तेहरान
इजरायल पर अचानक 180 से ज्यादा मिसाइलें दागकर ईरान ने पूरी दुनिया को चौंका दिया. ईरान के इस कदम से पूरा मिडिल ईस्ट जंग के मुहाने पर खड़ा हो गया है. चिंता की बात यह है कि इजरायल ने अब तक ईरान पर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है, जिससे इजरायल के मंसूबों का पता नहीं चल पा रहा है.
इजरायल पर किये गये मिसाइल अटैक को ईरान भले ही दुनिया के सामने बड़े एक्शन के तौर पर पेश कर रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि ईरानी हमले से इजरायल को कुछ खास नुकसान नहीं पहुंचा है. इजरायल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने ईरान की ज्यादातर मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर दिया. इन हमलों में सिर्फ एक शख्स की मौत हुई और वह भी इजरायली नहीं, बल्कि फिलिस्तीनी नागरिक था.
जेरिको शहर में आकर लगी मिसाइल
ईरानी मिसाइल से जिस शख्स की मौत हुई उसका नाम समेह अल-असाली था, जो पेशे से मजदूर असाली की मौत फिलिस्तीन के जेरिको शहर के पास पश्चिमी तट के नुइमा गांव में हुई. जिस समय (रात) उसे मिसाइल लगी, वह सड़क पर टहल रहा था. दरअसल, जेरिको, फिलिस्तीन के पश्चिमी तट पर स्थित एक शहर है. जेरिको जॉर्डन घाटी में बसा है, जिसके पूर्व में जॉर्डन नदी और पश्चिम में यरुशलम है.
चार फिलिस्तीनी घायल भी हुए
जेरिको के गवर्नर हुसैन हमायल ने एजेंसी को बताया कि रॉकेट के टुकड़ा सीधे फिलिस्तीनी मजदूर के ऊपर गिर गया, जिसमें गाजा पट्टी के जबालिया का रहने वाले समेह अल-असाली की मौत हो गई. रॉकेट के कुछ टुकड़े लगने से 4 फिलिस्तीनी घायल भी हो गए. जानकारी के मुताबिक तीन बच्चों का पिता अल-असली गाजा के उन हजारों मजदूरों में से एक था, जिनके पास इजरायली वर्क परमिट था.
इजरायली राजदूत ने हमले पर क्या कहा?
बता दें कि ईरान के हमले के बाद भारत में इजरायल के राजदूत रेवेन अजार इंडिया टुडे को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें अजार ने कहा कि ईरान ने 181 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें प्रत्येक में 700 से 1,000 किलोग्राम तक विस्फोटक भरा हुआ था और उससे बड़ा नुकसान हो सकता था.
हमले के बाद जो बाइडेन ने क्या कहा?
ईरान के मिसाइल अटैक के बाद दोनों मुल्कों में तनाव कम करने के लिए G7 देश एक आपात बैठक कर चुके हैं. इसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि वह इजरायल का साथ दे रहे हैं, लेकिन अगर इजरायल ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमला करता है तो अमेरिका इसमें उसका साथ नहीं देगा.
कैसे फेल हुईं ईरान की मिसाइलें?
इजरायल का दावा है कि ईरान की 181 मिसाइलों में से 90 फीसदी फेल हो गईं. इसकी वजह इजरायल के 3-3 सुरक्षा चक्र हैं, जो कि मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं. जिन्होंने एक बार फिर अपना लोहा साबित कर दिया है. पहला मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम है. जो 152 किलो मीटर के दायरे में और 12 किलो मीटर ऊंचाई के अंदर आने वाले रॉकेट को मार गिराता है. दूसरा मिसाइल डिफेंस सिस्टम डेविड्स स्लिंग है, जिसकी रेंज 301 किलो मीटर है. जो 49 किलो मीटर की ऊंचाई के अंदर आने वाले खतरे को तबाह करने की क्षमता रखता है. तीसरा मिसाइल डिफेंस सिस्टम द एरो सिस्टम है. जो पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर ही मिसाइल को ध्वस्त कर देता है. इस तरह इजरायल के तीन-तीन सुरक्षा चक्र ने उसे एक बार फिर बचा लिया.
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