उत्तर प्रदेश के झाँसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार देर रात लगी भीषण आग में जलने और दम घुटने से कम से कम शनिवार सुबह तक 10 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। अभी जो सूचना उपलब्ध है, उसके मुताबिक मेडिकल कॉलेज में आग बिजली के शॉर्ट-सर्किट के कारण लगी, जिससे पूरे वार्ड में घना धुआँ भर गया। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने मीडिया को बताया कि शायद बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण एनआईसीयू में रात करीब 10.45 बजे आग लग गई। ऑक्सीजन सिलेंडरों के कारण वार्ड जल्दी ही एक टिंडरबॉक्स बन गया, क्योंकि ऑक्सीजन अत्यधिक ज्वलनशील होती है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, इस वजह से आग कुछ ही सेकंड में फैल गई।
झांसी मेडिकल कॉलेज में नन्हीं जानों को खोने वाले परिजनों का दर्द सिर्फ महसूस कीजिए…
इस अग्निकांड में 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गए, कईयों की हालत बेहद नाजुक बनी है। #Jhansi #Up pic.twitter.com/2YOV7lyuO6
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 16, 2024
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सबसे पहले शुक्रवार रात करीब 10:45 बजे एनआईसीयू से धुआं निकलते देखा गया। आसपास के लोगों के शोर मचाने पर दहशत फैल गई। इससे पहले कि कोई कुछ कर पाता, आग की लपटों ने वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। बच्चों को निकालने के प्रयासों के बावजूद, घने धुएं और आग की लपटों के कारण दरवाज़ा बंद हो गया, जिससे उन्हें समय पर बचाना असंभव हो गया। कुछ देर बाद ही अग्निशमन कर्मी घटनास्थल पर पहुंचने में सफल रहे और अन्य शिशुओं को बचाने में कामयाब रहे।
नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, 37 नवजात शिशुओं को वार्ड से बचाया गया, जबकि घबराए रिश्तेदार अस्पताल में जमा है और अपने बच्चों के बारे में जानकारी की गुहार लगा रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) झाँसी सुधा सिंह ने शनिवार को पहले कहा था कि इस घटना में घायल हुए अन्य 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जब यह घटना हुई तब एनआईसीयू में 50 से अधिक बच्चे भर्ती थे। उन्होंने कहा कि उनके लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं।
झाँसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुई 10मासूम बच्चों की मौत का दृश्य काफ़ी दर्दनाक और विचलित करने वाला है, आँखों में आँसू आ जा रहें है देख कर।
माँ बाप पर क्या बीत रही होगी कल्पना कर सकते है,
भगवान परिवार को सहने की शक्ति दे 🙏 pic.twitter.com/6AQazsfbFA
— Rajeev Rai (@RajeevRai) November 16, 2024
पीटीआई ने एसएसपी के हवाले से बताया कि मेडिकल कॉलेज ने जानकारी दी है कि घटना के वक्त 52 से 54 बच्चे भर्ती थे। उनमें से 10 की मौत हो गई है, 16 का इलाज चल रहा है जबकि अन्य की पहचान जारी है।”
⚠️ Disturbing Visual ⚠️
झांसी, UP का मेडिकल कॉलेज श्मशान घाट बन गया। 10 नवजात बच्चे मशीन पर रखे–रखे जिंदा जल गए। ये दर्दनाक तस्वीरें देखिए। लोग किस तरह जले हुए मासूम बच्चों को उठाकर भाग रहे हैं। https://t.co/yeT0j8jO4U pic.twitter.com/vM2KUztfI5
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 16, 2024
शनिवार सुबह झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने कहा कि वार्ड में कुल 49 बच्चे थे, जिसकी क्षमता केवल 18 बिस्तरों की है। उन्होंने बताया कि सात बच्चों के शवों की पहचान कर ली गई है, जबकि तीन अज्ञात हैं। ब्रिजेश पाठक ने कहा कि उनकी पहचान स्थापित करने और उनके परिवार के सदस्यों तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं। पाठक ने कहा कि आग में घायल हुए 17 अन्य बच्चों का वर्तमान में मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विंग और विभिन्न निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से सात को निजी सुविधाओं में भर्ती कराया गया है।