। 101 बंधकों में से आईडीएफ़ ने पुष्टि की है कि 48 लोग कैद में ही मारे गए।
हमास के नेतृत्व वाले हमले के परिणामस्वरूप इसराइल ने भी भयंकर प्रतिक्रिया की, जिसके कारण इस क्षेत्र में 42000 से अधिक लोग मारे गए। इसराइली हमलों के बाद भयंकर मानवीय तबाही हुई तथा बमबारी वाले क्षेत्र का बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया।