अमेरिक में गौतम अडानी पर लगे रिश्वतखोरी की योजना के आरोपों के बाद केन्या ने अडानी के साथ एयरपोर्ट और बिजली ट्रांसमिशन समझौता रद्द कर दिया है। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने गुरुवार को कहा कि हमने हमारी जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा दी गई नई जानकारी के आधार पर अडानी समूह के साथ कई मिलियन डॉलर के विस्तार और ऊर्जा सौदों को रद्द कर दिया।
केन्या के राष्ट्रपति की यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका में गौतम अडानी पर आरोप लगा है कि उन्होंने भारत में एक बड़ा पावर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 2000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की योजना बनाई। हालाँकि अडानी समूह ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि इस मामले को क़ानूनी रूप से निपटा जाएगा।
इस घटना के बाद केन्या के राष्ट्रपति ने सौदा रद्द करने की घोषणा की। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो बयान को साझा किया गया है। रुटो ने कहा कि उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अडानी समूह की एक इकाई के साथ बिजली ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण के लिए किए गए 700 मिलियन डॉलर से अधिक के सौदे को रद्द करने का भी निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने परिवहन मंत्रालय और ऊर्जा एवं पेट्रोलियम मंत्रालय के भीतर एजेंसियों को चल रही खरीद को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है।’ रुटो ने अपने राष्ट्र के संबोधन में कहा, इस निर्णय का श्रेय जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा दी गई नई जानकारी को जाता है।
Kenya’s President William Ruto has cancelled the Indian firm Adani Group’s proposal to modernise the Jomo Kenyatta International Airport (JKIA) and Kenya’s power transmission sector through a Public-Private Partnerships (PPP) model.
The public has criticised the opaque nature of… pic.twitter.com/DxdTQVs48G
— Kennedy Wandera (@KennedyWandera_) November 21, 2024
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने अक्टूबर में केन्या इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन कंपनी के साथ 30 साल के लिए 736 मिलियन डॉलर का सार्वजनिक-निजी भागीदारी समझौता किया था। उसी महीने एक अदालत ने अनुबंध को निलंबित कर दिया था।
अडानी समूह नैरोबी में अपने मुख्य हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण के लिए केन्याई सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में था, जिसमें एक अतिरिक्त रनवे और टर्मिनल का निर्माण किया जाना था। इसके बदले में समूह 30 वर्षों तक हवाई अड्डे का संचालन करता।
इस सौदे के कारण केन्या में विरोध प्रदर्शन हुए और हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। उन्होंने कहा था कि इससे काम करने की स्थिति खराब हो जाएगी और कुछ मामलों में नौकरी चली जाएगी।
इस बीच, ऊर्जा मंत्री ओपियो वांडेई ने कहा कि देश में बिजली लाइनों के निर्माण के लिए अडानी समूह की एक इकाई को अनुबंध देने में कोई रिश्वत या भ्रष्टाचार शामिल नहीं था। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने केन्या की सीनेट की वित्त समिति को बताया, ‘जहां तक अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के साथ पीआईपी का सवाल है, भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी का कोई मामला नहीं है।’
वांडेई ने कहा कि केन्या के सार्वजनिक-निजी भागीदारी अधिनियम के तहत अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस द्वारा अपने देश भारत में क़ानूनों और करों के अनुपालन को दर्शाने वाले दस्तावेजों की समीक्षा और सत्यापन की आवश्यकता है।
इससे पहले दिन में अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी पर भारत में एक सौर ऊर्जा परियोजना में निवेशकों को धोखा देने के आरोप में अभियोग लगाया। इसमें उन्होंने यह छिपाया कि अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए कथित 265 मिलियन डॉलर की योजना थी।