उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में दो लड़कियों के शव पेड़ से लटके मिलने से इलाके में दहशत फैल गई है। दोनों मृतक लड़कियां सहेलियां हैं और एक ही गांव की रहने वाली हैं। परिजनों के मुताबिक दोनों लड़कियां सोमवार की रात जन्माष्टमी का मेला देखने गयी थीं। सुबह संदिग्ध हालत में शव मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना स्थल पर फॉरेंसिक टीम से जांच कराई गई है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और जांच की।
घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। मृतक बच्चियों के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। पुलिस के मुताबिक लड़कियों के शव एक ही पेड़ पर दुपट्टे से लटके हुए मिले। पास में ही एक मोबाइल फोन मिला है। लड़की के पास से एक सिम कार्ड बरामद हुआ है। हर चीज की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।
घटना जिले के कोतवाली कायमगंज के भगौतीपुर गांव की है। गांव के एक ही इलाके की दो लड़कियों के शव आम के बगीचे में एक पेड़ से एक ही दुपट्टे से लटके मिले। परिजनों के मुताबिक सोमवार को बाको जन्माष्ठमी का त्योहार था। रात करीब 9 बजे दोनों लड़कियां गांव में जन्माष्टमी मेला कार्यक्रम में शामिल होने के लिए घर से निकलीं। देर रात तक दोनों घर नहीं पहुंचीं। परिजनों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन वह नहीं मिलीं।
उत्तर प्रदेश के जिला फर्रुखाबाद में 2 लड़कियों के शव आम के बाग में फांसी पर लटके मिले। दोनों लड़कियां कल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिर गई थीं। उसके बाद घर वापस नहीं लौटीं। pic.twitter.com/HZSPUoEawl
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) August 27, 2024
मंगलवार की सुबह दोनों लड़कियों के शव पास के बगीचे में आम के पेड़ से लटके मिले। यह सूचना पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई। परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे। पुलिस को सूचना दी गई। कायमगंज पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों शवों को पेड़ से नीचे उतारा गया। पुलिस के मुताबिक, दोनों बच्चियां अपने दुपट्टे से लटकी हुई थीं। पुलिस ने जांच की. पेड़ के पास एक मोबाइल फोन मिला जबकि मृतक लड़की के कपड़ों में एक सिम कार्ड मिला।
इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह ने एक पुरानी घटना को याद करते हुए एक्स पर लिखा है- एक बार ऐसी ही एक खबर बदायूँ से आई थी । शाक्य समुदाय की बच्चियाँ थीं और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे । मीडिया में तगड़ा बवाल कटा । अपराधियों की सरकार का तमग़ा मिला, यादवों पर इल्ज़ाम था, जाँच सीबीआई को गई। सीबीआई की जाँच में कोई यादव दोषी नहीं मिला !
अब योगी जी की सरकार है और मीडिया उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त घोषित कर चुका है। सो ध्यान न देगा, वैसे भी आजकल मीडिया की तोपें बंगाल में व्यस्त हैं !
मामला फ़र्रुख़ाबाद से है जो बदायूँ का सीमावर्ती ज़िला है।
यह पोस्ट अखिलेश को इस आरोप से मुक्त नहीं कर रही कि उनके दल में भी तमाम दाग़दार लोग हैं। पर एक प्रवृत्ति का पर्दाफ़ाश कर रही है जो समाज में व्याप्त है।
ख़ैर, दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद दर्दनाक घटना।
19-year-old nursing student raped in Maharashtra’s Ratnagiri.
The incident happened while she boarded an auto rickshaw to reach home. She was offered water laced with sedatives, by the auto driver. He thereafter took her to a secluded place, raped her, and fled the scene.… pic.twitter.com/VHKMxlVIcn
— Vani Mehrotra (@vani_mehrotra) August 27, 2024
महाराष्ट्र में रेप की घटना
महाराष्ट्र के बदलापुर में छात्राओं के यौन शोषण का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब एक नर्सिंग छात्रा के साथ रेप की खबर आ रही है। नर्सिंग छात्रा रत्नागिरी में ऑटो-रिक्शा से कॉलेज से लौट रही थी, तभी ड्राइवर ने उसे पानी में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया। न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, वह बेहोश हो गई जिसके बाद वह ड्राइवर उसे एक सुनसान जगह पर ले गया और कथित तौर पर उसके साथ रेप किया।
होश में आने के बाद उसने अपने परिवार को फोन किया।
पुलिस वाहन चालक की तलाश कर रही है और छात्रा को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना को लेकर शहर के नर्सिंग समुदाय ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, नागरिकों और अस्पताल के कर्मचारियों ने रत्नागिरी के कई हिस्सों में ट्रैफिक रोक दिया है। अधिकारियों ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है और प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है।
देश के तमाम इलाकों में महिला विरोधी अपराध खासकर रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं जो चिन्ता का विषय है। लेकिन तमाम राजनीतिक दल और संगठन अपनी सुविधा के अनुसार ऐसे मुद्दों को उठाते हैं। अगर शहरी छात्र में किसी लड़की के साथ ऐसी घटना होती है तो तमाम एनजीओ फौरन सक्रिय होकर उसे बड़ा मुद्दा बना देते हैं। गांवों में होने वाली ऐसी अनगिनत घटनाओं पर जनसंगठन कुछ नहीं बोलते। इसी तरह भाजपा शासित प्रदेश में इस तरह की घटना होने पर भाजपा किसी भी तरह से मामले को तूल नहीं देती है। लेकिन अगर रेप हत्या की घटना गैर भाजपा शासित राज्य में होती है तो भाजपा आंदोलन का तूफान उठा देती है। यूपी अपराध में नंबर 1 है। नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े गवाह हैं कि यूपी में छेड़खानी, रेप की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं लेकिन वहां के मुख्यमंत्री इसके बावजूद विश्व का सबसे सुरक्षित इलाका यूपी को बताने में शर्म महसूस नहीं करते। धार्मिक ध्रुवीकरण में उलझी भाजपा का ध्यान यूपी की कानून व्यवस्था की तरफ नहीं है।