
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन पर करारा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने रविवार (8 जून) को योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए हवाई सर्वेक्षण को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री में ज़मीन पर उतरकर किसानों से सीधे संवाद करने का साहस नहीं है।
अखिलेश यादव ने सोमवार (9 जून) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“कृषि का हवाई सर्वेक्षण करने वालों के पास समय की नहीं, किसानों के आक्रोश का सामना करने की ‘हिम्मत’ की कमी है।”
उन्होंने यह भी तंज कसा कि क्या हवाई सर्वेक्षण से ज़मीन पर घूम रहे आवारा पशुओं को देखा जा सकता है, जो आज भी किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि
“किसान पूछ रहे हैं कि क्या इतनी ऊँचाई से आवारा पशु भी दिखते हैं?”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को maize (मक्का) की फसल की स्थिति का आकलन करने के लिए उन्नाव और हरदोई जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था। परंतु इस दौरान वे किसी भी किसान से सीधे नहीं मिले, जिसे विपक्षी दलों ने मुद्दा बना लिया है।
बढ़ती समस्याएँ, बढ़ता आक्रोश
हाल के हफ्तों में राज्य के कई हिस्सों से किसानों की शिकायतें सामने आई हैं कि अप्रत्याशित बारिश और आवारा पशुओं की समस्या ने उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। किसानों का कहना है कि सरकार सिर्फ दिखावे के तौर पर सर्वेक्षण कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर राहत और मुआवज़े की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।
वहीं, बीजेपी प्रवक्ताओं ने अखिलेश यादव के आरोपों को “राजनीतिक ड्रामा” करार दिया है और दावा किया है कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है। एक प्रवक्ता ने कहा,
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की चिंता को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं और पूरे प्रशासन को राहत कार्य में लगाया गया है।”
एक तरफ किसान ज़मीन पर जूझ रहे हैं, दूसरी ओर नेताओं की जंग सोशल मीडिया और हेलिकॉप्टर में लड़ी जा रही है। अब सवाल यह है कि क्या हवाई सर्वेक्षणों से किसानों की पीड़ा का समाधान निकल पाएगा या यह सिर्फ एक और चुनावी दिखावा बनकर रह जाएगा?