शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ ने सोमवार को उस समय एक नया विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अमेरिकी यात्रा के दौरान आरक्षण पर दिए गए उनके कथित बयानों पर उनकी “जीभ काटने वाले” को 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। हालांकि राहुल ने अमेरिका में आरक्षण के विरोध में कोई बयान नहीं दिया था।
गायकवाड़ ने इनाम की घोषणा करते हुए पीटीआई से कहा, “जब वह विदेश में थे, तब राहुल गांधी ने कहा था कि वह भारत में आरक्षण व्यवस्था खत्म करना चाहते हैं। इससे कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है।” हालांकि राहुल ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था, जिसमें आरक्षण को खत्म करने की बात कही गई हो।
गायकवाड़ ने विवादास्पद रूप से कहा, “अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने आरक्षण समाप्त करने की बात की थी। यह उस मानसिकता को दर्शाता है जो स्वाभाविक रूप से आरक्षण का विरोध करती है। मैं राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम दूंगा।” विदर्भ क्षेत्र की बुलढाणा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक गायकवाड़ कई विवादों में घिर हुए हैं।
इससे पहले फरवरी में, गायकवाड़ ने यह दावा करके और विवाद पैदा कर दिया था कि उन्होंने 1987 में एक बाघ का शिकार किया था और तब से उसके दाँत को हार के रूप में पहन रहे हैं। जवाब में, राज्य वन विभाग ने कथित बाघ के दांत को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा और गायकवाड़ पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरोप लगाया।
हालांकि गायकवाड़ ने खुद राहुल के बयान को खुद नहीं सुना, बल्कि भाजपा आईटी सेल द्वारा वाट्सऐप पर फैलाई गई फेक न्यूज पर विश्वास किया। विधायक ने कहा, “गांधी की टिप्पणी लोगों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात है।” संविधान को ताक पर रखकर राहुल गांधी पर ”फर्जी कहानी फैलाने” का आरोप लगाते हुए, शिंदे सेना विधायक ने कहा कि यह कांग्रेस है जो देश को 400 साल पीछे ले जाने का इरादा रखती है।
हालांकि महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने बड़ी चालाकी से अपनी पार्टी को शिंदे सेना के विधायक के बयान से अलग कर लिया लेकिन यह कहना नहीं भूले कि कांग्रेस आरक्षण के खिलाफ है। बता दें कि भाजपा राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का एक घटक है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि “मैं गायकवाड़ की टिप्पणियों का समर्थन या समर्थन नहीं करूंगा। हालांकि, हम यह नहीं भूल सकते कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरक्षण का विरोध करते हुए कहा था कि इससे प्रगति प्रभावित होगी।” भाजपा और शिवसेना शिंदे दरअसल वाट्सऐप यूनिवर्सिटी पर फैलाये गए दुष्प्रचार पर विश्वास कर रहे हैं। नेहरू के संबंध में आये दिन कोई न कोई विवादास्पद बयान उनसे जोड़कर वाट्सऐप पर फैलाया जाता है।
मोदी के मंत्री राहुल को आतंकवादी कहा
भारत में सिखों की स्थिति के बारे में अमेरिका में दिए गए बयानों को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला करते हुए, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने रविवार (15 सितंबर) को कहा कि अगर वे “बम बनाने वालों” का समर्थन कर रहे हैं, तो राहुल नंबर एक आतंकवादी हैं।
रेल राज्य मंत्री श्री बिट्टू ने यह टिप्पणी बिहार के भागलपुर में की, जहां वह हावड़ा के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के समारोह में शामिल होने आए थे। संयोग से रवनीत बिट्टू कांग्रेस में रहे हैं और राहुल गांधी ने ही उन्हें पार्टी में आगे बढ़ाया था। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान बिट्टू भाजपा में शामिल हो गए थे।
बिट्टू ने कहा- “राहुल गांधी भारतीय नहीं हैं, उन्होंने अपना अधिकांश समय बाहर बिताया है। वह अपने देश से ज्यादा प्यार नहीं करते क्योंकि वह विदेश जाकर हर बात को गलत तरीके से कहते है। एएनआई ने बिट्टू के हवाले से कहा, जो लोग मोस्ट वांटेड हैं, अलगाववादी हैं, बम, बंदूक और गोले बनाने में विशेषज्ञ हैं, उन्होंने राहुल गांधी ने जो कहा है, उसकी सराहना की है।
अपना हमला जारी रखते हुए बिट्टू ने कहा, ”देश के जो दुश्मन विमान, ट्रेन, सड़क उड़ाने की कोशिश करते हैं, वो राहुल गांधी के समर्थन में हैं…अगर नंबर वन आतंकवादी और सबसे बड़े दुश्मन को पकड़ने के लिए पुरस्कार मिलना चाहिए देश की जिम्मेदारी राहुल गांधी पर होनी चाहिए।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने बिट्टू पर निशाना साधते हुए कहा, “हम ऐसे लोगों पर केवल दया ही कर सकते हैं। कांग्रेस में उनका राजनीतिक करियर भी गड़बड़ रहा।”
दीक्षित ने कहा- “वह राहुल गांधी की प्रशंसा करते थे…और अब कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने के बाद वह बीजेपी पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखा रहे हैं।”
दादी जैसा हाल करने की धमकी
दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने 11 सितंबर को राहुल गाँधी के आवास के बाहर किये गये बीजेपी के एक प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीधे हत्या की धमकी दी। देश की राजधानी में भरी दोपहर बीजेपी नेता ने सैकड़ों लोगों के सामने तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा- “राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ!” बीजेपी का प्रचार-तंत्र याद दिला रहा है कि तरविंदर सिंह मारवाह पहले कांग्रेस में थे और राहुल गाँधी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान उनकी तारीफ़ की थी। यह कोई बचाव नहीं बल्कि सबूत है कि बीजेपी में जाने पर नेताओं और कार्यकर्ताओं को घृणा का राजनीतिक दर्शन और प्रचार आत्मसात करना होता है। राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ हुआ प्रदर्शन इसी घृणा-प्रचार का नमूना है।
बीजेपी में सिखों की अल्पसंख्यक पहचान को अपमानित करने की प्रवृत्ति इतनी स्पष्ट है कि इसी साल फ़रवरी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल में तैनात एक आईपीएस अफ़सर जसप्रीत सिंह को भी खालिस्तानी कह दिया था। जसप्रीत सिंह उनके प्रदर्शन को रोकने का प्रयास कर रहे थे।