Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • असम: रहीमा बेगम को ‘बांग्लादेश में धकेला’, ग़लती पता चली तो वापस लाया
    • विमान गिरने के मामले में मोदी सरकार ने देश को गुमराह कियाः खड़गे
    • Satya Hindi News Bulletin। 31 मई, सुबह तक की ख़बरें
    • बड़े मुद्दों पर चुप क्यों रहते हैं बॉलीवुड सितारे?
    • धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर
    • ऑपरेशन सिंदूर पर बॉलीवुड सितारों में सन्नाटा क्यों है?
    • ‘लव जिहाद’ के झूठे जाल में फंसा साक़िब, 5 साल बाद मिला इन्साफ़
    • लव जिहाद का पहला मामला यूपी कोर्ट में धराशायी, योगी सरकार लाई थी कानून
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » `ह्वाइट नाइट्स’ का मंचन: उजली स्वप्निल रातें और दोस्तोवस्की
    भारत

    `ह्वाइट नाइट्स’ का मंचन: उजली स्वप्निल रातें और दोस्तोवस्की

    By March 14, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    कहानी पहले किसी एक देश या स्थान की होती है। वहीं की भाषा में लिखी या कही जाती है। लेकिन वहां की होकर भी वो सिर्फ वहीं की नहीं होती। वो दूर देशों की यात्रा पर चली जाती है। जिस देश में पहुंचती है वहां भी लोगों के दिल में जगह बना लेती है। वहां की भाषा में ढल जाती है। वहां की दंतकथाओं से उसका याराना भी हो जाता है। वहां की किस्सागोई शैली से घुलमिल जाती है। वो कहानी वहां की कविताओं से भी दोस्ती गांठ लेती है। इस प्रक्रिया में उसका रूप थोड़ा बदल भी जाता है। मगर थोड़ा बदलकर अपनी मूल आत्मा को बचाए भी रखती है। या ये कहें कि उसका आत्मविस्तार हो जाता है।

    फ्योदोर दोस्तोवस्की की कहानी `ह्वाइट नाइट्स’ के साथ भी हाल में वही हुआ जब आद्यम नाटक समारोह में युवा रंगकर्मी पूर्वा नरेश ने इसे आधार बनाकर एक नाटक किया। उन्नीसवीं सदी में रूसी में लिखी जाने के बावजूद `ह्वाइट नाइट्स’ पूरी दुनिया में छा चुकी है। बतौर कहानी तो ये पूरी दुनिया में पढ़ी जाती रही है, साथ ही कई भाषाओं में इस पर फ़िल्में भी बनी हैं। भारत में भी कुछ साल पहले संजय लीला भंसाली ने हिंदी में इसी पर `सांवरिया’ फिल्म बनाई थी जिसमें रनबीर कपूर और सोनम कपूर प्रमुख किरदार थे। पर इस कहानी पर कोई नाटक नहीं हुआ है। कम से कम भारत में तो नहीं हुआ है। 

    इस लिहाज से पूर्वा पहली भारतीय रंगकर्मी हैं जिसने दोस्तोवस्की की इस कहानी को मंच पर उतारा। नाट्य रूपांतर पूर्वा ने खुद ही किया। और ऐसा करते हुए उसमें भारतीय रस भी मिला दिए। मतलब, हिंदी के कवियों- अशोक वाजपेयी, केदार नाथ सिंह, विनोद कुमार शुक्ल की कविताओं का भी यथास्थान मिश्रण किया। एक रूसी कहानी भारतीय भी बन गई पर उसका रूसीपन बरकरार रखा गया। पात्रों के नाम रूसी ही रखे गए पर एक पात्र भारतीय भी है। घटनाएँ भी रूसी शहर सेंट पीटसबर्ग में ही घटती हैं। लेकिन आज की दुनिया में प्रवासियों के मुद्दे भी इसमें आते हैं। किसानों की समस्याएँ भी। और ये सब होता है सहज तरीक़े से। पूर्वा पहले भी साबित कर चुकी हैं कि बतौर निर्देशक वो एक ग़ज़ब की किस्सागो भी हैं। एक कालजयी रूसी कहानी को उन्होंने इस तरह संवारा है कि दर्शक अपने को उन्नीसवीं सदी के रूस में भी मौजूद महसूस करता है और आज के भारत में भी।

    यहां `ह्वाइट्स नाइट्स’ के कथा सार को जानना थोड़ा ज़रूरी होगा। रूस के सेंट पीटसबर्ग शहर में जून महीना ऐसा वक्त होता है जब रात में सूरज पूरी तरह डूबता नहीं है। जैसे गोधूलि के समय हल्की रोशनी रहती है वैसा ही उन महीने में सेंट पीटसबर्ग में रात भर होती है। ये कहानी भी ऐसे ही रातों पर आधारित है इसीलिए इसका नाम `ह्वाइट नाइट्स’ है। (हिंदी में इस कहानी का अनुवाद रजत रातें नाम से हुआ है।) इन्हीं रातों में इस कहानी का वाचक (जिसका कोई नाम नहीं है)  नास्तेंका नाम की एक लड़की को देखता है जो एक पुल पर चली जा रही थी। जब वाचक एक शराबी को उस लड़की की तरफ बढ़ते हुए देखता है तो उसे आशंका होती है दोनों टकरा न जाएं, इसलिए वो बीच में आ जाता है। शराबी लड़की से नहीं टकरा पाता। फिर उस लड़की से उसकी दोस्ती हो जाती है। 

    इस बात के पर्याप्त संकेत हैं कि उसे लड़की से प्यार हो जाता है। पर क्या लड़की को उससे प्यार होता है नहीं। वो तो ये मानती और कहती है कि उसे तो उस लड़के से दोस्ती भर हुई है। प्यार तो वो किसी और से करती है। नास्तेंका के सामने सिर्फ एक मुश्किल है कि जिसे वो प्यार करती है वो कहीं बाहर गया था और शहर में लौटकर आने के बाद भी उससे मिला नहीं है। नास्तेंका लड़के से कहती है कि उसका पत्र उसके प्रेमी तक पहुंचा दे। दिल पर पत्थर रखकर लड़का तैयार भी हो जाता है। पत्र पहुंचाने के लिए जब वो बाहर निकलता है तो कुछ बदमाशों द्वारा उसकी पिटाई भी हो जाती है। फिर भी वो पत्र पहुंचा ही देता है और नास्तेंका का अपने प्रेमी से मिलन भी हो जाता है।

    `ह्वाइट नाइट्स’, एक प्रेम कहानी है। और जैसा कि सभी महान प्रेम कहानियों के साथ होता रहा है, सभी एक दूसरे जैसी भी होती हैं और एक दूसरे से अलग भी।

    `ह्वाइट नाइट्स’ की खासियत ये है कि इसके दोनों मुख्य चरित्र एक दूसरे से प्रेम नहीं करते। लड़का तो लड़की से प्रेम करता है लेकिन उसका प्रेम अव्यक्त ही रह जाता है। वो नास्तेंका से `आई लव यू’ कह नहीं पाता। वो प्रेम के लिए अपने को बलिदान कर देता है। लड़की अपने प्रेमी को चाहती है और उसका इंतज़ार करती रहती है। वो एक वफादार प्रेमिका है। पर क्या वो इस बात से अनजान रहती है कि लड़का भी इससे प्रेम करता है या जानते हुए भी अनजान बनी रहती है ये दर्शक या पाठक की अपनी व्याख्या पर निर्भर करता है।

     - Satya Hindi

    पूर्वा नरेश ने जो रूपांतरण किया है उसमें कहानी की संरचना को तोड़ दिया है और मूल कहानी से अलग जाकर कुछ नए पात्रों का सृजन भी किया है। मूल कहानी में कथावाचक ही अपने और नास्तेंका के बीच पूरी तरह प्रस्फुटित न हुए प्रेम की कहानी कहता है। लेकिन पूर्वा ने इस चरित्र के दो चरित्र बना दिए हैं। जिस लड़के को नास्तेंका से एकतरफा प्रेम होता है उसे दीवाना नाम दिया है। और कथावाचक एक अलग से चरित्र है जो दीवाना और नास्तेंका के बीच की कड़ियाँ जोड़ता है। दीवाना की भूमिका मंत्रमुग्ध ने निभाई है और कथावाचक की भूमिका दानिश हुसैन ने। दोनों रंगकर्म और फ़िल्मों- सीरियलों के चर्चित अभिनेता हैं।  

    मंत्रमुग्ध ने अपने चरित्र में जज्बाती पहलू पर जोर दिया और दानिश हुसैन  कथावाचक के रूप में वनामुक्त रहे।  नास्तेंका की भूमिका में गिरिजा ओक.गोडबोले ने अपने किरदार के अनुरूप ऐसी प्रेमिका की भूमिका निभाई है जो अपने प्रेमी को पाने के लिए निरंतर प्रयास करती है। एक निष्ठावान प्रेमिका। 

    जैसा कि पहले कहा गया पूर्वा ने दोस्तोवस्की की इस कहानी को नाटक में बदलते हुए इस प्रेम कहानी में अन्य प्रकरण भी जोड़े हैं। कई अन्य नाटकीय युक्तियों का भी प्रयोग किया गया है जिससे नाटक का प्रभाव विस्तारित भी हो गया है। संगीत और वस्त्र सज्जा भी आकर्षक है। खंडहर वाले दृश्य का कुछ कुछ इंद्राजालिक सा प्रभाव भी पैदा हो गया है। नाटक मूल कहानी की तरह स्वप्निल ही है। ये दोस्तोवस्की का भारतीय संस्करण है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleस्टारलिंक को भारत में मंजूरी देने के मायने क्या?
    Next Article बर्लिन से ज़्यादा ऊँची नफ़रत की दीवारों पर ख़ामोश हैं मोदीजी?

    Related Posts

    असम: रहीमा बेगम को ‘बांग्लादेश में धकेला’, ग़लती पता चली तो वापस लाया

    June 1, 2025

    विमान गिरने के मामले में मोदी सरकार ने देश को गुमराह कियाः खड़गे

    May 31, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 31 मई, सुबह तक की ख़बरें

    May 31, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.