आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि साड़ी बॉट बॉट कर भाजपा ने भारत के लोकतंत्र का चीरहरण कर दिया। इसके बाद आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने गुरुवार को दो ट्वीट किये। केजरीवाल ने कहा- बेचारे प्रवेश वर्मा जी अयोग्य (disqualify) होने की पूरी कोशिश कर रहे हैं पर चुनाव आयोग है कि मानता ही नहीं। फिर उन्होंने लिखा कि पूरी दुनिया कह रही है कि खुले आम पैसा और समान बंट रहा है पर चुनाव आयोग कह रहा है कि उन्हें सबूत और गवाह नहीं मिल रहे। ये सारे आरोप नई दिल्ली से बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा पर हैं। वर्मा नई दिल्ली से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। वर्मा पर आरोप गंभीर किस्म के हैं। साड़ी बांटने और उससे पहले जूते बांटने का वीडियो सोशल मीडिया पर है। लेकिन हैरानी है कि चुनाव आयोग अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। साड़ी बांटने का वीडियो देखिये-
दोपहर 3 बजे दिन बुधवार तारीखः15/01/25
नई दिल्ली के बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के घर पर वोटरों को साड़ियाँ बांटी जा रहीं थीं।
ये सबकुछ हमने सामने से रिकॉर्ड किया है , लोगों के बयानों के साथ।
क्या ये आचार संहिता उल्लंघन नहीं है
Full report👇https://t.co/Xun8ZbMrpy pic.twitter.com/9FR7UIGNpR
— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) January 15, 2025
आप सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को कहा- नई दिल्ली विधानसभा के निर्वाचन अधिकारी ने बीजेपी के साथ अपने रिश्तों को दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
उन्हें पैसा, चश्मा, जूते और चादर बंटती हुई बीजेपी दिख ही नहीं रही है।
आप, केजरीवाल, संजय सिंह के प्रवेश वर्मा पर आरोप गंभीर किस्म के हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करते हुए एक मंदिर में मतदाताओं को जूते बांटने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रवेश वर्मा के खिलाफ गैर-संज्ञेय रिपोर्ट दर्ज की। वर्मा ने जूते बांटने के आरोपों से इनकार किया है। लेकिन वीडियो उनके खंडन को झुठलाते हैं। नीचे वीडियो देखिये-
🚨 LIVE PROOF! 🚨
Scorpios filled with goods are arriving, and BJP candidate Parvesh Verma is openly distributing them!
This is a complete mockery of free and fair elections.
Why is the Election Commission silent @ECISVEEP pic.twitter.com/5oh1qBydjP
— Siddharth (@SidKeVichaar) January 15, 2025
पुलिस ने जो गैर संज्ञेय अपराध में केस दर्ज किया। उसका कुछ मतलब भी है। गैर-संज्ञेय रिपोर्ट का मतलब है कि पुलिस वर्मा को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती। पुलिस को जांच शुरू करने के लिए अदालत से अनुमति की भी आवश्यकता है। यानी वर्मा को इस आरोप में सीधे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इसीलिए चुनाव आयोग भी कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वकील रजनीश भास्कर ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि वर्मा मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास वाल्मिकी मंदिर में मतदाताओं को जूते बांट रहे थे। भास्कर ने दो वीडियो क्लिप भी सौंपी जिसमें कथित तौर पर वर्मा को जूते बांटते हुए दिखाया गया है। शिकायत के बाद, नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि तत्काल कार्रवाई की गई और मामले को आगे की जांच के लिए मंदिर मार्ग स्टेशन हाउस अधिकारी को भेजा गया।
दिल्ली में आदर्श आचार संहिता 7 जनवरी को लागू है। चुनाव आयोग ने उसी दिन चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी। राज्य में 5 फरवरी को एक ही चरण में वोटिंग होगी और 8 फरवरी को वोटों की गिनती होगी। आप ने आरोप लगाया कि भाजपा उम्मीदवार मतदाताओं को पैसे बांट रहे हैं और नौकरी का वादा कर रहे हैं।
पैसे बांटने की घटना की शिकायत दर्ज होने के एक हफ्ते बाद, चुनाव आयोग ने कहा कि उसे शिकायत के समर्थन में “कोई विश्वसनीय सबूत नहीं” मिला है। इंडिया टुडे के अनुसार, इसमें कहा गया है कि “मतदाताओं को लुभाने की कोई घटना” सामने नहीं आई है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा, “आरोप अस्पष्ट प्रकृति के हैं कि दिन के उजाले में चादरें, जूते, चश्मे और जैकेट बांटे जा रहे हैं।”
केजरीवाल ने वर्मा को “क्लीन चिट” देने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की।
केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, ”पूरे देश ने इस बीजेपी नेता को सामान बांटते हुए देखा।” सभी मीडिया ने इसे रिकॉर्ड किया। यह बेहद शर्मनाक है कि डीईओ/डीएम (जिला निर्वाचन अधिकारी/विवेकाधीन मजिस्ट्रेट) को कुछ नजर नहीं आया। हमारी शिकायत के कुछ ही घंटों के भीतर डीईओ/डीएम ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।”
बयानों के लिए बदनाम प्रवेश वर्मा
बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा खासकर मुस्लिम समुदाय के विरोध में बयानों के लिए चर्चित हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2020 में, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों का जिक्र करते हुए, वर्मा ने कहा था, “लाखों लोग वहां (शाहीन बाग) इकट्ठा होते हैं। वे आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहनों-बेटियों से रेप करेंगे, उन्हें मार डालेंगे। आज समय है, कल मोदी जी और अमित शाह आपको बचाने नहीं आएंगे।” इसके बाद 2022 में उन्होने मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया था। जिस रैली में अनुराग ठाकुर ने गोली मारो…वालो बयान दिया था, उस रैली में प्रवेश वर्मा मौजूद थे और उनका पूरा भाषण भड़काऊ था। बीजेपी ने इस पूरे मामले को ही खत्म करवा दिया था।
वर्मा ने कई साल पहले तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर 54 मस्जिदों और कब्रिस्तानों की एक सूची सौंपी थी। जिनके बारे में उन्होंने आरोप लगाया था कि यह उनके निर्वाचन क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से मौजूद हैं।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)