जिसे हिंदुओं का देश कहा जाता है, वहां हिंदू का सोना आजकल उसका सबसे मुश्किल हो गया है! जबसे मोदी जी आए हैं, बेचारे हिंदुओं को ज़रूरत से ज़्यादा जागना पड़ रहा है। ‘जागो हिन्दू’ सुबह से देर रात तक जारी रहता है। कैसी ट्रेजेडी है नीच कि आज हिंदू ही हिंदू को सोने नहीं दे रहा है। दिनभर का थका – मांदा हिंदू बेचारा जैसे ही सोने के लिए जाता है, कोई न कोई संघी, कोई न कोई भाजपाई, कोई न कोई योगी, कोई न कोई यति आ टपकता है। कहता है, ओ हिंदू भाइयो, ओ हिंदू माइयो, ओ हिंदू बहनो, जागो। सोने देते नहीं और कहते हैं, जागो! कोई सोएगा, तभी तो जागेगा! सतत जागरण की अवस्था में जो रहेगा, वह कैसे जागेगा! वह जागा हुआ होकर भी सोता रहेगा। इन्हें इससे मतलब नहीं। इनका एक ही नारा है, एक ही उद्देश्य है, हिंदू जागो!
हिंदू जाग- जागकर इतना तंग आ चुका है कि वह पहली फुरसत में अमेरिका भाग जाना चाहता है। वह इतना उतावला है कि पिछले एक साल में 90 हजार से अधिक हिन्दू इत्यादि मैक्सिको या कनाडा के रास्ते अमेरिका में घुसपैठ की कोशिश करते पकड़े गए। आपको यह जानकर खुशी होगी कि इनमें पचास प्रतिशत से ज्यादा उसी राज्य के थे, जिसे मॉडल बताकर भारत पर चुनावी विजय पाई गई थी। बॉर्डर पर जाकर ये ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि अमेरिकी सुरक्षाकर्मी सो जाएं और ये आराम से अंदर घुस जाएं। यहां हिंदुओं को जगाना पड़ता है, वहां अमेरिकी बिना जगाए, जागते रहते हैं। यह भारत और अमेरिका में मूल अंतर है!
दिलचस्प बात यह है कि ये अकसर हिंदुओं को उस मोहल्ले, उस बस्ती, उस शहर, उस जिले में जगाते हैं, जहां मुसलमानों की आबादी अधिक है और उन्हें मुसलमानों के खिलाफ ही जगाते हैं। अभी माननीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह जी बिहार के चार मुस्लिम बहुल जिलों में हिंदू जागरण करने गए थे। पांच दिन वहां के हिंदुओं को गिरिराज जी ने अकेले दम पर जगाये रखा। कोई भाजपाई नेता तक इनके साथ न आया! फिर बेचारे झख मारकर दिल्ली आ गए! ये दिल्ली आए थे, सोने के लिए क्योंकि यहां मंत्री को कुछ करना तो होता नहीं। जो करना होता है, वह या तो पीएमओ कर लेता है या गृह मंत्रालय। बस यहां आओ और खाओ और सो जाओ! उधर भागलपुर, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार वगैरह का हिंदू जागता रहा कि भाई और कोई नहीं अभी -अभी मंत्री जी हमें जगा कर गए हैं। उसे क्या पता था कि मंत्री जी उसे जगाकर दिल्ली में सोने गये हैं। वह समझता रहा कि मंत्री जी यहां जगाने आए थे तो वहां भी जाग और जगा रहे होंगे। वह भूल गया कि कोई मंत्री इतना हट्टा- कट्टा, इतना स्वस्थ जागकर नहीं हो सकता, जगाकर ही हो सकता है!
इधर, हिंदू बेचारा जाग- जाग कर बेदम हुआ जाता है और उधर ये जगा जगाकर दमदार हुए जाते हैं! इनको समझ में नहीं आता कि हिंदू हो या मुसलमान या ईसाई, हर स्वस्थ मनुष्य के जागने की एक सीमा होती है। फिर उसे सोना ही पड़ता है। अनिद्रा रोग के रोगियों को भी कुछ घंटे तो नींद आ ही जाती है। यहां तक कि इस सदी के महाहिंदू मोदी जी भी ऑफिशियली छह घंटे तो सोते ही हैं और जागकर भी वे हमेशा हिंदू को जगाने का काम नहीं करते। विदेशी दौरों पर जाते हैं, कपड़े बार- बार बदलते हैं, फेशियल कराते हैं, रेल को हरी झंडी दिखाते हैं। खाड़ी देशों के सुल्तानों से मीठी -मीठी बातें करते हैं। सुल्तान कहते हैं कि आप हमारे यहां आए हो तो आपको हमारी मस्जिद भी देखनी पड़ेगी तो जिसने भारत में मस्जिद में न जाने की कसम खाई है, वह वहां जाता है। वे उसकी बनावट की बारीकियां बताते हैं तो ये मूड़ हिलाते हैं।
इधर हिंदुओं का जागरण जारी रहता है। इन्हें यह समझ में नहीं आता कि हिंदुओं को हर समय जगाए रहोगे तो वह किसी काम का नहीं रहेगा। उसका दिल- दिमाग काम करना बंद कर देगा। वह हमेशा ऊंघता पाया जाएगा। वह थका और चिढ़चिढ़ा हो जाएगा। उसे ठीक से सोने दो, उसे सुख से जीने दो। हिंदू बहुल देश में हिंदू जागे, यह हिन्दुओं के साथ ज्यादती है। इन्होंने उसे इस बीच इतना जगाया है, इतना जगाया है कि इस साल आम चुनाव में हिंदुत्व का सोने का अंडा देनेवाली यूपी की मुर्गी कुड़क हो गई। उसने अपने अधिकतर अंडे समाजवादियों और कांग्रेसियों को दे दिए। उसने महाराष्ट्र में इनका हिसाब गड़बड़ा दिया। उसने इनसे कर्नाटक छिनवा लिया।
हिंदू को इस बीच इतना जगाया गया है कि प्रधानमंत्री का मणिपुर जाना मुश्किल हो गया है। ज्यादा जगाओगे तो ज्यादा नुकसान उठाओगे। अब सोने दो उसे। उसके जागने का इसरार मत करो।
हिंदुओं को इन तथाकथित जगानेवालों की भाषा खासी बलिदानी किस्म की होती है -‘मंत्री पद भले छिन जाए मगर हिंदुत्व नहीं छोड़ूंगा।’ ‘कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हूं’ वगैरह। एक बार ऐसे बलिदानियों के पास जो भी पद हो, जो भी सुख- सुविधाएं -सुरक्षा आदि हो, वह छीन ली जाए और कहा जाए कि जाओ बेटा, अब हिंदुओं को जगाओ। तुरंत इनकी हवा क्या, पानी तक खिसक जाएगा। गिरिराज जी से भी कहना चाहिए कि आप मंत्री पद ही नहीं, सांसद पद भी छोड़ दो और फिर पूरे पांच साल तक हिंदुओं को जगाते रहो। तब देखो, ये कितना खुद जागते हैं और इनके जगाए कितने हिंदू जागते हैं!
इन्हें यह नहीं मालूम कि मुसलमानों और ईसाइयों की तरह हिंदू को भी खुद जागना और सोना आता है। वह इनकी तरह नहीं, अपनी तरह, अपने कारणों से जागता और सोता है। यह वाला जागा हुआ हिंदू हर साल दो करोड़ नौकरियाँ मांगता है, महंगाई 52 फीसदी बढ़ने पर मुसलमान की तरह कराहता है। जागा हुआ हिंदू जानता है कि अडानी जी किसके गहरे मित्र हैं और उसके लिए वह मित्र क्या- क्या नहीं कर गुजरता है। जागा हुआ हिंदू मुसलमानों की तरह जानता है कि सेबी प्रमुख को कौन क्यों बचाता आ रहा है। जागा हुआ हिंदू जानता है कि देश का प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के घर गणेश पूजा करने क्यों गया था जागा हुआ हिंदू जानता है कि योगी के जातिवाद पर ऊंगली उठाने वाली महिला पत्रकार पर जगह-जगह मुक़दमे कौन ठुकवाता है, बलात्कार की धमकी कौन दिलवाता है
हिंदू किसी एक करवट नहीं जागता और वह किसी गिरिराज सिंह या किसी योगी के जगाने पर नहीं जागता। जागा हुआ हिंदू जानता है कि ये जगाने के लिए नहीं, सुलाने के लिए आए हैं। जागा हुआ हिंदू जानता है कि चोला भले इनका भगवा है मगर ये किसकी मानस संतान हैं!