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BJP Jiladhyaksh: भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को करीब 55 जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है। भाजपा के ये जिलाध्यक्ष ही 2027 के विधानसभा चुनाव में सिपहसालार होंगे। चुनाव परिणाम में मुख्य भूमिका इन जिलाध्यक्षों की रहेगी। इसके मद्देनजर रखते हुए भाजपा ने ओबीसी और बाह्मण चेहरों पर ही पूरी रणनीति तैयार की है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में 312 सीटों पर भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2022 के चुनाव में ये सीटें 255 ही रह गईं। भाजपा ने इस गिरते ग्राफ फिर से ऊपर चढ़ाने के लिए इस बार ब्राह्मण और ओबीसी चेहरों पर दांव खेला है। अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित औऱ अल्पसंख्यक) फॉर्मूले का काट तैयार किया है। भाजपा ने इस बार सबसे अधिक 22 ओबीसी जिलाध्यक्ष चुना है, दूसरे स्थान में ब्राह्मणों को प्राथमिकता दी है। सूची में 14 ब्राह्मण चेहरों को जगह मिली है। वहीं, 11 क्षत्रिय, एक जाट और दो भूमिहार को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा पांच एससी एसटी को सिपहसालार चुना है। वहीं, 55 नामों में दो महिलाओं को भी जगह दी गई है। भाजपा ने कुछ जिलों के अध्यक्षों को उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर एक बार फिर से मौका दिया है।
भाजपा की जातीय समीकरण
ब्राह्मण – 14 जिलाध्यक्ष
क्षत्रिय – 11 जिलाध्यक्ष
ओबीसी – 22 जिलाध्यक्ष
एससी/एसटी – 5 जिलाध्यक्ष
जाट – 1 जिलाध्यक्ष
भूमिहार – 2
जहां भाजपा की जमानत हुई थी जब्त, वहां किसको मौका?
प्रतापगढ़ की कुंडा सीट पर भाजपा प्रत्याशी सिंधुजा मिश्रा की जमानत जब्त हो गई थी। यहां राजा भैया और गुलशन यादव मुकाबले में रहे। राजा भैया ने 50.58 फीसदी, गुलशन यादव को 35.19 फीसदी वोट मिले जबकि भाजपा की सिंधुजा मिश्रा को महज 8.36 फीसदी यानी 16,347 वोट मिले। वर्ष 2017 के चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार को इस सीट पर 16.72 फीसदी वोट मिले थे। 2022 में राजा भैया ने गुलशन यादव को 30,315 वोटों से मात दी थी। बाबागंज सीट भी राजा भैया के खाते में गई। अब यहां पर आशीष श्रीवास्तव को भाजपा के लिए जमीन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई। दरअसल, किसी भी विधानसभा सीट पर जमानत बचाने के लिए 16.66 फीसदी वोट हासिल करना जरूरी होता है।
वहीं, मल्हानी विधानसभा सीट से कृष्ण प्रताप सिंह की भी जमानत जब्त हुई थी। यहां मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के लकी यादव और जदयू के धनंजय सिंह के बीच हुआ। लकी यादव ने 97 हजार 357 वोट हासिल कर धनंजय सिंह को मात दे दी। धनंजय सिंह को 79 हजार 830 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे स्थान पर बसपा के शैलेंद्र यादव 24,007 वोट लाकर रहे। वहीं बीजेपी उम्मीदवार केपी को केवल 18 हजार 319 वोट मिला। यह कुल वोट का 8.01 फीसदी ही रहा।
बलिया के रसड़ा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी तीसरे स्थान पर ही थी। यहां मुख्य मुकाबला बहुजन समाज पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच हुई। बसपा के उमाशंकर सिंह 87,887 वोट लाकर जीते। वहीं, सुभासपा के महेंद्र 81,304 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे। बसपा उम्मीदवार को 43.82 फीसदी वोट हासिल हुए। वहीं, सुभासपा उम्मीदवार ने 40.54 फीसदी वोट हासिल किया। भाजपा के बब्बन को केवल 24,235 वोट ही मिला। यह कुल वोट प्रतिशत का 12.08 फीसदी रहा।
न भुला पाने वाली भाजपा के लिए ये हार
भारतीय जनता पार्टी 2022 विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर ऐसी हार हुई कि अभी तक भुला पाना मुश्किल हो रहा होगा। लेकिन भाजपा की रणनीतियों को देखें तो इस बार पार्टी अपनी इन कमियों को मजबूत करने के लिए ही जिलाध्यक्षों को चुनने में इतना समय लगा दिया। भाजपा की इन छह सीटों की हार-
वि.स. सीट | विजेता प्रत्याशी | हारने वाला प्रत्याशी | वोट मार्जिन |
डुमरियागंज |
सैय्यदा खातून (सपा) |
राघवेंद्र प्रताप सिंह (बीजेपी) |
771 |
जसराना |
सचिन यादव (सपा) |
मानवेंद्र प्रताप सिंह (बीजेपी) |
836 |
राम नगर |
फरीद महफूज़ (सपा) |
शरद अवस्थी (बीजेपी) |
261 |
इसौली |
मो. ताहिर खान (सपा) |
ओम प्रकाश पांडे (बीजेपी) |
269 |
दिबियापुर |
प्रदीप यादव (सपा) |
लखन सिंह राजपूत (बीजेपी) |
473 |
चांदपुर सीट |
स्वामी ओमवेश (सपा) |
कमलेश सैनी (बीजेपी) |
234 |
उत्तर प्रदेश विधासभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी की स्थिति
1. |
(पार्टी) भारतीय जनता पार्टी |
(2022) 255 |
(2017) 312 |
2. |
समाजवादी पार्टी |
111 | 47 |
3. |
अपना दल (सोनीलाल) |
12 | 09 |
4. |
राष्ट्रीय लोक दल |
08 | 01 |
5. |
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल |
06 | 01 |
6. |
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी |
06 | 04 |
7. |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
02 | 07 |
8. |
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक |
02 | – |
9. |
बहुजन समाज पार्टी |
01 | 19 |
10. | निर्दलीय | 03 | 09 |