तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि उन्होंने अनुचित आचरण किया और “भारत के राष्ट्रीय हितों को खतरे में डालते हुए” भ्रष्टाचार के मिलीभगत में शामिल हो गए।
वकीलों ने कहा कि यह शिकायत मामले को बड़े पैमाने पर जांच के दायरे में ला सकती है क्योंकि लोकपाल पहले कानूनी प्राधिकारी है जिसके पास औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज की गई है। वकील ने कहा, लोकपाल को शिकायत की जांच करनी होगी कि क्या यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आता है।
मोइत्रा ने 11 सितंबर को यह शिकायत दी थी। लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट के जरिए 13 सितंबर को जानकारी दी। महुआ ने लिखा था- “पुरी बुच के खिलाफ मेरी लोकपाल शिकायत इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक रूप में दर्ज कराई गई है। लोकपाल को इसे 30 दिनों के भीतर प्रारंभिक जांच और फिर पूर्ण एफआईआर जांच के लिए सीबीआई/ईडी को भेजना होगा। इसमें शामिल हर इकाई को तलब करने की जरूरत है।”
My LokPal complaint against Ms. Puri-Buch been filed electronically & in physical form. LokPal must within 30 days refer it to CBI/ED for a preliminary investigation and then a full FIR enquiry. Every single entity involved needs to be summoned & every link investigated.… pic.twitter.com/5aZ4f2se9n
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) September 13, 2024
माधबी बुच कहां चली गईं
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक एक अलग घटनाक्रम में, बुच गुरुवार को मुंबई में एक इन्फ्रा कॉन्क्लेव में बोलने नहीं पहुंचीं। उनकी गैरमौजूदगी ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया क्योंकि उन्होंने बुधवार तक कार्यक्रम में बोलने की पुष्टि की थी। वह NaBFID प्रमुख केवी कामथ और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव के साथ मुख्य वक्ताओं में शामिल थीं।
महुआ की शिकायत ऐसे समय में आई है जब अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने बाजार रेगुलेटर के सदस्य के रूप में कार्य करते समय अनुचित, हितों के टकराव और कंपनियों से भुगतान स्वीकार करने के नए आरोपों पर सेबी प्रमुख की “पूर्ण चुप्पी” पर सवाल उठाया है।
हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अडानी समूह पर स्थानीय बाजार नियमों को दरकिनार करने के लिए टैक्स हेवेन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उसने पिछले महीने आरोप लगाया कि अडानी समूह के खिलाफ धीमी जांच के पीछे सेबी चेयरपर्सन बुच के पिछले निवेश और सौदे हो सकते हैं। इस बीच अडानी का कथित तौर पर स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा फंड के सीज होने का मामला सामने आया है। अडानी ने हालांकि इस आरोप का खंडन कर दिया है।