पंजाब-हरियाणा के शंभू, खनौरी और रतनपुरा बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों को शनिवार 31 अगस्त को 200 दिन हो गए। ओलंपियन विनेश फोगाट ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के एक कार्यक्रम में शनिवार को भाग लिया। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को खनौरी और रतनपुरा में हुआ।
हम जांच एजेंसियों से नहीं डरतेः पंधेर
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा ”13 फरवरी से दिल्ली आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश की गई, सेना तैनात की गई। 433 किसान घायल हुए। किसान शुभकरण सिंह की जान चली गई। लगभग 70,000 अर्धसैनिक बल हरियाणा में तैनात किए गए हैं। ..यह आंदोलन बीजेपी सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है, अब कई राज्यों में भी चुनाव होने वाले हैं, मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। इस बार एनआईए ने बीकेयू नेता सुखविंदर कौर के घर पर छापा मारा। छापेमारी के बीच हमारा आंदोलन जारी है।…हम एजेंसियों से डरने वाले नहीं हैं, जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। हम 15 सितंबर को जींद में महापंचायत करेंगे। फिर 22 सितंबर को पिपली में जुटेंगे…।”
पंजाब-हरियाणा के किसान तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर उनका विरोध प्रदर्शन हो रहा है। हरियाणा सरकार ने उनके दिल्ली मार्च को रोक दिया था। नामी पहलवान शनिवार को शंभू बॉर्डर पहुंचीं। किसान आंदोलन की समर्थक विनेश फोगाट को वहां सम्मानित किया गया।
यह स्पष्टता बेहतर है। विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर किसानों के साथ pic.twitter.com/iWGrzIDq0O
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी 🇮🇳Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) August 31, 2024
यह देखना दुखद हैः विनेश फोगाट
विनेश ने इस मौके पर कहा- “किसानों को यहां बैठे हुए 200 दिन हो गए हैं। यह देखना दुखद है। वे सभी इस देश के नागरिक हैं। किसान देश चलाते हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, यहां तक कि एथलीट भी नहीं – अगर वे हमें खाना नहीं खिलाते हैं, हम मुकाबला नहीं कर पाएंगे। कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते, हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन हम अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते, जब हम उन्हें दुखी देखते हैं। विनेश फोगाट ने कार्यक्रम में कहा- ”सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। उन्होंने पिछली बार अपनी गलती स्वीकार की थी, उन्हें अपने वादे पूरे करने चाहिए, अगर लोग इस तरह सड़कों पर बैठे रहेंगे तो देश प्रगति नहीं करेगा।”
किसान नेता बलदेव सिंह बग्गा ने दावा किया कि सरकार के साथ बातचीत करने के प्रयास अभी तक नाकाम रहे हैं। बग्गा ने कहा- “किसान संगठनों ने बार-बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को भी लिखा था, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मोदी अब अपने कार्यकाल के 11वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, हमारी मांगों को मानने के बजाय, सरकार किसानों की आवाज़ को दबाना जारी रख रही है।”
कंगना पर कार्रवाई की मांग
किसानों ने बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से कंगना रनौत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया है, जिनकी पिछली टिप्पणियों ने किसानों के भीतर भारी गुस्सा पैदा कर दिया है।
हरियाणा चुनाव को लेकर रणनीति
किसानों ने आगामी हरियाणा चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करने का संकेत दिया। वे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में सक्रिय भूमिका निभाने के अपने इरादे का संकेत देते हुए जल्द ही अपने अगले कदम की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं। जींद और पीपली में होने वाली किसानों की पंचायत में किसान हरियाणा चुनाव को लेकर अपनी घोषणा करेंगे। समझा जाता है कि किसान अपनी मांगों के संदर्भ में राजनीतिक दलों की राय जानना चाहते हैं। जो भी राजनीतिक दल उनकी मांग का समर्थन करेगा, उसका किसान भी समर्थन करेंगे।