जया बच्चन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को एक बार फिर भिड़ गए जब सांसद जया बच्चन ने उपराष्ट्रपति पर उनसे “ठीक टोन” (लहजे) में बात न करने और अनादर दिखाने का आरोप लगाया। टकराव बढ़ने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य राज्यसभा से बाहर चले गए।
शुक्रवार को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने जगदीप धनखड़ के लहजे पर असहमति जताते हुए कहा कि एक एक्ट्रेस के रूप में, वह शारीरिक भाषा और भावों को समझती हैं। सभापति धनखड़ के बोलने का तरीका उन्हें अस्वीकार्य है। दरअसल, धनखड़ बेकार की बातें बोलते हैं, जिस पर सांसद आपत्ति जताते हैं। जैसे शुक्रवार को धनखड़ ने फिर से जया बच्चन को “जया अमिताभ बच्चन” कह कर संबोधित किया। हालांकि संसद में जया बच्चन ही उनका नाम दर्ज है। बाहर भी उनका यही नाम है। इस सप्ताह धनखड़ ने दूसरी बार उनका नाम गलत ढंग से लिया। तथ्यात्मक रूप से धनखड़ सही हो सकते हैं लेकिन सांसद का कहना है कि उनका जो नाम सरकारी तौर पर है, वही लिया जाए।
जया बच्चन ने जब धनखड़ के लहजे को गलत कहा तो धनखड़ ने फौरन ही उसका जवाब दिया। धनखड़ ने कहा- “जया जी, आपने बहुत नाम कमाया है। आप जानती हैं कि एक अभिनेता निर्देशक के अधीन होता है। लेकिन हर दिन मैं खुद को दोहराना नहीं चाहता। हर दिन मैं स्कूली शिक्षा नहीं लेना चाहता। आप मेरे लहजे के बारे में बात कर रही हैं बहुत हो गया। आप कोई भी हो सकती हैं। आपको मर्यादा को समझना होगा। आप एक सेलिब्रिटी हो सकती हैं लेकिन मर्यादा को स्वीकार करें।”
सोनिया गांधी के नेतृत्व में राज्यसभा से वॉकआउट करने के बाद जया बच्चन ने राज्यसभा सभापति पर और भी निशाना साधा। जया बच्चन ने मीडिया के सामने कहा- “…मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किये गये लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप यह कैसे कर सकते हैं आपको विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति देनी होगी…मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का प्रयोग करना जो मैं आप सभी के सामने नहीं कहना चाहती। वो सांसदों को उपद्रवी, ‘बुद्धिहीन’ कहते रहते हैं।”
जया बच्चन ने पत्रकारों को बताया कि “उन्होंने कहा कि आप एक सेलिब्रिटी हो सकती हैं, मुझे परवाह नहीं है। मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं। मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मुझे पता है कि मैं क्या कह रही हूं। जिस तरह से चीजें हो रही हैं इन दिनों संसद में बोला गया, पहले कभी किसी ने नहीं बोला, मैं माफी चाहती हूं।”