आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में बँटने वाले लड्डू पर बड़ा विवाद हो गया है। लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मछली के तेल और पशु के वसा का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगा है। कथित तौर पर इसकी पुष्टि एक निजी लैब की रिपोर्ट में हुई है। इस रिपोर्ट को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने प्रतिद्वंद्वी वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख और पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की आलोचना की है।
नायडू के बेटे और आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी इसको लेकर बड़ा हमला किया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया।’
The lord venkateswara swamy temple at Tirumala is our most sacred temple. I am shocked to learn that the @ysjagan administration used animal fat instead of ghee in the tirupati Prasadam. Shame on @ysjagan and the @ysrcparty government that couldn’t respect the religious… pic.twitter.com/UDFC2WsoLP
— Lokesh Nara (@naralokesh) September 18, 2024
गुजरात में केंद्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पशुधन और खाद्य विश्लेषण और अध्ययन केंद्र या सीएएलएफ़ की प्रयोगशाला की 17 जुलाई की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट को बुधवार को जारी किया गया है। इसमें कहा गया कि वाईएसआरसीपी के सत्ता में रहने के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में पशु वसा पाई गई।
रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि घी में मछली के तेल, गोमांस की चर्बी और एक अन्य चर्बी के अंश मिले हैं। जो आख़िर वाली चर्बी है वह एक क़रीब-क़रीब ठोस सफेद वसा उत्पाद है जो सूअर के वसायुक्त ऊतक को पिघलाने से बनता है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले अमरावती में विधायक दल की बैठक में कहा था, ‘यहां तक कि तिरुपति के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे… उन्होंने घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया।’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब घी सहित उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, और यह कि प्रतिष्ठित मंदिर में सभी खाद्य प्रसाद अब बेहतर गुणवत्ता के हैं।
चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बाद आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी इस मुद्दे पर जगन मोहन रेड्डी सरकार पर निशाना साधा। इस बीच, वाईएसआरसीपी ने नायडू के आरोप को दुर्भावनापूर्ण करार दिया और कहा कि टीडीपी सुप्रीमो राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।
वाईएसआरसीपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्बा रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू ने अपनी टिप्पणियों से पवित्र तिरुमाला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को गंभीर रूप से नुक़सान पहुंचाया है। सुब्बा रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘तिरुमाला प्रसादम के बारे में उनकी टिप्पणी बेहद दुर्भावनापूर्ण है। कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलेगा या ऐसे आरोप नहीं लगाएगा।’
आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाई एस शर्मिला ने यह पता लगाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की कि क्या मिठाई बनाने के लिए वास्तव में पशु के वसा का इस्तेमाल किया गया था। शर्मिला ने कहा कि नायडू के आरोपों से करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है, जो भगवान वेंकटेश्वर को पूज्य देवता मानते हैं। शर्मिला ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘तुरंत एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करें या सीबीआई से जांच कराएं कि क्या घी के बजाय पशु के वसा का इस्तेमाल किया गया था।’
विश्व हिंदू परिषद ने इसे गंभीर मुद्दा करार दिया है और तिरुपति के लड्डू में पशु वसा का इस्तेमाल करने वालों को सजा देने की मांग की है। भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने कहा, ‘यह बात सामने आई है कि आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी के शासन में पवित्र तिरुपति लड्डू प्रसादम में गोमांस की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।’