Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​और अन्य ​पाकिस्तान के लिए कथित जासूसी में गिरफ्तार
    • रूस ने यूक्रेन में एक यात्री बस पर रूस ने ड्रोन अटैक कर दिया, बस में हुए धमाके में कम से कम 9 लोगों के मारे जाने की खबर
    • मर चुकी मां के गर्भ में पल रहा भ्रूण, 3 महीने बाद लेगा जन्म! दुनिया में छिड़ गई बहस
    • कभी थरूर के लिए कहा था- 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड, आज बीजेपी का सबसे प्रिय शख्स
    • मोदी चले नेहरू की राह पर? शशि थरूर से पहले भी एक PM ने विदेश में मनवाया था भारत का लोहा!
    • Bihar Election 2025: बिहार में कांग्रेस का ‘रील कैप्टन’ कौन? राहुल या कोई और? अपने ही भ्रमजाल में फंसी कांग्रेस
    • PM शरीफ ने माना भारत के ऑपरेशन सिंदूर से नूरखान एयरबेस समेत कई ठिकाने हुए तबाह
    • औरंगजेब पर लाखों खर्च: क्या सच में एक साधारण मकबरे पर पर मेहरबान भारत सरकार, आइए जाने कब्र की सियासत
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » फडणवीस सरकार के सौ दिन- ‘अपनों’ से ही निपटने में गुज़र गए?
    भारत

    फडणवीस सरकार के सौ दिन- ‘अपनों’ से ही निपटने में गुज़र गए?

    By March 19, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    मराठी में एक कहावत है कि दो कदम आगे और एक कदम पीछे। असल में ये लड़ाई की एक कहावत है जहां सेना इतनी बड़ी हो जाती है कि वो इसी शैली में बहुत धीमे ही काम करती है। महाराष्ट्र में प्रचंड बहुमत से जीती देवेंद्र फडणवीस सरकार के सौ दिन पूरे हो गये हैं लेकिन सरकार भी इसी रफ्तार में बस कागजों पर काम कर रही है।

    ये पहली बार महाराष्ट्र में हुआ जहां पर तीन दलों की महायुति सरकार को सबसे ज़्यादा बहुमत मिला। अकेले भाजपा ही महाराष्ट्र में अब तक की अपनी सबसे ज़्यादा सीटें 135 जीतने में कामयाब रही। उसके बाद वैसे तो उसे सरकार बनाने के लिए निर्दलीय ही काफी थे लेकिन फिर भी दिल्ली की मजबूरी के चलते एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस को साथ में लेना पड़ा। फिर भी सरकार के पास दो तिहाई से भी ज़्यादा बहुमत है और सरकार चाहे तो पहले ही दिन से कमाल कर सकती थी। लेकिन सरकार बनने के बाद से ही दिन अच्छे नहीं चल रहे। पहले तो सरकार बनने और मंत्रिमंडल गठन में ही बहुत से दिन निकल गये फिर अब तक तीनों दलों में समन्वय ही नहीं दिख रहा है।

    शिंदे और फडणवीस की अदावत

    मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक बार बैठ चुके एकनाथ शिंदे को लगता था कि चुनाव के बाद उनको फिर से मौक़ा मिलेगा, लेकिन बीजेपी ने उनका इस्तेमाल तो कर लिया पर सीएम नहीं बनाया। सीएम बीजेपी के फडणवीस बन गये। देवेंद्र ने आते ही सारे सूत्र अपने हाथ में ले लिये। यहां तक कि फरमान जारी कर दिया कि मंत्रियों के सचिव और ओएसडी भी सीएमओ ही तय करेगा इसलिए अब तक तीन महीने बीतने पर भी ये काम पूरा नहीं हो पा रहा है। देवेंद्र ने यह तक कह दिया कि जो दलाल के तौर पर घोषित रहे उनको मंत्रालय में आने को नहीं मिलेगा और कोई भी निजी व्यक्ति किसी मंत्री का ओएसडी नहीं बनेगा। इससे सरकार के मंत्री हाथ मलते रह गये क्योंकि सिस्टम में पीए-पीएस और ओएसडी के ज़रिये ही काम होते रहे हैं। एक मंत्री माणिकराव कोकाटे ने तो खुलकर कह दिया कि हम तो बस नाम के मंत्री हैं, सरकार में वही होगा जो देवेंद्र चाहेंगे। इन कदमों ने देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री पर मान जाने वाले एकनाथ शिंदे के बीच अदावत बढ़ती जा रही है।

    शिंदे पर लग रहे दाग

    फडणवीस ने सीएम बनते ही सारे सचिवों को सौ दिन के कार्यक्रम बनाने और विभागीय जांच करने का काम दे दिया। इसका मक़सद था कि शिंदे सरकार में जो भी ग़लत काम हुए उनकी फाइल खोली जाए। 

    अब तक दस से ज्यादा बड़े टेंडर रद्द भी कर दिये गये हैं और बिना बोले ही ये आरोप भी लगा दिया कि शिंदे सरकार में जमकर करप्शन हुआ है और वो इसे नहीं चलने देंगे।

    बस की खऱीदी में घोटाला। दवाई खरीद में घोटाला। जमीन आवंटन में घोटाला और कचरा उठाने के ठेके में घोटाले जैसे कई काम शिंदे ने अपने लोगों को दिये थे, लेकिन फडणवीस लगातार इस तरह के काम रद्द कर रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी को भी ये मैसेज साफ़ दे दिया गया है, चाहे शिंदे कुछ भी कहें बिना फडणवीस के कहे कोई काम नहीं होगा। इस तरह सरकार पर लगाम लगातार लग रही है। कई खेमों से बात उठ रही है कि बीजेपी जब चाहेगी शिंदे के नौ में आठ सांसद और 57 में से कम से 45 विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल कर देगी। यहाँ तक कि शिंदे को अपनी पार्टी के विस्तार से भी रोक दिया है। शिंदे के साथ लोग तब तक ही हैं जब तक बीजेपी चाहेगी इसलिए शिंदे चुपचाप मुंह दबाकर बैठे हैं, वो कुछ बोल भी नहीं पा रहे, बस खुद को डीसीएम यानी डेडीकेडेट कामन मैन बता रहे हैं। लेकिन शिंदे को निपटाने के चक्कर में महायुति पर लगातार करप्शन का दाग लग रहा है। 

    पहले ही सेशन में विकेट गिरा 

    ऐसा वैसे तो होना नहीं चाहिये लेकिन हो गया। जो सरकार इतनी मजबूत हो कि कुछ भी कर सकती है उसके ही पहले विधानसभा सेशन में सरकार का विकेट गिर गया। असल में धनंजय मुंडे जो कभी देवेंद्र फडणवीस के खास थे और अजित पवार के संटकमोचक, वो बीड में एक सरपंच देशमुख की हत्या के मामले में ऐसे उलझे कि निकल ही नहीं पाये। हत्या के आरोपी वाल्मीकि कराड पर एक एनर्जी कंपनी अवाडा से दो करोड़ रुपये वसूलने और उसके लिए सरपंच की हत्या करने का आरोप लगा। ये मामला भी बीजेपी के ही विधायक सुरेश धस ने जमकर उठाया। पहले लगा कि बीजेपी जानबूझकर ये मामला करा रही है क्योंकि वो शिंदे के बाद अजित पवार को कंट्रोल करना चाहती है, लेकिन ये मामला बिगड़ता चला गया। धनंजय मुंडे के चरित्र पर सवाल उठने शुरू हो गये। और इतना ही नहीं, उनकी पूर्व पत्नी से भी वो मेंटनेंस का केस हार गये। सरकार की लगातार फजीहत के बाद आखिर उनको इस्तीफा देना ही पड़ा। इससे हारे हुए विपक्ष में जान आ गयी वो अब सरकार को लगातार घेरने में लगा हुआ है। 

    एक और मंत्री माणिकराव कोकाटे को एक अन्य मामले में दो साल की सजा हो चुकी है। नियम के हिसाब से कुर्सी जानी चाहिए लेकिन अदालती रोक का बहाना लेकर उनको बचाया जा रहा है। पर उनका विकेट भी कमजोर है। अगर वो भी चले गये तो क्रिकेट की भाषा में कहें तो शुरुआत अच्छी नहीं होगी और रन रेट कम हो जायेगा। वो तो गनीमत है कि विपक्ष इतना कमजोर है। विपक्ष के तीनों दलों में तालमेल नहीं है, वरना अगर संख्या का गणित ठीक होता तो सरकार चलाना मुश्किल होता।

    ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’

    फडणवीस वैसे तो पारंपरिक तौर पर मराठी में खजांची को कहते हैं और देवेंद्र के पुरखे भी यही काम करते रहे थे लेकिन महाराष्ट्र में इस समय सरकार का खजाना खाली है और सरकार पर जमकर कर्ज चढ़ा हुआ है। बजट ही 45 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा घाटे का दिखाया गया है। चुनाव में जमकर घोषणाएँ तो कर दी गयीं लेकिन अब उनको पूरा करना गले की हड्डी बन गया है। लाड़की बहिन को 2100 रुपये देने के वादे से सरकार मुकर गयी है और 1500 रुपये देने में भी बहुतों के नाम काट दिये गये हैं। उसमें भी बचने के कई रास्ते तलाशे जा रहे हैं। सरकार के पास खजाने में पैसा नहीं है, इसलिए फडणवीस ने आते ही हर विभाग को तीस प्रतिशत की कमी करने के आदेश दे दिये हैं। हालात तो ये हैं कि पीडब्ल्यूडी के कांट्रैक्टर पेमेंट नहीं होने के कारण सारे काम बंद कर चुके हैं। ऐसे में अब ध्यान भटकाने के लिए कभी औरंगजेब तो कभी कोई और नाम से माहौल गरमाया जा रहा है, लेकिन इससे ज़्यादा देर तक काम नहीं चलेगा।  अगर सरकार ने ठीक से काम नहीं किया तो आने वाले समय में महानगरपालिका और लोकल बॉडी चुनाव में सरकार को मुश्किल आ सकती है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleSahara Desert History: अफ्रीका में सहारा मरुस्थल क्यों और कैसे बना? आइये जानते है
    Next Article इजरायल ने लगातार दूसरे दिन गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए , 14 फिलिस्तीनियों की मौत

    Related Posts

    ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​और अन्य ​पाकिस्तान के लिए कथित जासूसी में गिरफ्तार

    May 17, 2025

    कभी थरूर के लिए कहा था- 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड, आज बीजेपी का सबसे प्रिय शख्स

    May 17, 2025

    सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंजूरी के ‘एक्स-पोस्ट-फैक्टो’ रास्ते को अवैध घोषित किया

    May 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025

    पलायन का दुश्चक्र: बुंदेलखंड की खाली स्लेट की कहानी

    April 30, 2025

    शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

    April 15, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    रूस ने यूक्रेन में एक यात्री बस पर रूस ने ड्रोन अटैक कर दिया, बस में हुए धमाके में कम से कम 9 लोगों के मारे जाने की खबर

    May 17, 2025

    मर चुकी मां के गर्भ में पल रहा भ्रूण, 3 महीने बाद लेगा जन्म! दुनिया में छिड़ गई बहस

    May 17, 2025

    PM शरीफ ने माना भारत के ऑपरेशन सिंदूर से नूरखान एयरबेस समेत कई ठिकाने हुए तबाह

    May 17, 2025
    एजुकेशन

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025

    NEET UG 2025 एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड

    April 30, 2025

    योगी सरकार की फ्री कोचिंग में पढ़कर 13 बच्चों ने पास की UPSC की परीक्षा

    April 22, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.