दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के नेता बृज भूषण शरण सिंह को यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय होने के बाद निचली अदालत की कार्यवाही को रद्द करने के लिए याचिका दायर करने पर फटकार लगाई।
भाजपा नेता ने छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर और आरोपों को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
अदालत ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर वह कार्यवाही को चुनौती देना चाहते थे, तो उन्हें मुकदमा शुरू होने से पहले ऐसा करना चाहिए था। जस्टिस नीना बंसल की बेंच ने याचिका को ”परोक्ष तरीका” (oblique way) बताया। हालांकि जज ने इस शब्द को परिभाषित नहीं किया। लेकिन शायद वो यह कहना चाहती हैं कि कोर्ट पर प्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाया जा रहा है।
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हर चीज़ पर एक सर्वव्यापी आदेश नहीं हो सकता। यदि आप हर चीज़ को चुनौती देना चाहते हैं, तो आपको ऐसा करना चाहिए था… (मुकदमा शुरू होने से पहले) एक बार मुकदमा शुरू हो गया और आरोप तय हो गए…यह एक परोक्ष तरीके के अलावा और कुछ नहीं है।”
-जस्टिस नीना बंसल, 29 अगस्त 2024 दिल्ली हाईकोर्ट सोर्सः पीटीआई
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर तय की है। उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के वकील से सभी दलीलों को उठाते हुए एक संक्षिप्त नोट तैयार करने को कहा।
पूर्व भाजपा सांसग सिंह को पिछले साल कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। देश के कई प्रसिद्ध पहलवानों ने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए उनके खिलाफ महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया था।
याचिका दायर करते हुए, सिंह ने तर्क दिया कि जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई थी क्योंकि केवल पीड़ितों के बयान पर विचार किया गया था, जो उनसे बदला लेने में रुचि रखते थे। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है।
21 मई को, ट्रायल कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के इस रसूखदार भाजपा नेता के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए।
मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया था। लेकिन उनके बेटे को टिकट दिया। उनका बेटा अब भाजपा सांसद के रूप में अपने पिता की सीट का प्रतिनिधित्व कर रहा है। भारतीय कुश्ती महासंघ पर आज भी बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा कायम है। पिछले दिनों हुए चुनाव में उन्हीं के आदमी को अध्यक्ष चुना गया था। सरकार ने कुश्ती महासंघ में तमाम अनियमितताओं को लेकर जांच बैठाई लेकिन बृजभूषण शरण सिंह पर कोई आंच नहीं आई। बृभूषण के यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिला पहलवानों को दिल्ली में पुलिस की लाठियां खानी पड़ीं। जिनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और उनकी बहन मुख्य थे।