
Gurugram Haunted Story Saffron BPO Rose
Gurugram Haunted Story Saffron BPO Rose
Gurugram Haunted Story: भारत में भूत-प्रेत और रहस्यमयी घटनाओं की कहानियाँ सदियों से लोकमानस का हिस्सा रही हैं। किंतु जब कोई रहस्य किसी आधुनिक, शहरी माहौल में, वह भी आपके आस-पास घटित होता है तो वह केवल किस्सा नहीं रह जाता बल्कि एक चौंका देने वाली सच्चाई बन जाता है। गुरुग्राम(गुड़गांव – Gurgaon) के व्यस्त और कॉर्पोरेट जीवन से भरे उद्योग विहार में स्थित सैफ्रॉन बीपीओ (Saffron BPO) से जुड़ी एक ऐसी ही रहस्यमयी और भयावह कहानी सामने आई थी जिसने सिर्फ वहाँ काम करने वाले कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था।
न्यूजट्रैक का यह लेख आपको ले चलेगा सैफरन बीपीओ की उस रहस्यमयी और डरावनी दुनिया में।
कंपनी की शुरुआत और लोकेशन

सैफ्रॉन बीपीओ (Saffron BPO) की शुरुआत 2008 के आसपास गुरुग्राम(Gurugram) के उद्योग विहार/साइबर हब क्षेत्र में हुई थी। और यह मुख्य रूप से अमेरिकी क्लाइंट्स के लिए नाइट शिफ्ट में कॉल सेंटर सेवाएं देता थी।
एक सामान्य ऑफिस या भूतिया जगह?

गुरुग्राम के उद्योग विहार फेज़ III में स्थित सैफ्रॉन बीपीओ बाहर से देखने में एक सामान्य ऑफिस जैसा लगता था लेकिन इसके भीतर का वातावरण कुछ और ही कहानी बयाँ करता था। इस बीपीओ के कर्मचारियों के अनुसार यहाँ कई रहस्यमयी और भयावह घटनाएँ घटित होती थीं – जैसे बिना कारण कुर्सियों का हिलना, बंद कंप्यूटर का अपने-आप चालू हो जाना, रात के सन्नाटे में किसी के चलने की आहट, और कई बार एक महिला की परछाई या उसके रोने की आवाज़ सुनाई देना। इन अनुभवों का कोई वैज्ञानिक या तार्किक स्पष्टीकरण कभी नहीं मिल पाया, जिससे यह जगह धीरे-धीरे एक ‘हॉन्टेड’ स्पॉट के रूप में चर्चित हो गई। कर्मचारियों की गवाही, ब्लॉग्स, रिपोर्ट्स और यूट्यूब वीडियोज़ ने इस रहस्य को और भी गहरा बना दिया है, जिससे यह कहानी अब सिर्फ अफ़वाह नहीं, बल्कि एक लोककथा का रूप ले चुकी है।
कहानी की मुख्य किरदार
इस रहस्यमयी कहानी की मुख्य पात्र थी ‘रोज़’ (Rose)। रोज़ एक साधारण, मेहनती और शांत स्वभाव की लड़की थी, जिसने सैफ्रॉन बीपीओ में करीब छह महीने तक काम किया। वह अपने काम में इतनी माहिर थी कि सभी उसे पसंद करते थे और उसके काम की सराहना करते थे। रोज़ की मेहनत और लगन ने उसे ऑफिस में एक स्टार परफॉर्मर बना दिया था। वह समय पर अपने टारगेट पूरे करती थी और टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत थी। लेकिन किसी को भी अंदाजा नहीं था कि रोज़ के साथ एक गहरा रहस्य जुड़ा हुआ है।
रहस्यमयी कॉल और रोज़ का गायब होना

एक दिन रोज़ को एक लंबी कॉल आई जो सामान्य से कहीं ज्यादा देर तक चली। जब उसकी टीम ने कॉल को टैप किया तो पाया कि दूसरी तरफ कोई नहीं था, फिर भी रोज़ गंभीरता से बातचीत कर रही थी। टीम ने सोचा कि शायद कोई तकनीकी समस्या है इसलिए इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया ।
इसके अगले ही दिन से रोज़ का ऑफिस आना बंद हो गया । शुरू में सभी ने सोचा कि वह किसी निजी वजह से छुट्टी पर है । जब कई दिन बीत गए और फिर भी रोज काम पर नहीं लौटी तो उससे संपर्क किया गया । लेकिन रोज न तो फोन उठा रही थी और न ही ईमेल का जवाब दे रही थी ऐसे में सहकर्मियों को चिंता हुई। तो उन्होंने रोज मकान मालिक से संपर्क किया । जिसके बाद जो सच्चाई सामने आई उसके बाद सबके होश उड़ गए । जब मकान मालिक से संपर्क किया गया तो पता चला की रोज नाम की कोई लड़की वहाँ रहती ही नहीं थी। पड़ोसियों से भी पूछताछ की गई तो उन्होंने भी यही कहा।
रोज़ की मौत और सच का खुलासा

जब ऑफिस टीम ने रोज़ की रहस्यमयी गैरमौजूदगी को लेकर गहराई से जांच शुरू की और आखिरकार उसके परिवार से संपर्क किया, तो जो सच्चाई सामने आई उसने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए। परिवार ने बताया कि रोज़ की मौत तो आठ साल पहले ही हो चुकी थी, यानी वह जिस समय सैफ्रॉन बीपीओ में काम कर रही थी, वह असल में जीवित ही नहीं थी। यह रहस्योद्घाटन कर्मचारियों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। जो लड़की उनके साथ काम करती थी, मुस्कराती थी, और टारगेट पूरे करती थी, वह क्या एक आत्मा थी? यह सवाल ही इस घटना को और भी डरावना बना देता है। यही वजह है कि रोज़ की कहानी अब सिर्फ एक याद नहीं, बल्कि बीपीओ इंडस्ट्री की सबसे रहस्यमयी और चर्चित किंवदंती बन चुकी है।
बीपीओ का अतीत – कब्रिस्तान पर बना ऑफिस
जाँच के दौरान जो अगला रहस्य सामने आया, उसने सैफ्रॉन बीपीओ की कहानी को और भी भयावह बना दिया। पता चला कि जिस ज़मीन पर यह बीपीओ बनाया गया था वह कभी एक पुराना कब्रिस्तान हुआ करता था। यह खुलासा जैसे ही कर्मचारियों तक पहुँचा,ऑफिस का माहौल डर और दहशत से भर गया। कई लोगों ने बिना देर किए नौकरी छोड़ दी जबकि कुछ तो इतनी गहरी मानसिक पीड़ा में चले गए कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सबसे दिल दहला देने वाली घटना तब घटी जब रोज़ की सबसे करीबी दोस्त को अचानक दिल का दौरा पड़ा – और उसकी भी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, बल्कि लोगों के मन में यह डर बैठ गया कि कहीं यह बीपीओ सिर्फ एक ऑफिस नहीं बल्कि किसी अशांत आत्मा का बसेरा तो नहीं?
क्या थी रोज़ की कहानी?
कुछ स्थानीय कहानियों के अनुसार, रोज़ की ज़िंदगी में एक दुखद मोड़ तब आया जब उसका अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हुआ। कहा जाता है कि इस भावनात्मक आघात से वह पूरी तरह टूट गई थी और उसने आत्महत्या कर ली। कहानियों के अनुसार, रोज़ की आत्मा को मौत के बाद भी शांति नहीं मिली और वह उस ऑफिस में लौट आई जहाँ वह कभी काम करती थी। इसके अलवा कई कर्मचारियों ने दावा किया कि रोज़ की सीट पर अजीब घटनाएँ घटती थीं – जैसे कंप्यूटर अपने-आप चालू हो जाना, अस्पष्ट आवाज़ें सुनाई देना, और सबसे चौंकाने वाली बात यह कि उसके नाम से सिस्टम में ऐक्टिविटी दिखती थी, जबकि वह वहाँ मौजूद नहीं थी।
ऑफिस का बंद होना और अफवाहें
लोककथाओं के अनुसार जब सैफ्रॉन बीपीओ में डरावनी घटनाएँ बढ़ने लगीं और रोज़ की आत्मा की कहानियाँ चारों ओर फैलने लगीं, तो ऑफिस का माहौल पूरी तरह दहशत में बदल गया। कर्मचारियों ने वहाँ आना कम कर दिया, और कुछ ने तो डर के कारण रात की शिफ्ट में काम करने से साफ़ मना कर दिया। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि आखिरकार ऑफिस के मालिक को भी यह जगह बंद करनी पड़ी। कहा जाता है कि ऑफिस बंद होने के बाद उस बिल्डिंग का क्या हुआ, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। लेकिन आज भी कई स्थानीय लोग दावा करते हैं कि रात के समय उस सुनसान बिल्डिंग से अजीब-अजीब आवाज़ें आती हैं और कई लोगों ने वहाँ एक महिला आकृति संभवत: रोज़ की आत्मा को भटकते हुए देखा है। यह रहस्य अब भी जीवित है और सैफ्रॉन बीपीओ की कहानी गुरुग्राम की सबसे चर्चित और डरावनी किंवदंतियों में से एक बन चुकी है।
सच्चाई या अफवाह?

भूत-प्रेत की कहानियों को लेकर समाज में हमेशा से दो मत रहे हैं। कुछ लोग इन्हें महज कल्पना या डर से उपजा भ्रम मानते हैं जबकि दूसरों के लिए ये घटनाएँ बिल्कुल सच्ची और अनुभव सिद्ध होती हैं। सैफ्रॉन बीपीओ की रहस्यमयी कहानी भी इसी दोराहे पर खड़ी है। जहाँ एक ओर कई लोग इसे अफवाह या अंधविश्वास बताते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ पूर्व कर्मचारी इसे अपनी आँखों देखी हकीकत बताते हैं। इस कहानी का प्रभाव इतना गहरा रहा कि यह केवल लोककथाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि मीडिया और पॉप कल्चर में भी अपनी जगह बना ली। इसी रहस्य और रोमांच से प्रेरित होकर “Rosie: The Saffron Chapter” नामक एक बॉलीवुड फिल्म भी बनाई गई, जिसमें विवेक ओबेरॉय, मल्लिका शेरावत और पलक तिवारी जैसे चर्चित कलाकारों ने अभिनय किया। यह फिल्म इस बात का प्रमाण है कि कैसे एक बीपीओ की डरावनी किंवदंती ने पूरे देश की कल्पना और संवेदना को झकझोर दिया।
कहानी का प्रभाव और आज की स्थिति
सैफ्रॉन बीपीओ में घटी रहस्यमयी और भयावह घटनाओं के बाद यह जगह गुरुग्राम की सबसे डरावनी और चर्चित लोकेशनों में शुमार हो गई। आज भी लोग उस सुनसान बिल्डिंग के पास जाने से कतराते हैं, खासकर रात के समय। स्थानीय निवासियों का दावा है कि वहाँ अजीब सी हरकतें महसूस होती हैं – जैसे कोई अदृश्य शक्ति आसपास मौजूद हो। इन अनुभवों ने इस जगह को न केवल एक हॉन्टेड स्पॉट बना दिया है, बल्कि सैफ्रॉन बीपीओ की कहानी को और भी रहस्यमय और भयावह बना दिया है।