अमेरिका के लॉस एंजिल्स में इमीग्रेशन विरोधी प्रदर्शनों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शहर में 700 मरीन सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है, ताकि वे राष्ट्रीय गार्ड के साथ मिलकर केंद्र की संपत्तियों और कर्मियों की सुरक्षा कर सकें। इस कदम के जवाब में कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजम ने ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उन्होंने राष्ट्रीय गार्ड की तैनाती को “गैरकानूनी” करार दिया है।
लॉस एंजिल्स में इमीग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) छापेमारी के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इनकी शुरुआत रविवार, 8 जून को हिंसक झड़पों से हुईं थी, जिसमें वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। सोमवार को स्थिति और बिगड़ गई, जिसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने 700 मरीन सैनिकों को ट्वेंटीनाइन पाल्म्स, कैलिफोर्निया से लॉस एंजिल्स भेजने का फैसला किया। ये सैनिक पहले से तैनात लगभग 2,100 राष्ट्रीय गार्ड सैनिकों के साथ काम करेंगे।
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजम और अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने ट्रम्प के इस कदम को “असंवैधानिक” और “अनैतिक” बताया है। न्यूजम ने सोशल मीडिया पर कहा, “ट्रम्प ने आग में घी डालने का काम किया है और गैरकानूनी रूप से राष्ट्रीय गार्ड को संघीय नियंत्रण में लिया है। यह आदेश केवल कैलिफोर्निया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसी भी राज्य में लागू हो सकता है।” कैलिफोर्निया ने सोमवार को ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिसमें कहा गया कि बिना राज्य की सहमति के राष्ट्रीय गार्ड को तैनात करना गैरकानूनी है।
लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग (LAPD) के प्रमुख जिम मैकडॉनेल ने कहा कि उन्हें मरीन की तैनाती के बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है। उन्होंने चिंता जताई कि सैनिकों की तैनाती से प्रदर्शनों को नियंत्रित करने में और चुनौतियां बढ़ सकती हैं। LAPD ने शहर में सामरिक अलर्ट जारी किया है और प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सोमवार को X पर एक बयान में कहा, “कैलिफोर्निया के डेमोक्रेटिक गवर्नर इमीग्रेशन अधिकारियों की सुरक्षा नहीं कर रहे हैं, इसलिए हमने 700 मरीन सैनिकों को लॉस एंजिल्स भेजा है।” ट्रम्प ने भी प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी कि हिंसक कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया जाएगा।
कैलिफोर्निया का दावा है कि राष्ट्रीय गार्ड की तैनाती के लिए राज्य की सहमति जरूरी है, और ट्रंप का यह कदम 1807 के इन्सरेक्शन एक्ट के तहत नहीं आता, क्योंकि राष्ट्रपति ने इस कानून को लागू नहीं किया है। इस बीच, ट्रंप ने कहा है कि वह “कानून और व्यवस्था” बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे और कैलिफोर्निया के अधिकारियों को बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बहरहाल, लॉस एंजिल्स में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और आने वाले दिनों में इस मामले के और गरमाने की संभावना है।डेमोक्रेट्स ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए सैन्य बल तैनात करने का ट्रम्प का निर्णय राष्ट्रपति पद की शक्ति का दुरुपयोग है, यह अवैध है।
ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया है कि डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने बहुत ज़्यादा अप्रवासियों को देश में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। लॉस एंजिल्स जैसे डेमोक्रेटिक-संचालित शहर उन्हें निर्वासित करने के प्रयासों में अनुचित रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं। ट्रंप ने देश में अवैध रूप से रहने वाले रिकॉर्ड संख्या में लोगों को निर्वासित करने और यू.एस.-मेक्सिको सीमा को बंद करने का संकल्प लिया है, जिसमें प्रतिदिन कम से कम 3,000 लोगों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य रखा गया है।
पिछली बार सेना का इस्तेमाल विद्रोह अधिनियम के तहत प्रत्यक्ष पुलिस कार्रवाई के लिए 1992 में किया गया था, जब उस समय कैलिफोर्निया के गवर्नर ने राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश से लॉस एंजिल्स में हुए दंगों का जवाब देने में मदद करने के लिए कहा था, क्योंकि अश्वेत मोटर चालक रॉडनी किंग की पिटाई करने वाले पुलिस अधिकारियों को बरी कर दिया गया था। 1992 के दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसके कारण छह दिनों में लगभग 1 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था।