भारतीय जनता पार्टी की मंडी सांसद कंगना रनौत ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को सुझाव दिया था कि किसान विरोध प्रदर्शन के बाद निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। कंगना की इस टिप्पणी से विपक्ष तो नाराज हो ही गया, भाजपा ने मंगलवार देर रात को उनकी टिप्पणियों से दूरी बना ली और कहा कि कंगना रनौत पार्टी की ओर से इस तरह के बयान देने के लिए “अधिकृत नहीं” हैं।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मंगलवार देर रात एक वीडियो संदेश में कहा कि “यह कंगना रनौत का “व्यक्तिगत बयान” है और कृषि बिलों पर पार्टी के नजरिये को नहीं दर्शाती है। गौरव भाटिया ने कहा- “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान वायरल हो रहा है। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि ये बयान उनका निजी बयान है। कंगना रनौत बीजेपी की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर बीजेपी के नजरिये को चित्रित नहीं करता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।”
एक्ट्रेस और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने मंगलवार देर रात 12.15 बजे इसका जवाब एक्स पर ट्वीट के जरिये दिया। कंगना रनौत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- “बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। धन्यवाद। ”
Absolutely, my views on Farmers Laws are personal and they don’t represent party’s stand on those Bills. Thanks. https://t.co/U4byptLYuc
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 24, 2024
इससे पहले, एक्ट्रेस ने मीडिया से कहा था, “मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।”
कंगना – बीजेपी से हमारी फिल्म रिलीज नही होने दोगे तो हम ऐसे ही ऊल-जलूल बयान देते रहेंगेpic.twitter.com/zfVbRX7Zql
— Vivek Yadav (Kaju) 🚜🌾 (@Viveksunaiya) September 24, 2024
यह बयान विपक्ष को रास नहीं आया क्योंकि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिन्दर सिंह राजा ने अभिनेत्री की आलोचना करते हुए उन्हें “आदतन विवादास्पद” बताया। राजा ने कहा- “मुझे लगता है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर है। कुछ लोग विवाद पैदा करने के आदी हैं और उनके बयानों से भाजपा को फायदा होता है। वह किसानों, पंजाब, आपातकाल और राहुल गांधी के बारे में बात करती हैं। ऐसे अन्य सांसद भी हैं जो कभी ऐसी टिप्पणी नहीं करते।”
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी एक्स पर रनौत का वीडियो शेयर किया और कहा, ””तीन काले किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 750 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। प्रयास किए जा रहे हैं उन्हें वापस लाया जाए।” उन्होंने हरियाणा में विधानसभा चुनावों के स्पष्ट संदर्भ में कहा, “हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। हरियाणा पहले जवाब देगा।”
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी एक्स पर वीडियो साझा किया और कहा कि यह भाजपा की “असली सोच” है। कितनी बार किसानों को धोखा दोगे, दोगले लोगों”
कंगना से भाजपा परेशान
विशेष रूप से, यह पहली बार नहीं है। पिछले महीने कंगना ने दावा किया था कि किसानों का विरोध प्रदर्शन भारत में “बांग्लादेश जैसी स्थिति” का परिणाम है और किसानों के विरोध स्थलों से कई हत्याओं और बलात्कार की सूचना मिली थी। भाजपा ने कंगना रनौत की इस टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया और कहा कि वह पार्टी की ओर से इस तरह के बयान देने के लिए “अधिकृत नहीं” हैं। पिछले महीने भी भाजपा ने किसान आंदोलन के बारे में मंडी सांसद के बयान से खुद को अलग कर लिया था और उन्हें भविष्य में ऐसे बयान देने से बचने के लिए भी कहा था।
भाजपा ने कहा था- ”भाजपा सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के संदर्भ में जो बयान दिया है, वह पार्टी की राय नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत के बयान से असहमति जताती है। पार्टी की ओर से कंगना रनौत को न तो अनुमति दी गई है और न ही पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बयान देने के लिए अधिकृत हैं। भारतीय जनता पार्टी की ओर से कंगना रनौत को निर्देश दिया गया है कि वह भविष्य में इस तरह का कोई बयान न दें। भारतीय जनता पार्टी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ और सामाजिक सद्भाव के सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”