हरियाणा चुनाव नतीजों में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग यानी ईसीआई से मुलाक़ात की। ईसीआई ने बुधवार को कथित अनियमितताओं पर चर्चा के लिए बैठक के लिए पार्टी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मंगलवार को मतगणना में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अपनी हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। इसने कहा था कि हरियाणा में चुनाव परिणाम अप्रत्याशित और चौंकाने वाले हैं और कांग्रेस उन्हें स्वीकार नहीं कर सकती। इसी को लेकर केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, पवन खेड़ा और अजय माकन सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को चुनाव आयोग कार्यालय पहुँचा। यह बैठक कई कांग्रेस नेताओं द्वारा कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना की प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त करने के बाद हुई।
LIVE: Press briefing by Congress Party delegation after meeting with the Election Commission of India in New Delhi. https://t.co/25aVS2bZkK
— Congress (@INCIndia) October 9, 2024
बैठक के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग से उन वोटिंग मशीनों को सील करने की मांग की है, जिनके खिलाफ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। खेड़ा ने कहा कि हम अगले 48 घंटों में और शिकायतें भेजेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने 20 निर्वाचन क्षेत्रों में कथित अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज जमा किए हैं और उन्हें मीडिया में जारी करने की योजना बना रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ’13 और निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिनके लिए हम चुनाव आयोग को सौंपने के लिए डेटा जुटा रहे हैं।’ पार्टी अपनी मांगों पर आयोग के जवाब का इंतजार कर रही है।
इस बीच चुनाव आयोग ने बुधवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित एक पत्र में कांग्रेस नेताओं और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयानों पर गौर किया, जिन्होंने हरियाणा चुनाव के परिणामों को अप्रत्याशित कहा और चुनावों का विश्लेषण करने की बात कही है।
एएनआई के अनुसार, चुनाव आयोग के प्रधान सचिव एनटी भूटिया के पत्र में कहा गया है, “मुझे 8 अक्टूबर 2024 को श्री जयराम रमेश, सांसद और श्री पवन खेड़ा द्वारा दिए गए व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए बयान का संदर्भ देने का निर्देश दिया गया है, जिसमें हाल ही में संपन्न हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव के संदर्भ में यह दावा किया गया है कि ‘चुनाव परिणाम अस्वीकार्य हैं’।”
पत्र में कहा गया, ‘चुनाव आयोग को अब कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल से मिलने का अनुरोध मिला है, जिसमें वे सदस्य भी शामिल हैं जिन्होंने बयान दिया था। आयोग ने आज शाम 6 बजे निर्वाचन सदन में मिलने पर सहमति जताई है।’
इससे पहले एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने ईवीएम मशीनों में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के प्रयास में चुनाव आयोग के साथ संभावित बैठक का संकेत दिया था।
उन्होंने कहा, ‘हम हरियाणा के अप्रत्याशित परिणाम का विश्लेषण कर रहे हैं। हम कई विधानसभा क्षेत्रों से आने वाली शिकायतों के बारे में चुनाव आयोग को बताएँगे। हरियाणा के सभी लोगों को उनके समर्थन और हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए हार्दिक धन्यवाद। हम अधिकारों, सामाजिक और आर्थिक न्याय, सच्चाई के लिए यह लड़ाई जारी रखेंगे और आपकी आवाज उठाते रहेंगे।’
जम्मू-कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया – प्रदेश में INDIA की जीत संविधान की जीत है, लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है।
हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।
सभी हरियाणा वासियों को…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 9, 2024
बता दें कि एग्जिट पोल और 10 साल की सत्ता विरोधी लहर को धता बताते हुए भाजपा ने हरियाणा में कांग्रेस पर लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। बीजेपी ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं। तीन निर्दलीय और इंडियन नेशनल लोकदल के दो उम्मीदवार भी विजयी हुए।
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था, ‘हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि यहां ईवीएम की बैट्री 99% थी। इन जगहों पर कांग्रेस को हराने वाले नतीजे आए। वहीं, जिन मशीनों को नहीं छेड़ा गया और जिनकी बैट्री 60%-70% थी, वहां हमें जीत मिली।’ उन्होंने कहा था कि ये तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार है, हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा है कि ‘हम इन सारी शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग जाएंगे।’
जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा था, ‘हरियाणा के नतीजे पूरी तरह से अप्रत्याशित, पूरी तरह से आश्चर्यजनक और विरोधाभासी हैं। यह वास्तविकता के खिलाफ है। यह हरियाणा के लोगों द्वारा तय किए गए बदलाव के खिलाफ है। इन परिस्थितियों में हमारे लिए आज घोषित परिणामों को स्वीकार करना संभव नहीं है। हरियाणा में आज हमने जो देखा है वह हेरफेर की जीत है, लोगों की इच्छा को विफल करने की जीत है और यह पारदर्शी, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की हार है। हरियाणा का अध्याय अभी पूरा नहीं हुआ है।’