भारत के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी द्वारा गुजरात में संचालित वनतारा चिड़ियाघर अब अंतरराष्ट्रीय विवादों के केंद्र में आ गया है। हालांकि वनतारा चिड़ियाघर को वन्यजीव संरक्षण और पुनर्वास केंद्र के रूप में प्रचारित किया जाता है। जर्मन पत्रिका सूडॉयचे ज़ाइटुंग की एक खोजी रिपोर्ट ने इस परियोजना के पीछे की मंशा और इसके संचालन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह रिपोर्ट दावा करती है कि गुजरात के जामनगर में स्थित यह 3,000 एकड़ का विशाल केंद्र, जो 39,000 से अधिक जानवरों का घर है, संरक्षण के नाम पर वन्यजीवों के व्यापार से जुड़ा हो सकता है।
सूडॉयचे ज़ाइटुंग के अनुसार, वनतारा में मौजूद कई जानवर, जैसे शेर, चीते, जगुआर और विदेशी प्रजातियाँ, जंगल से पकड़े गए हो सकते हैं। इनमें से कुछ को कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय जानवर व्यापारियों के जरिए लाया गया है, जो संरक्षण के दावों को संदिग्ध बनाता है।
रिपोर्ट में दक्षिण अफ्रीका के वन्यजीव संरक्षण संगठन, वाइल्डलाइफ एनिमल प्रोटेक्शन फोरम ऑफ साउथ अफ्रीका (WAPFSA) के हवाले से कहा गया है कि वहाँ से बड़ी संख्या में जानवरों का निर्यात भारत के इस निजी चिड़ियाघर में हुआ, जिसकी जाँच की माँग की जा रही है।
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पत्रिका ने यह भी लिखा है कि वनतारा को भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने 3 मार्च 2025 को इसका उद्घाटन किया था। हालाँकि, इस सरकारी समर्थन के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुविधा गुजरात के गर्म और शुष्क मौसम में कई प्रजातियों के लिए खतरनाक हो सकती है। क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के जानवरों को गुजरात का गर्म वातावरण पसंद नहीं आएगा।
संरक्षण या शोषण
रिपोर्ट में यह सवाल उठाया गया है कि क्या वनतारा वास्तव में एक संरक्षण केंद्र है या फिर जानवरों के प्रजनन और व्यापार का एक छिपा हुआ अड्डा। दस्तावेजों के अनुसार, वनतारा में 56 चीते, 52 कैरेकल, 19 तेंदुए, 90 शेर और अन्य प्रजातियाँ दक्षिण अफ्रीका से आयात की गई हैं। WAPFSA ने आरोप लगाया है कि ये जानवर प्रजनन सुविधाओं से खरीदे गए और अब इनका इस्तेमाल “प्रजनन मशीनों” के रूप में किया जा रहा है।
अंबानी परिवार का जवाबः वनतारा के अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केंद्र पूरी तरह से संरक्षण के लिए समर्पित है। सभी आयात वैधानिक रूप से CITES (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज़) के नियमों के तहत हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि पहले उठाए गए सभी मुद्दों को हल किया जा चुका है और कोई जाँच लंबित नहीं है।
इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे अंबानी परिवार की शक्ति और प्रभाव का दुरुपयोग मानते हैं। कुछ इसे एक पॉजिटिव कदम के रूप में देखते हैं जिसे गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी बंद सुविधा यानी चिड़ियाघर में जानवरों को रखना, चाहे वह कितना भी मॉडर्न क्यों न हो, कुदरती या प्राकृतिक जीवन के बराबर नहीं हो सकता।
जर्मन पत्रिका की खास बातें
- भारत में वनतारा को संकट में फंसे जानवरों के लिए एक लग्ज़री आश्रय स्थल बनाया गया है। जिसकी दुनिया के सबसे अमीर परिवारों में से एक द्वारा फंडिंग की जा रही है। लेकिन क्या वास्तव में हजारों जानवरों को बचाया गया है एक ऐसा अस्पष्ट चिड़ियाघर प्रोजेक्ट जिसके जरिये जंगली जानवरों के ग्लोबल स्मगलिंग का खतरा है।
- यह विशाल चिड़ियाघर भारत के पश्चिम में गुजरात राज्य के जामनगर शहर के पास स्थित है। लगभग 1200 हेक्टेयर में फैले इस परिसर का आकार लगभग 1500 फुटबॉल मैदानों के बराबर है। यह जमीन अंबानी की रिलायंस रिफाइनरी को पौधे लगाने के लिए दी गई थी। लेकिन अब यहां चिड़ियाघर बन गया है।
- यहाँ लगभग 200 हाथी, 300 बड़ी बिल्लियाँ जिनमें शेर, बाघ और तेंदुए शामिल हैं। साथ ही गैंडे, मगरमच्छ और अनगिनत पक्षी और सरीसृप रहते हैं। कुल मिलाकर, यहाँ 100 से अधिक प्रजातियों के 43,000 से अधिक जानवर हैं।
- चिड़ियाघर संचालकों का दावा है कि कई जानवर सर्कस या खराब प्रबंधित चिड़ियाघरों से आए हैं और उन्हें दुर्व्यवहार से बचाया गया है। कुछ जानवरों के बारे में कहा जाता है कि वे जंगल में घायल हो गए थे या अवैध तस्करी से जब्त किए गए थे।
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कई जानवरों का मूल स्रोत अभी भी स्पष्ट नहीं है। यानी उनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है कि उन्हें कहां से लाया गया है।
- वनतारा में जानवर ऐसी स्थितियों में रह रहे हैं जो अधिकांश पारंपरिक चिड़ियाघरों में अकल्पनीय हैं: यानी विशाल स्थान, विशेष देखभाल और 500 से अधिक पशु डॉक्टरों और रखवालों की टीम क्या सरकारी चिड़ियाघरों में संभव है।
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जंगली जानवरों का अवैध व्यापार एक ग्लोबल समस्या है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इसमें हर साल 7 से 23 अरब डॉलर अवैध रूप से कमाए जाते हैं। इस वजह से यह ड्रग्स और हथियारों की तस्करी बाद सबसे लाभदायक आपराधिक उद्योग में आता है।
- शेर, बाघ या गैंडे जैसी संरक्षित प्रजातियों को अफ्रीका या एशिया में शिकार किया जाता है। सीमाओं के पार तस्करी की जाती है, और अक्सर निजी चिड़ियाघरों, सर्कस या अमीर व्यक्तियों के संग्रह में पहुँच जाती हैं।
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पिछले साल, मैक्सिकन अधिकारियों ने एक निजी चिड़ियाघर से कई शेर और बाघ जब्त किए, जिसके मालिक उनके कानूनी मूल को साबित नहीं कर सके। बाद में इन जानवरों को वनतारा में ट्रांसफर कर दिया गया।
जर्मन पत्रिका ने कहा है कि वनतारा जानवरों के संरक्षण के बजाय प्रतिष्ठा का मामला ज्यादा लगता है। एक अरबपति का विलासितापूर्ण शौक जो जानवरों का शोषण करता है न कि उनकी रक्षा करता है।
भारतीय मीडिया पर लगे आरोप
डेक्कन हेराल्ड, फाइनेंशियल एक्सप्रेस और टेलीग्राफ़ जैसे प्रमुख समाचार आउटलेट्स ने वनतारा के संचालन पर सवाल उठाने वाली इससे संबंधित रिपोर्ट हटा दीं या उसमें फेरबदल किया। वनतारा को लेकर जब सोशल मीडिया पर अंबानी की बदनामी होने लगी तो एक्स पर जमकर ट्वीट कराये गये। कुछ बड़ी हस्तियों ने एंडोर्स किया। ऑल्ट न्यूज ने इसकी पड़ताल की। उनकी रिपोर्ट का वीडियो देखिए।
Major news outlets including Deccan Herald, Financial Express and Telegraph removed or tweaked reports on concerns over Vantara’s operations. Here’s what our investigation found.pic.twitter.com/b0Vz6ThqIc
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 13, 2025
ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने बताया कि हाल ही में हर 5 सेकंड में फर्जी एक्स अकाउंट से लगातार ट्वीट किए गए हैं। पीआर फर्म इन एक्स अकाउंट को वनतारा पर लगातार ट्वीट करने के लिए कितना भुगतान कर रही हैं। कोई नहीं जानता। इसकी शुरुआत तब हुई जब प्रधानमंत्री ने वनतारा का दौरा किया और अब गुमनाम अकाउंट और फर्जी अकाउंट ने अपना पेड अभियान जारी रखा है।
Who’s running the paid and positive campaign for Vantara. There are non-stop tweets by Fake X accounts every 5 secs. How much are PR firms paying these X accounts to tweet non-stop on Vantara. It started with celebrities tweeting when PM visited Vantara to now anonymous accounts… pic.twitter.com/Iuh85FP4wI
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 13, 2025
मोदी का वनतारा भ्रमण
प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ इसका उद्घाटन किया, बल्कि उन्होंने वनतारा का काफी देर तक भ्रमण भी किया। अंबानी परिवार ने मोदी के इतना समय देने के लिए बहुत आभार भी जताया। मोदी ने वहां की कुछ तस्वीरों को एक्स पर ट्वीट किया था। देखिए-
Some more glimpses from my visit to Vantara in Jamnagar. pic.twitter.com/QDkwLwdUod
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2025
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी अपने इस निजी वनतारा अभ्यारण को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। वनतारा का शाब्दिक अर्थ होता है जंगल का सितारा। इस 3000 एकड़ में फैले निजी अभ्यारण को गुजरात का हरित प्रदेश कहकर इसका काफी विज्ञापन किया जाता है। लेकिन आर टी आई के जरिए हुए हालिया खुलासे के बाद कि वनतारा चिड़ियाघर नहीं है, कई और सवाल सामने आए हैं। लोग यह पूछ रहे हैं कि जिन जानवरों को बचाया गया वे किन जगहों से बचाए गये इस दौरान एक ख़बर यह भी सिर उठा रही है कि छत्तीसगढ़ के जंगल सफारी के दो सफेद भालू भी इस वनतारा में भेजे जाने वाले हैं. इसके बाद छत्तीसगढ़ में फिर कोई सफेद भालू नहीं बचेगा।
अगर गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा चिड़ियाघर नहीं है तो क्या है इस सवाल का जवाब क्या सरकार देगी। क्या देश के राजनीतिक दल इस सवाल को उठाएंगे।
रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी