Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • प्रो. रविकांत पर मुक़दमा चलाने की मंजूरी देने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी पर सवाल क्यों?
    • भारतीयों को बांग्लादेश क्यों धकेला ? ममता सरकार ने कराई घर वापसी
    • ट्रंप की ईरान को धमकी, बिना शर्त आत्मसमर्पण करो
    • शांति के लिए ख़तरा बनी इसराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद की जन्म-कथा!
    • भारत का यह मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जिसमें एक पूरा शहर बसा है, यूरोप की वेटिकन सिटी से भी विशाल है!
    • इसराइल-ईरान युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका? जानें क्या असर होगा
    • यूएस और ईरान के बीच अहम बैठक के संकेत, किसको तेहरान भेज रहे हैं ट्रम्प
    • हैदराबाद का फलकनुमा पैलेस, मानो हिंदुस्तान की धरती पर आसमान का एक टुकड़ा उतर आया हो, लेकिन इसे बनवाने वाले नवाब को इसकी भव्यता ने कंगाल कर दिया
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » फूलों की घाटी फिर से महकी: उत्तराखंड का यह अनमोल रत्न 2025 के पर्यटन सीजन के लिए खुला
    Tourism

    फूलों की घाटी फिर से महकी: उत्तराखंड का यह अनमोल रत्न 2025 के पर्यटन सीजन के लिए खुला

    Janta YojanaBy Janta YojanaJune 2, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Precious Gem of Uttarakhand (Image Credit-Social Media)

    Precious Gem of Uttarakhand (Image Credit-Social Media)

    नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित, मनोहारी फूलों की घाटी — जो एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है — ने 1 जून 2025 से पर्यटकों के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं। हर साल केवल चार महीनों के लिए खुलने वाली यह घाटी सितंबर के अंत तक खुली रहेगी और अक्टूबर की शुरुआत में बंद कर दी जाएगी, जब बर्फबारी के कारण यह क्षेत्र असुरक्षित हो जाता है।

    हिमालय की गोद में बसा फूलों का स्वर्ग

    87.5 वर्ग किलोमीटर में फैली यह घाटी गढ़वाल हिमालय में स्थित है और प्रकृति की अनुपम कलाकारी का जीता-जागता उदाहरण है। जून से सितंबर के बीच यह घाटी रंग-बिरंगे फूलों से सजी होती है — जिसमें हिमालयी ब्लू पॉपी, ब्रह्मकमल और कोबरा लिली जैसे दुर्लभ फूल खिलते हैं। 3,200 मीटर से लेकर 6,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व का हिस्सा है, जिसे जैव विविधता और पारिस्थितिकी दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

    फूलों के अलावा, यह घाटी वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। हिमालयी मोनाल, कस्तूरी मृग और हिम तेंदुआ जैसे दुर्लभ जीव यहां देखे जा सकते हैं। साथ ही 100 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ, जैसे हिमालयन गोल्डन ईगल, पक्षी प्रेमियों को आकर्षित करती हैं। घाटी के बीच से बहती पुष्पावती नदी इसकी सुंदरता को और भी रहस्यमय बना देती है, जिससे यह ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनमोल गंतव्य बन जाती है।

    2025 में क्यों करें यात्रा?

    इस वर्ष घाटी के खुलने को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि हाल ही में इस नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए संरक्षण उपायों को सख्ती से लागू किया गया है। अब प्रतिदिन अधिकतम 500 पर्यटकों को ही प्रवेश की अनुमति होगी और ट्रेक पर जाने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।

    इस घाटी का आध्यात्मिक महत्व भी कम नहीं है — इसके समीप स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, एक पवित्र सिख तीर्थ स्थल है, जहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु पहुँचते हैं।

    पर्यटन विभाग के अनुसार इस बार अग्रिम बुकिंग में तेजी देखी गई है, और ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसे देशों से भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटक घाटी की सैर के लिए आ रहे हैं। फूलों की घाटी केवल एक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो प्रकृति से आपको पुनः जोड़ता है।

    यात्रा की योजना कैसे बनाएं?

    घूमने की योजना बना रहे पर्यटकों के लिए अच्छी तैयारी जरूरी है। फूलों की घाटी की यात्रा गोविंदघाट से शुरू होती है, जहाँ से एक 13 किलोमीटर लंबा ट्रेक पार करके घाटी पहुंचा जाता है। निकटतम बड़ा शहर जोशीमठ है, जो बेस कैंप के रूप में कार्य करता है और जहाँ बजट गेस्टहाउस से लेकर मध्यम दर्जे के होटल उपलब्ध हैं।

    घाटी में प्रवेश के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होती है, जो गोविंदघाट में प्राप्त की जा सकती है — भारतीय नागरिकों के लिए ₹150 और विदेशी नागरिकों के लिए ₹600 का शुल्क निर्धारित है।

    प्रवेश के लिए कुछ आवश्यक सुझाव:

    • मजबूत ट्रेकिंग जूते, रेनकोट, और गर्म कपड़े साथ रखें, क्योंकि मौसम कभी भी बदल सकता है।

    • तापमान 10°C से 20°C के बीच रहता है।

    • प्लास्टिक प्रतिबंधित है, और पर्यटकों को अपने कचरे को साथ वापस ले जाना आवश्यक है।

    • जुलाई और अगस्त में जब फूल पूरे खिलते हैं, तब स्थानीय गाइड और कुली की मांग बहुत अधिक रहती है — अतः पहले से बुकिंग करें।

    • यह ऊँचाई वाला ट्रेक है, अतः मध्यम स्तर की फिटनेस जरूरी है।

    • उंचाई से होने वाली बीमारी (altitude sickness) से बचने के लिए जोशीमठ में एक दिन पहले से ठहरने की सलाह दी जाती है।

    प्रकृति की इस कृति को स्वयं अनुभव करें

    2025 के लिए फूलों की घाटी अब पूरी तरह पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। यह घाटी प्रकृति प्रेमियों, वनस्पति वैज्ञानिकों और आध्यात्मिक खोजकर्ताओं — सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। चाहे आप इसके दुर्लभ फूलों से मोहित हों, विविध जीवों की खोज में हों या केवल इसके शांत वातावरण का आनंद लेना चाहते हों — यह हिमालयी रत्न एक अविस्मरणीय अनुभव की गारंटी देता है।

    जल्दी योजना बनाएं, पर्यावरण के प्रति सजग रहें, और दुनिया की सबसे मनोहर घाटियों में से एक को आत्मसात करने के लिए निकल पड़ें।

    अधिक जानकारी, परमिट और यात्रा व्यवस्था के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या गोविंदघाट में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleक्या देशभक्त होना इतना बड़ा गुनाह …. सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस से इशारों में पूछे सवाले, देश में हो रहे बवाल पर जताया दुख
    Next Article Satya Hindi News Bulletin । 02 मई, 8 बजे की ख़बरें
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    भारत का यह मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जिसमें एक पूरा शहर बसा है, यूरोप की वेटिकन सिटी से भी विशाल है!

    June 17, 2025

    हैदराबाद का फलकनुमा पैलेस, मानो हिंदुस्तान की धरती पर आसमान का एक टुकड़ा उतर आया हो, लेकिन इसे बनवाने वाले नवाब को इसकी भव्यता ने कंगाल कर दिया

    June 17, 2025

    बारिश, ब्रेक और बॉन्डिंग- मानसून माइक्रोकैशन से बदलती वीकेंड ट्रैवल की तस्वीर

    June 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.