RSS Meeting :�लोकसभा चुनाव के बाद से जातीय जनगणना को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श तेज हो गया है, हालांकि इससे पहले भी यह मुद्दा उठाया जाता रहा है। चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक दलों को ऐसे मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंकते हुए देखा गया है। अब इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से बड़ा बयान आया है। आरएसएस ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, ताकि सामाजिक एकता और अखंडता बनी रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक केरल के पलक्कड़ में 31 अगस्त से चल रही थी, जिसका आज यानी दो सितम्बर को समापन हुआ है। बैठक में जातीय जनगणना, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप व हत्या की वारदात और पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हुई हिंसा जैसे कई अन्य बड़े मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया और रणनीति तैयार की गई। बैठक में आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि समाज में ऊंच-नीच को खत्म करने के निरंतर प्रयास करने चाहिए, इसके लिए समाजाजिक गतिविधियों से संबंधित कामों को और तेज करना होगा। आपसी भाईचारे को बनाए रखना, इसके साथ ही आपस में लोगों का प्यार बना रहे, तभी सामाजिक समरसता का प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमें एकजुट रहना है, ताकि समाजिक समरसता बनी रहे। उन्होंने आगे कहा कि समाज को जातियों में तोड़ना और उससे उत्पन्न परिस्थितियों का फायदा उठाना राजनीतिक दलों के लोगों का काम है।�