भगोड़े क़रार दिए गये व्यापारी विजय माल्या ने दावा किया है कि भारत सरकार ने उनसे 14,100 करोड़ रुपये वापस ले लिए हैं, जबकि उन पर असल देनदारी इससे बहुत कम, केवल ₹6,203 करोड़ की थी। विजय माल्या हाल ही में एक यूट्यूब पॉडकास्ट में नज़र आए, जिसमें उन्होंने राज शमानी से बातचीत के दौरान कई अहम बयान दिए। ये 9 साल में पहला मौका था जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से इतने विस्तार में अपनी बात रखी। इस बातचीत में माल्या ने कई खुलासे किये।
माल्या ने पॉडकास्ट में अपनी सफाई देते हुए कहा, “अगर आप मुझे भगोड़ा कहना चाहते हैं, तो कहिए, लेकिन चोर क्यों? मैंने कोई चोरी नहीं की। मैंने किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने की पूरी कोशिश की थी। मेरी सारी संपत्तियाँ जब्त कर ली गईं और बैंकों ने मेरे कर्ज से कहीं ज़्यादा राशि वसूल कर ली है।”
माल्या ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी मंशा कभी भी बैंकों का पैसा डुबाने की नहीं थी। उन्होंने अपने कर्मचारियों से भी माफी मांगी, जिन्हें किंगफिशर के बंद होने के बाद वेतन और बकाया नहीं मिल सका। माल्या ने भावुक होते हुए कहा, “मुझे अपने कर्मचारियों से बहुत सहानुभूति है। मेरी नीयत कभी उन्हें नुकसान पहुंचाने की नहीं थी। मैं चाहता था कि किंगफिशर उड़े, लेकिन परिस्थितियां मेरे खिलाफ हो गईं।”
विजय माल्या ने यह भी ही दावा किया है कि आखिरी बार भारत छोड़कर लंदन जाने से पहले वे मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर गये थे। उन्होंने जाने से पहले तत्कालीन वित्त मंत्री से कहा था कि मैं जेनेवा में अपनी मीटिंग करके लौट रहा हूँ। उनके बाहर निकलते ही, जैसे ही मीडिया को ख़बर मिली, हंगामा मच गया। उन्होंने कहा कि मैं लंदन में था तो भारत सरकार ने पासपोर्ट जब्त कर लिया तो मैं वापस भारत लौटता कैसे।
इस पॉडकास्ट में माल्या ने यह भी बताया कि उन्होंने हमेशा अपने कर्ज चुकाने की कोशिश की। उन्होंने कहा,
माल्या के इन बयानों को तब और बल मिला जब आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर उनका समर्थन किया। गोयनका ने लिखा, “विजय माल्या ने भव्य जीवन जिया, हां। डिफॉल्ट किया, हां। लेकिन कई अन्य डिफॉल्टरों की तुलना में उनकी 9,000 करोड़ से अधिक की राशि वसूल हो चुकी है। फिर भी कई बड़े डिफॉल्टर कम वसूली के साथ आजाद घूम रहे हैं। अगर बकाया नहीं है, तो माल्या को राजनीतिक पंचिंग बैग क्यों बनाया जा रहा है?”
इस पोस्ट का जवाब देते हुए माल्या ने लिखा, “धन्यवाद, हर्ष। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने लिखित में पुष्टि की है कि बैंकों ने मुझसे 14,100 करोड़ रुपये वसूल किए हैं, जबकि डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल का आदेश 6,203 करोड़ का था। यह साफ़ भेदभाव क्यों?”
यहाँ आपको बता दें कि भारतीय बैंकों के एक समूह ने माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। इस समूह में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक शामिल थे। इसके बाद माल्या के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम में दिवालिया घोषित करने का केस भी चला। हाल ही में उन्होंने इस आदेश को रद्द करने की याचिका दायर की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि माल्या की संपत्तियों की बिक्री और कुर्की से अब तक 14,131.6 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। माल्या ने कर्नाटक हाई कोर्ट में मांग की है कि उनकी और उनकी कंपनी यूनाइटेड ब्रुअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड से हुई वसूली का पूरा लेखा-जोखा सार्वजनिक किया जाए।
माल्या ने पॉडकास्ट में यह भी कहा, “मैंने जो कुछ बनाया, वह मेहनत से बनाया। किंगफिशर मेरे लिए सिर्फ एक बिजनेस नहीं, एक सपना था। मैंने बैंकों के साथ हमेशा ईमानदारी से काम किया, लेकिन मुझे बदनाम करने की साजिश हुई।” उन्होंने अंत में जोर देकर कहा, “मुझे इंसाफ चाहिए। अगर मैंने कर्ज से ज्यादा चुका दिया है, तो मुझे चोर क्यों कहा जा रहा है? यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।”
अब सवाल यह है कि क्या सच में माल्या से वसूली पूरी हो चुकी है? अगर हाँ तो क्या माल्या के खिलाफ बयानबाजी बंद होगी? या यह मामला राजनीतिक मुद्दा बना रहेगा? माल्या का कहना है कि वह इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे।
आगे जो भी हो, फिलहाल इस पॉडकास्ट के बाद माहौल ज़रूर गरमा गया है।