हावड़ा मैदान इलाके में जीटी रोड पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़प हुई। छात्र समाज के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार दोपहर को अपने ‘नबन्ना अभिजान’ के हिस्से के रूप में राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर मार्च करने की कोशिश की।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, पानी की बौछार की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर और ईंटें फेंकी और राज्य सचिवालय की ओर जाने वाले रास्ते को अवरुद्ध करने वाले बैरिकेड्स को गिरा दिया।
#NabannaAbhijan
Lathi charge by West Bengal Police after massive protest by student organization in support of #Kolkata‘s daughter
Is this democracy
Is this not contempt of SC (in which SC allowed that silent protest cannot be stopped)#MedTwitter #medX #KolkataDoctorDeath pic.twitter.com/xI5xMiVpY9
— Indian Doctor🇮🇳 (@Indian__doctor) August 27, 2024
झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जिसने खुद को हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट के चंडीताला पुलिस स्टेशन का प्रभारी बताया।
इसी तरह की स्थिति हेस्टिंग्स और एमजी रोड इलाके में सामने आई, जहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जो उन्हें खदेड़ते नजर आए।
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमें पुलिस ने क्यों पीटा हमने कोई कानून नहीं तोड़ा। हम मृत डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग के लिए शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।” हालांकि महिला प्रदर्शनकारी इस बात पर चुप रही कि फिर पुलिस वाले इस प्रदर्शन में कैसे घायल हो रहे हैं। पुलिस ने कहा कि आंदोलनकारियों द्वारा कुछ स्थानों पर बैरिकेड तोड़ने और सुरक्षा कर्मियों पर हमला करने के बाद उन्होंने लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़ना शुरू किया।
हुगली के दोनों पार हावड़ा ब्रिज और संतरागाछी युद्ध के मैदान में बदल गए क्योंकि राज्य सचिवालय तक पहुंचने के लिए बेताब प्रदर्शनकारियों को पानी की बौछारों, आंसू गैस के गोले और आंसू गैस के ग्रेनेड का सामना करना पड़ा। जिन प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे के साथ मार्च शुरू किया था, उन्होंने जल्द ही रेल पटरियों के किनारे पड़े पत्थर और ईंटें उठा लीं और पुलिस पर फेंक दीं। पथराव में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।
हावड़ा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं क्योंकि रैली ने हिंसक रूप ले लिया। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा “राज्य पुलिस और कलकत्ता पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर जबरदस्त अत्याचार शुरू कर दिया है। कॉलेज स्क्वायर और संतरागाछी में प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। मैं पुलिस को चेतावनी दे रहा हूं. अगर वे तुरंत नहीं रुके तो हम बुधवार को बंगाल को ठप कर देंगे।”
The images of police highhandedness from Kolkata have angered every person who values democratic principles.
In Didi’s West Bengal, to help rapists and criminals is valued but it’s a crime to speak for women’s safety. #nabanna pic.twitter.com/SDMW6iEtwD
— Pratap Sarkar🇮🇳 (@pratapsarkar17) August 27, 2024
राज्य पुलिस ने छात्र समाज और जौथा संग्राम मंच को मंगलवार की विरोध रैली आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
प्रदर्शनकारियों में सभी उम्र के पुरुष और महिलाएं शामिल थीं, जिनमें हावड़ा पुल पर सफेद दाढ़ी वाले एक बुजुर्ग साधु भी शामिल थे, जिन्होंने पुलिस को उसे हथकड़ी लगाने की चुनौती दी थी।
हावड़ा के फोरशोर रोड पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. अब तक की कार्रवाई का बड़ा हिस्सा हावड़ा ब्रिज और आसपास के इलाकों में रहा है।
रातों-रात युद्ध स्तर पर लगाए गए बैरिकेड्स, जिसमें कलकत्ता की रेड रोड के कुछ हिस्सों को कंटेनरों से अवरुद्ध करना भी शामिल था, कुछ स्थानों पर उखाड़ दिए गए, लेकिन पुलिस ने अपने पास उपलब्ध तरीकों से उन्हें पीछे धकेल दिया।
फिलहाल कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारी और पुलिस चूहे-बिल्ली का खेल भी चला। पुलिस द्वारा पीछे धकेले गए प्रदर्शनकारी वापस घटनास्थल पर लौटे। हावड़ा में कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठे। संतरागाछी में प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स पर चढ़ गए और उन्हें पानी की बौछारों का सामना करना पड़ा।
कॉलेज स्क्वायर पर सुबह 3.30 बजे पहली ट्रेन में नादिया से आई एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि उनकी एकमात्र मांग मुख्यमंत्री का इस्तीफा है।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर आगे बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को पुल से दूर खदेड़ दिया। सड़क पर डेढ़ घंटे से ज्यादा समय से लड़ाई जारी है।