गुजरात के अहमदाबाद हवाई अड्डे पर 12 जून 2025 को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे का शिकार हो गया। सभी 242 यात्रियों के मरने की आशंका जताई गई है, जिसमें पायलट और क्रू के सदस्य भी शामिल हैं। इस हादसे ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा को लेकर पहले से चल रही चिंताओं को और गहरा कर दिया है।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा पर सवाल हाल के वर्षों में कई बार उठ चुके हैं। अप्रैल 2024 में बोइंग के इंजीनियर सैम सालेहपुर ने खुलासा किया कि 787 के फ्यूजलेज को जोड़ने की प्रक्रिया में खामियां हैं, जिसके कारण विमान का ढांचा समय से पहले कमजोर हो सकता है। सालेहपुर ने दावा किया कि प्रोडक्शन में “शॉर्टकट्स” किए गए, जिससे विमान के जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और कुछ समय बाद में “बड़े संकट” का कारण बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बोइंग ने उनकी चिंता को नजरअंदाज किया और उन्हें 787 प्रोजेक्ट से हटाकर 777 प्रोजेक्ट में भेज दिया।
इसके बाद, अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) ने सालेहपुर के दावों की जांच शुरू की। मई 2024 में FAA ने पाया कि बोइंग के दक्षिण कैरोलिना प्लांट में कर्मचारियों ने विंग-टू-फ्यूजलेज जोड़ों की जांच को छोड़ दिया था और रिकॉर्ड में इसे पूरा दिखाया। इस “गलत बर्ताव” को बोइंग ने स्वीकार भी किया, लेकिन दावा किया कि यह तत्काल उड़ान सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है। FAA ने बोइंग को बाकी बचे सभी 787 विमानों की दोबारा जांच करने और पहले से सेवा में मौजूद विमानों के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया था।
टाटा के अधिग्रहण के बाद क्या हुआ
- टाटा ने 27 जनवरी 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया। उसके बाद लगातार समस्याएं सामने आ रही हैं।
- एयर इंडिया के बेड़े में कई विमान पुराने हैं, जिनमें तकनीकी खराबियां और बार-बार मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि एयर इंडिया के विमानों का नवीनीकरण न होने से तकनीकी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं।
- तकनीकी खराबियों के कारण फ्लाइट्स में देरी और रद्द होने की घटनाएं बढ़ी हैं।
विस्तारा और एयर इंडिया के विमानों के एकीकरण में गड़बड़ी के कारण कई बार यात्रियों को मांगी गई सुविधाएं नहीं मिल पातीं।
- बोइंग 777 जैसे पुराने विमानों को हटाने की सलाह दी गई है, क्योंकि ये ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं हैं और इनमें तकनीकी समस्याएं ज्यादा आती हैं।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का इतिहास विवादों से भरा रहा है। 2013 में बैटरी की समस्याओं, फ्यूल रिसाव और ब्रेक से संबंधित तकनीकी खामियों के कारण कई देशों ने इस विमान को अस्थायी रूप से ग्राउंड किया था। 2021 में, FAA ने उत्पादन में खामियों की वजह से 787 की डिलीवरी को 2022 तक रोक दिया था। हाल ही में, मार्च 2024 में लैटम एयरलाइंस के एक 787 विमान में अचानक गोता लगाने की घटना ने 50 से अधिक यात्रियों को घायल कर दिया, जिसके कारण FAA ने पायलट सीटों की जांच के लिए आदेश जारी किए।
बोइंग के अन्य विमान भी सुरक्षा को लेकर विवादों में घिरे रहे हैं। वर्ष 2018 में लॉयन एयर फ्लाइट 610 और 2019 में इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302 के हादसे, जिनमें कुल 346 लोगों की जान गई थी, के बाद से बोइंग की निर्माण प्रक्रिया कठघरे में रही हैं।
बोइंग को लेकर चिंताएं तब और बढ़ीं जब जनवरी 2024 में उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक बोइंग 737 विमान का आपातकालीन दरवाजा उड़ गया। इस घटना के बाद कई विमानों को ग्राउंड कर दिया गया और प्रोडक्शन पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई।
अहमदाबाद का हादसा 787 ड्रीमलाइनर का एक बड़ा हादसा है। भारत में एटीसी और डीजीसी अपने हिसाब से इसकी जांच करेंगे लेकिन समय आ गया है कि पूरी दुनिया में जहां भी 787 ड्रीमलाइनर का इस्तेमाल हो रहा है, इसका सुरक्षा ऑडिट फिर से होना चाहिए।