प्रधानमंत्री मोदी के सरकारी आवास पर शनिवार दोपहर बाद जब उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई तो यह साफ था कि कोई बड़ा फैसला होने जा रहा है। इस बैठक में सिर्फ रक्षा मंत्री, तीनों सेना प्रमुख, सीडीएस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को बुलाया गया था। इस बैठक में क्या हुआ, उसके बाद कोई मीडिया ब्रीफिंग नहीं हुई। लेकिन एक बयान सूत्रों के हवाले से जारी हुआ कि अगर पाकिस्तान की ओर से अब कोई आतंकी कार्रवाई होगी तो उसे भारत के खिलाफ युद्ध माना जाएगा। यह बयान न्यूज एजेंसियों ने किसके हवाले से चलाया कोई नहीं जानता। सूत्रों के इस पर देश के तमाम न्यूज रूम में जब चर्चा जारी थी, तभी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान आया और उन्होंने सबसे पहले युद्ध विराम की सूचना दी। उसके बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री का वीडियो बयान आया। जिसमें इसकी पुष्टि की गई।
युद्धविराम का घटनाक्रम
- पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने शनिवार दोपहर 15:35 बजे फोन किया।
- भारत के DGMO ने फोन रिसीव किया। उनके बीच सहमति बनी।
- भारत के समयानुसार शाम 5 बजे से ज़मीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद
- दोनों देशों के सैन्य अधिकारी 12 मई को 12.00 बजे फिर से बात करेंगे।
अमेरिका के विदेश मंत्री का बयान
भारतीय विदेश सचिव के बयान के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पुष्टि युद्धविराम की पुष्टि की। रुबियों ने कहा भारत और पाकिस्तान तत्काल युद्ध विराम और तटस्थ स्थान पर व्यापक वार्ता शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने संघर्ष के स्थान पर वार्ता का विकल्प चुनने में “बुद्धिमत्ता, विवेक और राजनीति कौशल” का प्रदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ के नेतृत्व की प्रशंसा की।
एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए रुबियो ने लिखा, “पिछले 48 घंटों में, वीपी वेंस और मैंने वरिष्ठ भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत की है, जिनमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री एस जयशंकर, सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और असीम मलिक शामिल हैं।” रुबियो ने लिखा- “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गई हैं और एक तटस्थ स्थान पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हो गई हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की शांति का रास्ता चुनने में उनकी समझदारी, विवेक और राजनेतागिरी की सराहना करते हैं।” इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान “पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम” पर सहमत हो गए हैं।
भारत के विदेश मंत्री का बयान
भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ “पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम” की घोषणा करने के कुछ ही मिनटों बाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंक के पनाहगारों के लिए एक कड़ा संदेश जारी किया: “भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लगातार एक दृढ़ और अडिग रुख बनाए रखा है। यह ऐसा करना जारी रखेगा”। हालांकि युद्धविराम के बारे में सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्वीट करके जानकारी दी। लेकिन अब भारत की ओर से यह संकेत दिया जा रहा है कि भारत-पाकिस्तान आपसी विचार विमर्श से युद्धविराम के समजौते पर पहुंचे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच अपराह्न 3.30 बजे हुई बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि वे शनिवार शाम 5 बजे से “भूमि, वायु और समुद्र” पर सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे।
बहरहाल, अमेरिकी मध्यस्थता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट साझा करते हुए ट्रंप ने लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी रात की बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। सामान्य ज्ञान और महान बुद्धिमत्ता का उपयोग करने के लिए दोनों देशों को बधाई। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद!” एक दिन पहले, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष में मध्यस्थता के अमेरिकी प्रयासों पर बोलते हुए कहा था कि अमेरिका दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने का इरादा रखता है। लेविट ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों देशों के नेताओं के साथ तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह ऐसा मामला है जिसमें विदेश मंत्री और अब हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रुबियो बहुत ज़्यादा शामिल रहे हैं। राष्ट्रपति चाहते हैं कि यह विवाद जल्द से जल्द कम हो जाए।” लेविट ने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष पुराना है और इसे और बढ़ने से रोकने के लिए बातचीत की जा रही है।
बीजेपी की नज़र में भारत को क्या मिला
युद्धविराम की घोषणा होते ही बीजेपी के छोटे-बड़े नेताओं ने इसके लाभ बताना शुरू किया है। बीजेपी नेताओं ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर जो लिखा है, उसका सारांश ये हैः
- 1. पाकिस्तान के अंदर 24 आतंकी ठिकानों पर हमला करके पहलगाम का बदला लिया।
- 2. उनके 7 एयरबेस नष्ट कर दिए
- 3. सिंधु जल संधि पर यथास्थिति बनी रहेगी, भारत कोई डेटा साझा नहीं करेगा और नदियों पर नए बांध बनाना जारी रखेगा।
- 4. अमेरिका ने भारत के नए युद्ध सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है – किसी गैर-सरकारी आतंकवादी द्वारा किए गए किसी भी आतंकी कृत्य को भारत युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा और पूर्ण प्रतिशोध लेगा।