ऑपरेशन सिंदूर को राजनीतिक रूप से भुनाने का आरोप झेल रहे पीएम मोदी ने एक बार फिर अपनी बेबाक शैली में पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। बीकानेर की एक जनसभा में उन्होंने कहा, ‘मोदी का दिमाग ठंडा है, लेकिन ख़ून गर्म है… मेरी रगों में सिंदूर बहता है।’ पीएम ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ नया मानक बताते हुए कहा कि अब कोई भी आतंकी हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका जवाब मुंहतोड़ होगा।
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद और व्यापार को एक साथ नहीं चलने देगा। उन्होंने साफ़ किया कि अगर पाकिस्तान से कोई बात होगी, तो वह केवल आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर होगी। पीएम ने कहा, ‘पानी और ख़ून एक साथ नहीं बह सकता।’ यह बयान सिंधु जल समझौते को निलंबित रखने की भारत की नीति की ओर इशारा करता है।
मोदी ने आगे कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, यह अब नया नॉर्म है। अगर आतंकी हमला हुआ, तो जवाब तुरंत और कड़ा मिलेगा। न्यूक्लियर हथियार की धमकी अब काम नहीं करेगी।’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के बीच कोई अंतर नहीं देखेगा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पीएम ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की आक्रामक रणनीति का प्रतीक बताया। सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन 22 अप्रैल के किसी आतंकी हमले का जवाब था, जिसे भारत ने 22 मिनट में नाकाम कर दिया था।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सिंधु जल समझौते पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘पानी और ख़ून एक साथ नहीं बह सकता।’ यह बयान इस बात का संकेत है कि भारत सिंधु जल समझौते को निलंबित रखने की अपनी नीति पर कायम है। इस समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों का बँटवारा होता है, लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने आतंकवाद के जवाब में इस समझौते को पुनर्विचार करने की बात कही है।
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अब आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती। उन्होंने कहा, ‘भारत का मत साफ़ है। हम आतंकवाद के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहे हैं। अगर पाकिस्तान कुछ करता है, तो उसे इसका कड़ा जवाब मिलेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब आतंकियों और पाकिस्तानी सेना को अलग-अलग नहीं देखेगा, जिससे भारत की नीति में एक बड़ा बदलाव झलकता है।
प्रधानमंत्री का यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नए दौर की शुरुआत का संकेत देता है। बीकानेर में दिया गया यह संदेश न केवल पाकिस्तान, बल्कि विश्व समुदाय के लिए भी है। जानकारों का मानना है कि पीएम का यह रुख भारत की सामरिक और कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करता है। खासकर, पीओके को लेकर भारत की स्पष्ट मांग ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है।
पीएम के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। एक्स पर कई यूजर्स ने इसे भारत की मज़बूत विदेश नीति का प्रतीक बताया है। एक यूजर ने लिखा, ‘मोदी जी का यह संदेश स्पष्ट है – अब कोई नरमी नहीं, केवल एक्शन होगा।’ वहीं, कुछ अन्य लोगों ने इसे भारत की आक्रामक नीति का हिस्सा बताया, जो क्षेत्रीय स्थिरता पर असर डाल सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बीकानेर में दिया गया यह बयान भारत की आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति नीति को और सख्त करने का संकेत है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को नए मानक के रूप में स्थापित करते हुए पीएम ने यह साफ़ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाएगा। सिंधु जल समझौते पर टिप्पणी और पीओके को लेकर मांग ने इस संदेश को और मजबूत किया है। यह बयान न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक कूटनीति पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।