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भारतीय दूतावास ने म्यांमार में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है। दूतावास ने जानकारी दी कि मायावडी में फंसे छह और भारतीयों को भारत वापस भेजा जा रहा है। इन लोगों को स्थानीय थाने पहुंचा दिया गया है, जहां से उन्हें जल्द भारत भेजा जाएगा। ये भारतीय मायावडी इलाके में फंसे हुए थे, जहां नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी या अवैध गतिविधियां होती हैं।
जो छह भारतीय नागरिक म्यांमार से भारत वाप आ रहे हैं, उनका नाम अजय कुमार, मुस्तफा, सुखचैन, बचू मणिकांत, समीर अहमद और कुलदीप है। दूतावास ने बताया कि अब तक 101 भारतीय नागरिकों को जुलाई 2024 से अब तक म्यांमार से भारत वापस भेजा जा चुका है। दूतावास ने एक बार फिर एडवाइजरी जारी कर म्यांमार में नौकरी की पेशकश को लेकर भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने को कहा है। इसमें कहा गया है कि बिना दूतावास की सलाह के इस क्षेत्र में नौकरी की पेशकश पर भरोसा न करें।
विद्रोही बलों के नियंत्रण में मायावडी इलाका
भारतीय नागरिकों को फर्जी नौकरी का रैकेट चलाने वाले जालसाजों के चंगुल से छुड़ाना और उन्हें वापस भेजना एक जटिल प्रक्रिया है। मायावडी क्षेत्री म्यांमार के विद्रोही बलों के नियंत्रण में है और म्यांमार के सुरक्षा बलों की वहां तक पहुंच नहीं है। म्यांमार सरकार मदद करने की कोशिश करती है, लेकिन उसकी पहुंच सीमित है। भारतीय दूतावास स्थानीय थाने तक नागरिकों के पहुंचने के बाद ही उन्हें सुरक्षित रूप से वापस भेज सकता है।
भारतीय दूतावास ने पहले भी जारी की थी एडवाइजरी
दूतावास ने इससे पहले मई में भी एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित मायावडी इलाके में सक्रिय अपराधियों के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के बारे में चेतावनी दी गई थी। दूतावास ने भारतीय नागरियों को आगाह किया था कि वहां से नौकरी की पेशकश को लेकर सतर्क रहें। दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में कहा था कि म्यांमार में काम करने से पहले नौकरी की पेशकश को स्वीकार करने से पहले भारतीय मिशन से संपर्क करें।
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