Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • जम्मू में फिर ब्लैकआउट, सायरन की गूंज, भारत ने ड्रोन मार गिराए
    • पाकिस्तान में खलबली, भारत की सैन्य कार्रवाई से अपने F-16 लड़ाकू विमानों की जगह बदली
    • भारतीय सेना की एल-70 तोप छुड़ा रही दुश्मन के छक्के, पाकिस्तान के लिए फिर काल बनी बोफोर्स
    • पाकिस्तान ने 300-400 ड्रोन से भारतीय शहरों को निशाना बनाया, सब नाकाम: केंद्र
    • भारत-पाक तनाव के बीच फ़र्ज़ी ख़बरों से उन्मादी माहौल क्यों बना रहे एंकर?
    • जम्मू पर मिसाइल हमला नाकाम, ब्लैकआउट हुआ
    • भारत-पाक के बीच ड्रोन हमले की गूंज; आख़िर ये ड्रोन चीज क्या है?
    • पाक सांसद ने कहा- हमारा PM मोदी का नाम लेने से डरता है, हमारा PM ही बुजदिल है
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » मणिपुर में राष्ट्रपति शासन; बहुमत होते हुए बीजेपी क्यों नहीं बना पाई सरकार?
    भारत

    मणिपुर में राष्ट्रपति शासन; बहुमत होते हुए बीजेपी क्यों नहीं बना पाई सरकार?

    By February 13, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    मणिपुर में आख़िरकार राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। हिंसा प्रभावित मणिपुर में विपक्षी कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की धमकी के चलते मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी के पास बहुमत होने के बावजूद वह मुख्यमंत्री के लिए नये नाम घोषित नहीं कर सकी। तो सवाल है कि बीजेपी ने ऐसा क्यों किया 

    मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तीन दिन बाद भी एन बीरेन सिंह के उत्तराधिकारी पर कोई सहमति नहीं बन पाई। संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार राज्य विधानसभाओं को अपनी अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर बुलाना अनिवार्य है। मणिपुर में पिछला विधानसभा सत्र 12 अगस्त, 2024 को आयोजित किया गया था। इस वजह से बुधवार को इसकी अगली बैठक की समय सीमा तय थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 

    राष्ट्रपति शासन की यह घोषणा तब हुई है जब लगातार ऐसी ख़बरें आ रही थीं कि मणिपुर में सीएम पद के लिए बीजेपी में इसलिए सहमति नहीं बन पा रही है क्योंकि पार्टी में अंदर ही अंदर असंतोष है।

    माना जा रहा है कि पार्टी में इसी असंतोष की वजह से मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को रविवार शाम को राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंपना पड़ा था। सहयोगी कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी द्वारा समर्थन वापस लेने के बावजूद बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या है, लेकिन ऐसी संभावना थी कि राज्य में नेतृत्व में बदलाव की मांग करने वाले विधायक फ्लोर टेस्ट की स्थिति में पार्टी व्हिप की अवहेलना कर सकते थे। रिपोर्टं हैं कि पार्टी में अपने ख़िलाफ़ बने माहौल को देखते हुए संभावित संकट को टालने के लिए ही बीरेन सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श करने के बाद पद छोड़ दिया। 

    राष्ट्रपति शासन शुरू में चार से पांच महीने के लिए लगाया जा सकता है और सीएम के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार मिलने तक इसे बढ़ाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन को हर बार छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है।

    कुछ दिन पहले ही बीजेपी के एक विधायक ने कहा था कि राष्ट्रपति शासन को विस्तार देने से बीजेपी की छवि ख़राब होगी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार विधायक ने कहा था, ‘विधानसभा में हमारे 60 में से 37 विधायक हैं। हमारे सहयोगी एनपीएफ़ और एनपीपी के पास कुल 11 विधायक हैं। हमारे पास पूर्ण बहुमत है। सरकार को राज्य भाजपा को चलाना है। इस लिहाज से न तो कोई राजनीतिक संकट है और न ही कानून-व्यवस्था की स्थिति पिछले कई महीनों से बदतर है।’

    बीरेन सिंह ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद दिया। हिंसा के लिए उनकी लगातार आलोचना होती रही। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल मुख्यमंत्री के इस्तीफ़े की मांग करते रहे थे।

    लेकिन तमाम आलोचनाओं के बाद वह पद पर बने रहे। उनका इस्तीफ़ा तब आया जब राज्य बीजेपी में उनके नेतृत्व को लेकर असंतोष है और कांग्रेस उनकी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में थी।

    बीरेन सिंह के इस्तीफ़े के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा था, ‘कांग्रेस कल (सोमवार को) मणिपुर विधानसभा में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पूरी तरह तैयार थी। माहौल को भांपते हुए मणिपुर के सीएम ने अभी-अभी इस्तीफा दिया है। यह एक ऐसी मांग थी जो कांग्रेस मई 2023 की शुरुआत से ही कर रही थी, जब मणिपुर में उथल-पुथल मची थी। सीएम का इस्तीफा देर से हुआ। मणिपुर के लोग अब हमारे फ्रीक्वेंट फ़्लायर पीएम की यात्रा का इंतज़ार कर रहे हैं, जो अब फ्रांस और अमेरिका के दौरे पर हैं और जिन्हें पिछले बीस महीनों में मणिपुर जाने के लिए न तो समय मिला है और न ही इच्छा हुई है।’ 

    राज्य में दो साल पहले भड़की थी हिंसा

    2023 में 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़की थी। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव हिंसा में बदल गया था। शुरू के तीन दिनों में कम से कम 52 लोगों की जान चली गई थी। तब मणिपुर में पुरुषों की भीड़ द्वारा दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और नग्न परेड कराने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। महिलाओं का एक वीडियो 2023 के जुलाई महीने में वायरल हुआ था। एक खेत की ओर जाते समय पुरुषों को महिलाओं को घसीटते और उनका यौन उत्पीड़न करते देखा गया था।

    तब से जारी हिंसा के दौरान कम से कम 226 लोग मारे जा चुके हैं। इसमें 20 महिलाएं और 8 बच्चे भी शामिल हैं। करीब 1500 घायल हुए हैं। वहीं 60 हजार लोग इस हिंसा के कारण राज्य के भीतर ही विस्थापित हुए हैं। इसके साथ ही 13247 आवास, दुकान, समेत अन्य संरचनाएं नष्ट हो गई हैं। मारे गए लोगों के अलावा दो दर्जन से ज़्यादा लोग लापता हैं जिनके बारे में माना जा रहा है कि या तो उनका अपहरण हुआ है या उनकी हत्या कर दी गई है।

    (इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमोदी और मैक्रों को उम्मीद, जल्द फ्रांस में भारतीय छात्रों की संख्या बढ़कर 10000 हो जाएगी
    Next Article Delhi News: दिल्ली की हार के बाद कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी, संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति तैयार

    Related Posts

    जम्मू में फिर ब्लैकआउट, सायरन की गूंज, भारत ने ड्रोन मार गिराए

    May 9, 2025

    पाकिस्तान ने 300-400 ड्रोन से भारतीय शहरों को निशाना बनाया, सब नाकाम: केंद्र

    May 9, 2025

    भारत-पाक तनाव के बीच फ़र्ज़ी ख़बरों से उन्मादी माहौल क्यों बना रहे एंकर?

    May 9, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025

    पलायन का दुश्चक्र: बुंदेलखंड की खाली स्लेट की कहानी

    April 30, 2025

    शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

    April 15, 2025

    सरकार ने बढ़ाए कपास बीज के दाम, किसान बोले बढ़ती लागत को कम करे

    April 14, 2025

    जल संकट: मध्य प्रदेश के 6 जिलों में 100% से ज़्यादा हो रहा भूजल दोहन

    April 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में खलबली, भारत की सैन्य कार्रवाई से अपने F-16 लड़ाकू विमानों की जगह बदली

    May 9, 2025

    भारतीय सेना की एल-70 तोप छुड़ा रही दुश्मन के छक्के, पाकिस्तान के लिए फिर काल बनी बोफोर्स

    May 9, 2025

    पाक सांसद ने कहा- हमारा PM मोदी का नाम लेने से डरता है, हमारा PM ही बुजदिल है

    May 9, 2025
    एजुकेशन

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025

    NEET UG 2025 एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड

    April 30, 2025

    योगी सरकार की फ्री कोचिंग में पढ़कर 13 बच्चों ने पास की UPSC की परीक्षा

    April 22, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.