Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • विमान गिरने के मामले में मोदी सरकार ने देश को गुमराह कियाः खड़गे
    • Satya Hindi News Bulletin। 31 मई, सुबह तक की ख़बरें
    • बड़े मुद्दों पर चुप क्यों रहते हैं बॉलीवुड सितारे?
    • धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर
    • ऑपरेशन सिंदूर पर बॉलीवुड सितारों में सन्नाटा क्यों है?
    • ‘लव जिहाद’ के झूठे जाल में फंसा साक़िब, 5 साल बाद मिला इन्साफ़
    • लव जिहाद का पहला मामला यूपी कोर्ट में धराशायी, योगी सरकार लाई थी कानून
    • मणिपुर: बीजेपी गुटों में बंटी लेकिन 23 विधायक ‘सरकार’ बनाने पर आमादा
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » इस्मत चुगतई की दो कहानियों का एक नाट्य-रस!
    भारत

    इस्मत चुगतई की दो कहानियों का एक नाट्य-रस!

    By January 5, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    कहानियों को आधार बनाकर नाटक होते रहते हैं। ये कोई नई बात नहीं है। हिंदी रंगमंच पर ये कम से कम पिछले साठ -सत्तर बरसों से हो रहा है। पर अक्सर होता ये है कि अलग-अलग कहानियों की प्रस्तुतियां होती हैं। यानी दर्शक के सामने कहानी भर होती है। पर दो या उससे अधिक कहानियों को एक साथ मिलाकर एक नाटक करने के प्रयास बहुत कम होते हैं। अगर ऐसा हो तो हम सिर्फ एक या दो या तीन कहानियां भर नहीं देखते। हमारे सामने एक नया नाटय- रस आ जाता है। राजेश तिवारी इसी तरह के अपवाद- स्वरूप निर्देशक की तरह हैं। पिछले शनिवार दिल्ली के श्रीराम सेंटर में उनके निर्देशन में हुआ `नन्ही जान के दो हाथ’ एक ऐसा प्रयोग था जिसमें दो कहानियों को इस तरह मिलाया गया कि वे अलग-अलग लगी ही नहीं। यहां इस्मत चुगतई की दो कहानियों – `नन्हीं सी जान’ और `दो हाथ’ एकरूप हो गईं। इसमें जो नाट्य-रस निर्मित हुआ वो कहानी-रस से अतिरिक्त था।

    पर बात इतनी भर नहीं है। राजेश, जिन्होंने खुद इस नाट्यरूप को लिखा, ये ध्यान रखा कि इसमें इस्मत चुगतई की रचनाओं का मूल मंतव्य न सिर्फ बना रहे बल्कि उसे विस्तारित भी किया। कहानियों की बात काफी दूर तलक चली गई। ये कैसे हुआ, इसे समझने के लिए पहले इन कहानियों पर बात कर ली जाए। `नन्ही सी जान’ एक ऐसी कहानी है जो मजाकिया रहस्य कथा की तरह है जिसमें एक लड़की पर ये आरोप लगता है कि उसने एक नन्ही जान को मार दिया। पर ये नन्ही जान कौन है क्या वो मानव- जान है, क्या किसी बच्चे या बच्ची की जान है 

    सचाई जाने बिना हंगामा खड़ा हो जाता है और इस बात के कयास लगाए जाने लगते हैं कि जान लेने वाली को क्या सजा मिलेगी, क्या उसे पुलिस में दिया जाएगा, उस पर मुक़दमा चलाया जाएगा या और भी कार्रवाई होगी आखिर में `खोदा पहाड़ और निकली चुहिया’ की तरह मालूम होता है कि सारा शोर इस बात को लेकर था कि मुर्गी के एक बच्चे को मारा गया था। वो भी गलती से। पुरी कहानी चुहल से भरी है।

    दूसरी कहानी `दो हाथ’ एक सफाई कर्मचारी परिवार और एक संपन्न मुस्लिम परिवार के संबधों के साथ-साथ सामाजिक विभाजन और यौन शुचिता संबंधी विचारों को लेकर है। इसमें एक वृद्धा सफाई कर्मचारी (प्रियंका) के बेटे राम अवतार (मनीष) की शादी गोरी (शुचि) नाम की लड़की से होती है। राम अवतार फौज में सफाई कर्मचारी है। जिस दिन वो गोरी को ब्याह कर लाता है उसी रात उसे फौज से बुलावा आता है और गोरी को ठीक से देखे बिना वो उसे अपनी मां के हवाले कर युद्ध के मोर्चे पर चला जाता है। फिर वो तीन साल के बाद लौट कर आता है तो पाता है उसकी पत्नी गोरी एक बच्चे की मां बन चुकी है क्योंकि इस बीच गोरी का अपने देवर रतिराम से संबंध हो जाता है। अब आसपास के लोगों द्वारा ये सवाल उठाया जाता है कि क्या राम अवतार इस बात से नाराज होगा, गोरी को छोड़ देगा लेकिन नहीं, राम अवतार उस बच्चे को अपना लेता है और आसपास वाले हक्के बक्के रह जाते हैं।

    `नन्हे हाथ’ में मुख्य रूप से दो विमर्श हैं। एक तो इसमें दलितों के सबसे नीचे के पायदान वाले- यानी सफाई कर्मचारियों की बदहाली को दिखाया गया है। उनकी ज़रूरत सबको होती है किंतु जिनको सम्मान नाम की चीज का लेशमात्र भी नहीं मिलता। पूरी कहानी में, तथा पूरे नाटक में भी, कोई राम अवतार को उसके नाम से नहीं बुलाता। उसे रामअवतरवा नाम से बुलाया जाता है- सामने भी और पीछे भी। उसकी मां और पत्नी को तो और भी तीखे दंश झेलने पड़ते हैं। गोरी पर पुरुषों की ललचायी नज़र रहती है और जिन घरों में वो काम करती है उनकी महिलाओं को लगता है कि उनके पति कहीं उसके चंगुल में न फंस जाए। 

    दूसरा विमर्श इस बात को लेकर है कि गोरी के बच्चे को लेकर राम अवतार का नजरिया समाज में प्रचलित रवैये से अलग क्यों है

    प्रचलित रवैये के मुताबिक राम अवतार उस बच्चे को नहीं अपनाएगा और पत्नी को भी छोड़ देगा। पर दोनों ही चीजें नहीं होतीं। यहां इस्मत चुगतई अपनी तरफ़ से कोई मूल्य निर्णय नहीं देतीं कि क्या सही है और क्या गलत। वे सिर्फ इतना कह रही हैं कि जिस सामाजिक कसौटी पर कई लोग अपना जीवन जीते हैं, जरूरी नहीं कि सारे लोग उसी के मुताबिक जिएं। अलग-अलग लोगों  की भिन्न-भिन्न कसौटियां हो सकती हैं।

     - Satya Hindi

    राजेश तिवारी अपनी इस प्रस्त्तुति में इस्मत चुगतई के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं और अपने अभिनेताओं व दृश्य-रचनाओं के माध्यम से  दोनों कहानियों को मिलाते हुए जज्बाती लम्हों को गहराई देते हैं। वैसे, वे जज्बाती लम्हें कहानियों में हैं पर शब्द की सीमा होती है। उनको पढ़ने का आनंद है पर मंच पर वही शब्द तब दर्शक के भीतर भावोद्रेक पैदा करते हैं जब वे अच्छे दृश्य के रूप में आते हैं और अभिनेता उनको आकार देते हैं। राजेश में छोटे-छोटे प्रसंगों को प्रभावशाली दृश्य में बदलने की गजब की काबिलियत है। वे `डिटेलिंग’ पर इतना ध्यान देते हैं कि एक छोटा सा प्रसंग भी बड़ा वक्तव्य बन जाता है। इसकी शुरुआत नाटक में तभी हो जाती है जब राम अवतार गोरी को शादी करके लाता है और कस्बे के शोहदे उसे और गोरी पर फब्तियां कसना शुरू करते हैं। 

    हमारे यहां गाँवों-कस्बों में एक प्रचलित मुहावरा है- गरीब की लुगाई सबकी भौजाई। इस दृश्य में होता ये है कि गरीब राम अवतार की लुगाई उन शोहदों पर भारी पड़ जाती है और उनको व बाकी लोगों को भी औकात बता देती है।  जैसे-जैसे नाटक आगे बढ़ता है हंसी के फव्वारे भी छूटते हैं और समाज और परिवारों में फैली विद्रूपताएं भी उभरती रहती हैं। इस नाटक में इस्मत चुगतई (इंदु) भी एक चरित्र हैं जिससे दर्शक शुरू से अंत तक ये महसूस करता रहता है कि वो पात्रों को ही नहीं कहानीकार को भी देख रहा है।

    नाटक की संगीत और प्रकाश योजना भी भावनात्मक लम्हों को दिल के अंतरतम में उतारने वाली है। इस प्रस्तुति में कुछ प्रतीक भी हैं। नवजात बच्चों के प्रति स्नेह दिखाने के लिए पुतलों का उपयोग भी इसी मक़सद से हुआ है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleGhazipur News: कुंभ को लेकर सपा विधायक ओमप्रकाश सिंह का बड़ा बयान, कहां मुसलमानों को लेकर जाएंगे
    Next Article Ashish Patel: उत्तर प्रदेश की राजनीति में घमासान जारी, अब मंत्री आशीष पटेल ने इनको लिया ‘रिमांड’ पर

    Related Posts

    विमान गिरने के मामले में मोदी सरकार ने देश को गुमराह कियाः खड़गे

    May 31, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 31 मई, सुबह तक की ख़बरें

    May 31, 2025

    बड़े मुद्दों पर चुप क्यों रहते हैं बॉलीवुड सितारे?

    May 31, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.