
Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को मुर्शिदाबाद के दौरे पर पहुंचीं, जहां रामनवमी के दिन दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में एक हिंदू युवक की मौत हो गई थी। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद हालात पर काबू पाया गया, लेकिन इसके बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा पीड़ितों से मिलने नहीं दे रही। वहीं, लोंगो ने उन्हें ही हिंसा कराने वाली सीएम बता दिया।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने दौरे के दौरान भाजपा पर आरोप लगाया कि वह उन्हें हिंसा पीड़ितों से मिलने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, कुछ बाहरी तत्व और धार्मिक नेता जानबूझकर बंगाल में सांप्रदायिक तनाव फैला रहे हैं। यह राज्य के शांति के खिलाफ साजिश है। ममता ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि “जब आप सत्ता में होते हैं, तो धार्मिक आधार पर लोगों को विभाजित नहीं कर सकते।” उन्होंने ओडिशा में बंगाल के प्रवासी मजदूरों पर हमले की भी निंदा की। हिंसा के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि हम भारत से प्रेम करते हैं। कृपया भारत को सांप्रदायिक हिंसा से बचाएं। सीमाओं की रक्षा करें और उन लोगों को न्याय दिलाएं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।
पहलगाम पर बोलीं ममता
मुर्शिदाबाद रवाना होते समय ममता बनर्जी ने कहा कि अब क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो गई है और इसी वजह से वह अब वहां जा रही हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर केंद्र के साथ है। पाकिस्तान द्वारा बीएसएफ जवान को हिरासत में लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने कहा कि यह बेहद दुखद है। उन्होंने जानकारी दी कि पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी जवान के परिवार से संपर्क में हैं और केंद्र सरकार भी इस मामले पर कार्रवाई कर रही है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
ममता बनर्जी के दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पवन नाम के एक यूजर ने लिखा, हिंसा फैलाने के लिए ममता खुद पहुंच चुकी हैं।” वहीं एक अन्य यूजर ने कहा, क्या इस महिला के चेहरे पर कोई शर्म बची है? दूसरों को उपदेश देने के बजाय इसे अपने राज्य पर ध्यान देना चाहिए। कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि अगर राज्य की मुख्यमंत्री खुद पीड़ितों से मिलने में असहाय हैं, तो यह राज्य सरकार की कमजोरी दिखाता है या फिर राजनीतिक बयानबाज़ी। क्या भाजपा का इतना राज है कि एक किसी भी राज्य सरकार को पीड़ितों से न मिलने दे।