अमेरिका ने वीजा आवेदकों के लिए एक नई और सख्त नीति की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति के फेसबुक, X (ट्विटर ), इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट आतंकवाद, हिंसा, या अमेरिकी सरकार द्वारा आपत्तिजनक मानी जाने वाली सामग्री का समर्थन करती है, तो उनका वीजा रद्द या अस्वीकृत किया जा सकता है। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने इस नीति को लागू करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
USCIS के अनुसार, वीजा आवेदन प्रक्रिया के दौरान अब आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच की जाएगी। इसमें न केवल सार्वजनिक पोस्ट, बल्कि टिप्पणियां, शेयर, और लाइक भी शामिल हो सकते हैं। यदि कोई सामग्री अमेरिकी कानूनों के खिलाफ या राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा मानी जाती है, तो वीजा आवेदन खारिज हो सकता है, या पहले से स्वीकृत वीजा को रद्द किया जा सकता है।
क्या माना जाएगा आपत्तिजनक
हालांकि USCIS ने स्पष्ट रूप से उन सामग्रियों की सूची जारी नहीं की है, जिन्हें आपत्तिजनक माना जाएगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवादी संगठनों का समर्थन, हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देना, नफरत फैलाने वाली सामग्री, या अमेरिकी सरकार के खिलाफ भड़काऊ बयान इस दायरे में आ सकते हैं। इसके अलावा, अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग्स का प्रचार या गैरकानूनी कार्यों का समर्थन करने वाली पोस्ट भी जांच के दायरे में होंगी।
भारत से हर साल लाखों लोग अमेरिका के लिए पर्यटक, छात्र, और कार्य वीजा के लिए आवेदन करते हैं। यह नई नीति भारतीय आवेदकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि सोशल मीडिया का उपयोग भारत में व्यापक है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि आवेदकों को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को साफ रखना चाहिए और ऐसी सामग्री से बचना चाहिए जो विवादास्पद हो सकती है।
यह नीति पूरी तरह नई नहीं है। 2019 में, तत्कालीन ट्रम्प प्रशासन ने वीजा आवेदकों से उनके सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी मांगना शुरू किया था। हालांकि, अब इस जांच को और सख्त किया गया है, और इसका दायरा बढ़ाया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि यह कदम 9/11 के बाद शुरू की गई सुरक्षा नीतियों का हिस्सा है, जिसे और प्रभावी बनाया जा रहा है।
इमिग्रेशन वकीलों ने चेतावनी दी है कि मामूली असंगतियां या गलत व्याख्या भी वीजा आवेदन को खतरे में डाल सकती हैं। उदाहरण के लिए, किसी मित्र की पोस्ट पर टैग होना या ऐसी सामग्री को अनजाने में लाइक करना भी जांच का कारण बन सकता है। इसलिए, आवेदकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने डिजिटल फुटप्रिंट को नियमित रूप से जांचें और संदिग्ध सामग्री को हटाएं।
इस नीति की घोषणा के बाद कई देशों ने चिंता जताई है कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा सकता है। कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इसे गोपनीयता का उल्लंघन बताया है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह नीति केवल उन लोगों को लक्षित करती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं।
अमेरिका की यह नई नीति वैश्विक यात्रियों और वीजा आवेदकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। खासकर उन लोगों के लिए जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, यह जरूरी है कि वे अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को सावधानी से प्रबंधित करें। यह नीति न केवल अमेरिका की इमिग्रेशन प्रक्रिया को और जटिल बनाएगी, बल्कि यह भी दर्शाती है कि डिजिटल युग में व्यक्तिगत ऑनलाइन व्यवहार का वैश्विक प्रभाव हो सकता है।