इजरायली सेना ने ग़ज़ा पट्टी की ओर जा रहे एक सहायता जहाज को रोक लिया, जिसमें स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ता सवार थे। इस जहाज को इज़रायल की ओर डायवर्ट कर दिया गया है। इज़रायली विदेश मंत्रालय ने रविवार देर रात बताया कि इस पर यूके का झंडा लगा था। इस यॉट को ‘मदलीन’ के नाम से जाना जाता है। इसे प्रो-फिलिस्तीनी फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन (एफएफसी) संचालित करता है। इज़रायली सेना ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में उसे रोका था। मंत्रालय ने कहा कि जहाज के सभी यात्री सुरक्षित हैं। यात्रियों को उनके गृह देशों में वापस भेजा जाएगा।
मैडलीन ग़ज़ा से लगभग 100 मील (160 किमी) दूर था जब उसे रोका गया। यह जहाज़ इज़रायल की घेराबंदी के कारण भूख से मर रहे फ़िलिस्तीनियों को मानवीय सहायता पहुँचा रहा था। इज़रायल की सबसे हालिया पूर्ण नाकाबंदी 2 मार्च को शुरू हुई थी और बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण इसे आंशिक रूप से ही हटाया गया है।
इज़रायल ने 2007 से फिलिस्तीन की ज़मीन, समुद्र और हवाई नाकाबंदी बनाए रखने के बाद मौजूदा युद्ध के दौरान ग़ज़ा में 54,000 से ज़्यादा लोगों को मार डाला है।
ग्रेटा ने यात्रा से पहले कहा था, “हम यह कर रहे हैं क्योंकि हमें कोशिश करते रहना होगा, चाहे कितनी भी बाधाएं हों। चुप्पी और निष्क्रियता का जोखिम इस मिशन से कहीं अधिक घातक है।” उन्होंने इज़रायल के यहूदी-विरोधी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मिशन मानवता के लिए है।
फ्रांसीसी सांसद रीमा हसन ने कहा कि 200 से अधिक यूरोपीय सांसदों ने इजरायल से ‘मदलीन’ को ग़जा पहुंचने देने की अपील की थी। फ्रांस के विदेश व्यापार मंत्री लॉरेंट सेंट-मार्टिन ने कहा कि जहाज पर मौजूद छह फ्रांसीसी नागरिकों को कांसुलर सुरक्षा दी जाएगी।
फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन का आरोप: एफएफसी ने इज़रायल पर ‘मदलीन’ को जबरन रोकने और “पूरी तरह से मनमानी” कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। संगठन के एक आयोजक, हुवैदा अराफ ने कहा, “इज़रायल को अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों को हिरासत में लेने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।” जहाज पर ग्रेटा थनबर्ग के अलावा फ्रांसीसी यूरोपीय संसद सदस्य रीमा हसन और ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ अभिनेता लियाम कनिंघम सहित 12 कार्यकर्ता सवार थे। जहाज ग़ज़ा में मानवीय सहायता, जैसे चावल, बेबी फॉर्मूला, डायपर, और मेडिकल आपूर्ति पहुंचाने के मिशन पर था।
इज़रायल की मनमानी
इज़रायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने रविवार को कहा था कि वह ग़ज़ा की नौसैनिक नाकाबंदी को तोड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे, जिसका उद्देश्य हमास को हथियारों की आपूर्ति रोकना है। काट्ज ने ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथियों को “हमास के प्रचारक” और “यहूदी-विरोधी” करार देते हुए चेतावनी दी थी कि वे ग़जा नहीं पहुंच पाएंगे। इज़रायल का दावा है कि यह नाकाबंदी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
ग़ज़ा में 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के नेतृत्व में हुए हमले के बाद, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 251 को बंधक बनाया गया, इज़रायल ने ग़ज़ा पर कड़ी नाकाबंदी लागू की थी। ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 54,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि ग़ज़ा की 23 लाख आबादी भुखमरी के कगार पर है।
फ्रीडम फ्लोटिला ने पहले भी ग़ज़ा की नाकाबंदी तोड़ने की कोशिश की है। 2010 में, तुर्की के एक जहाज ‘मावी मरमारा’ पर इज़रायली कमांडो ने छापा मारा था, जिसमें 10 लोग मारे गए थे। पिछले महीने, एफएफसी के एक अन्य जहाज ‘कॉन्साइंस’ पर माल्टा के पास ड्रोन हमला हुआ था, जिसके लिए संगठन ने इज़रायल को जिम्मेदार ठहराया था।