पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वही भाषा बोलेगा, जो देश की 140 करोड़ जनता चाहती है। राजनाथ सिंह ने पहलगाम हमले के लिए ज़िम्मेदार आतंकियों और उनके आकाओं को कड़ा सबक सिखाने का वादा किया।
उनका यह बयान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर आया है। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, जिसे भारत ने न केवल कायराना हरकत, बल्कि देश की आत्मा पर हमला करार दिया। इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। केंद्र सरकार ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा बताया, क्योंकि जांच में हमले की साजिश के तार सीमा पार से जुड़े।
दिल्ली के आनंद धाम आश्रम में ‘सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव’ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह केवल निहत्थे पर्यटकों पर हमला नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और एकता पर प्रहार है। मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि हम न केवल हमलावरों तक पहुंचेंगे, बल्कि पर्दे के पीछे बैठकर साजिश रचने वालों को भी सबक सिखाएंगे।’
उन्होंने पाकिस्तान को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा, ‘पाकिस्तान का इतिहास आतंकवाद को पनाह देने और उसे बढ़ावा देने का रहा है। लेकिन यह नरेंद्र मोदी का भारत है। देश जैसा चाहता है, वैसा ही होगा। पीएम मोदी उसी भाषा में जवाब देंगे, जो 140 करोड़ भारतीयों की इच्छा है।’ राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना की तारीफ़ करते हुए कहा कि हमारे सैनिक हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं, और आतंकवाद के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कड़ा रुख अपनाया है। हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर उन्होंने कहा था,
पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया और कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति आतंक के आकाओं की कमर तोड़ देगी।
मोदी ने 29 अप्रैल को एक उच्च स्तरीय बैठक में तीनों सेनाओं को पूरी छूट दी कि वे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का समय, स्थान और तरीका खुद तय करें। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे। पीएम ने कहा, ‘आतंकवाद का समूल नाश करना हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है। मुझे भारतीय सेना की क्षमता पर पूरा भरोसा है।’
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रोकना शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी आक्रामक रुख अपनाया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में भारत के साथ व्यापार, हवाई क्षेत्र और द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने की घोषणा की गई। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, ‘हम भारत के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देंगे।’
पाकिस्तान ने भारत के सिंधु जल संधि निलंबन के फैसले को युद्ध की कार्रवाई करार दिया और कहा कि वह इसका पूरी ताकत से जवाब देगा।
हमले के बाद केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और पीओके पर कब्जा करने की बात कही। हालांकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमले को खुफिया विफलता करार दिया और सरकार से पीड़ित परिवारों को 10 करोड़ रुपये की सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने साफ़ कर दिया है कि वह आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। राजनाथ सिंह और पीएम मोदी के बयानों से संकेत मिलता है कि भारत जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकता है, जैसा कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमले में देखा गया था। जानकारों का मानना है कि भारत की जवाबी कार्रवाई सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक स्तर पर हो सकती है।