कांग्रेस सांसद शशि थरूर और उनकी पार्टी के बीच जारी तनातनी अब किसी से छुपी नहीं रह गई है। पार्टी कई बार उन्हें पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के लिए चेतावनी भी जारी कर चुकी है। लेकिन अब नया विवाद पाकिस्तान के खिलाफ बने भारत के डेलिगेशन को लेकर है। कांग्रेस ने थरूर का नाम ऑफिशियल तौर पर डेलिगेशन के लिए नहीं दिया था। इसके बावजूद मोदी सरकार ने उन्हें डेलिगेशन में शामिल किया और थरूर ने बड़ा दिल दिखाते हुए उसे स्वीकार भी किया। जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी को असहजता की स्थिति का सामना करना पड़ा है। लेकिन देश हित में उसने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा।
मामला तब गरम गया जब पनामा में शशि थरूर ने कहा था की आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा पहली सर्जिकल स्ट्राइक साल 2016 में हुई। इसके बाद कांग्रेस कांग्रेस नेता उदित राज ने उन्हें भाजपा का सुपर प्रवक्ता बोल दिया और उन्हें यूपीए के दौरान की गई सर्जिकल स्ट्राइक याद दिलाई।
पार्टी थरूर से संतुष्ट नहीं
विवाद बढ़ता देख कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी सफाई पेश करते हुए कहा मेरे पास आलोचना करने वालों के लिए समय नहीं है। मैंने सिर्फ आतंकवादी हम लोग के जवाब में की गई जवाबी कार्रवाइयों का जिक्र किया था ना की युद्ध। मेरा बयान का इशार हाल फिलहाल के वर्षों में हुई कार्रवाइयों पर इशारा करती थीं।
कांग्रेस ने अभी तक नहीं लिया थरूर पर कोई एक्शन
थरूर के बयानों की वजह से कांग्रेस काफी असहज नजर आ रही है। चूंकि मामला देश का है देश हित से जुड़ा है इसलिये पार्टी ने चुप्पी साध रखी है। साथ ही थरूर विदेशी मामलों के बड़े जानकार हैं इसलिए कांग्रेस तिरुवनंतपुरम के सांसद पर सीधी कार्रवाई करने से बच रही है पार्टी भी नहीं चाहती है कि इस संवेदनशील समय में उन पर कार्रवाई कर उन्हें मीडिया अटेंशन दे।