पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। किडनी की खराबी के चलते वे पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती हैं, और अब एक बार फिर ICU में शिफ्ट किया गया है। इस नाजुक दौर में उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर एक मार्मिक वीडियो संदेश जारी कर देश के लोगों से सीधा संवाद किया।
अपने संदेश में मलिक ने कहा: “जब मैं गवर्नर था तो मुझे ₹150-150 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी, पर मैंने चौधरी चरण सिंह जी के दिखाए रास्ते पर चलते हुए ईमानदारी से काम किया।” उन्होंने बताया कि: किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने खुलेआम किसानों का समर्थन किया। महिला पहलवानों के साथ हुए अन्याय पर वे जंतर-मंतर और इंडिया गेट तक उनके साथ खड़े रहे। पुलवामा हमले को लेकर उन्होंने सरकार से जांच की मांग की, पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सादगी और संघर्ष की पहचान
सत्यपाल मलिक का जन्म 25 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत में हुआ था। उन्होंने:
मेरठ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की।
1974 में राज्यसभा के सबसे युवा सांसद बने।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में सांसद रहे।
बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे।
2019 में जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल ऐतिहासिक रहा, जब अनुच्छेद 370 हटाया गया।
मलिक हमेशा बेबाक और निष्पक्ष राय के लिए जाने गए।
उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए पुलवामा हमले में लापरवाही का आरोप लगाया था।
उन्होंने केंद्र सरकार पर CBI से डराने और झूठे चार्जशीट की धमकी देने का भी आरोप लगाया।
उनका दावा है कि उन्होंने जिस टेंडर में भ्रष्टाचार देखा, उसे स्वयं निरस्त किया और प्रधानमंत्री को जानकारी दी थी, लेकिन तबादले के बाद वह टेंडर किसी और ने पास कर दिया।
मलिक ने कहा: “50 साल से अधिक के सार्वजनिक जीवन के बाद भी मैं एक कमरे के मकान में रहता हूं और कर्ज में डूबा हूं। अगर पैसे होते तो मैं प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा रहा होता।”
यह वीडियो उस समय का है जब उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डायलिसिस के लिए ले जाया जा रहा था। उनके साथ थे: वरिष्ठ पत्रकार जगदीप सिंह सिंधु, उनके निजी सचिव राणा जी और वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडेय। सत्यपाल मलिक की यह भावनात्मक अपील एक ऐसे नेता की आवाज़ है जो न झुका, न बिका, और न ही सत्ता के सामने चुप रहा। उनकी हालत गंभीर है, पर उनकी सच्चाई आज पूरे देश को झकझोर रही है। उनका एक ही सवाल है- “सरकार बताए कि छानबीन में मेरे पास से क्या मिला?”