कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला उनके एक ट्वीट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और एप्पल से संबंधित बयान पर तंज कसा था। कंगना ने इस ट्वीट को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निर्देश पर हटा लिया। तो सवाल है कि आख़िर कंगना ने ऐसा क्या ट्वीट कर दिया था कि उनको बीजेपी अध्यक्ष से ट्वीट हटाने के लिए निर्देश आए? क्या उनका यह ट्वीट आपत्तिजनक था या फिर बीजेपी ट्रंप को नाराज़ नहीं करना चाहती है?
इन सवालों के जवाब से पहले यह जान लें कि आख़िर कंगना ने पहले ट्रंप को लेकर क्या कहा था और अब उन्होंने उसको डिलीट करने को लेकर क्या सफ़ाई दी है। कंगना ने ट्रंप के बयान पर निशाना साधते हुए भारत की आर्थिक प्रगति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की तारीफ की थी। ट्वीट में कंगना ने ट्रंप के बयान को भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत के प्रति ईर्ष्या का नतीजा बताया और कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। हालाँकि, यह ट्वीट कुछ ही घंटों बाद हटा लिया गया। उन्होंने सफ़ाई में एक ट्वीट कर कहा कि उनको जेपी नड्डा ने ट्वीट डिलीट करने का निर्देश दिया और उन्होंने ऐसा कर दिया।
कंगना ने एक्स पर सफ़ाई में लिखा, ‘आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जी ने मुझे कॉल कर उस ट्वीट को हटाने के लिए कहा। यह मेरी व्यक्तिगत राय थी, और उनके निर्देश पर मैंने इसे तुरंत हटा दिया। मैंने इंस्टाग्राम से भी पोस्ट हटा दी है।’
दरअसल, यह पूरा मामला ट्रंप से जुड़ा हुआ है। 15 मई को डोनाल्ड ट्रंप ने कतर के दोहा में एक व्यापारिक बैठक के दौरान एप्पल के सीईओ टिम कुक को भारत में विनिर्माण बढ़ाने के खिलाफ चेतावनी दी थी। ट्रंप ने भारत को उच्च टैरिफ वाला देश करार देते हुए दावा किया कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर सभी टैरिफ हटाने की पेशकश की है। इस बयान पर भारत में तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं। सरकार ने भी ट्रंप के दावे की तत्काल पुष्टि नहीं की। इसी बीच कंगना रनौत ने ट्रंप के बयान पर निशाना साधते हुए भारत की आर्थिक प्रगति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की तारीफ करते हुए एक्स पर एक ट्वीट पोस्ट किया था।
कंगना ने इस बयान को भारत की आर्थिक उन्नति के प्रति ट्रंप की ‘घबराहट’ के रूप में बताया और लिखा, ‘मोदी जी के मेक इन इंडिया के तहत भारत न केवल आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी अग्रणी बन रहा है। ट्रंप का यह बयान उनकी हताशा दिखाता है।’
यह ट्वीट कंगना के लिए एक राजनीतिक स्कोर करने का प्रयास माना गया, क्योंकि वह अक्सर मोदी सरकार की नीतियों का समर्थन करती रही हैं। हालांकि, बीजेपी नेतृत्व को यह ट्वीट ग़लत लगा, खासकर ऐसे समय में जब भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं।
कंगना के ट्वीट को हटाने का निर्देश बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत पार्टी भारत-अमेरिका संबंधों को मज़बूत करने के लिए सावधानी बरत रही है। ट्रंप के बयान के बाद भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों देश एक व्यापक व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। ऐसे में कंगना का ट्वीट बीजेपी के लिए अनावश्यक विवाद का कारण बन सकता था।
इस घटना ने बीजेपी की आंतरिक अनुशासन नीति को भी उजागर किया है। पार्टी ने पहले भी अपने नेताओं को विवादास्पद बयानों से बचने की सलाह दी है, खासकर जब वे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जानी जाने वाली कंगना को पहले भी पार्टी लाइन से हटने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।
कंगना के ट्वीट को हटाने और उनकी सार्वजनिक माफी ने उनकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कंगना की आलोचना की, उन्हें ‘पार्टी की कठपुतली’ करार देते हुए कहा कि वह अपनी राय व्यक्त करने में स्वतंत्र नहीं हैं। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, ‘कंगना हमेशा बोल्ड छवि की बात करती हैं, लेकिन एक फोन कॉल पर ट्वीट डिलीट कर देती हैं। यह उनकी स्वायत्तता पर सवाल उठाता है।’
दूसरी ओर, कंगना के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है। एक समर्थक ने लिखा, ‘कंगना ने साबित किया कि वह एक अनुशासित सिपाही हैं। नड्डा जी के निर्देश का पालन करना उनकी परिपक्वता दिखाता है।’
ट्रंप के साथ भारत के संबंध हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं और दोनों देश व्यापार, रक्षा, और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। ऐसे में कंगना का ट्वीट अनावश्यक तनाव पैदा कर सकता था, खासकर जब भारत ट्रंप प्रशासन के साथ टैरिफ और व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।
ट्रंप के बयान को नजरअंदाज कर और कंगना के ट्वीट को हटवाकर, बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह छोटे-मोटे विवादों में नहीं उलझना चाहती।