कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मुद्दे पर देश में कई शहरों के डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा की है। इधर, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने सोमवार को तब इस्तीफा दे दिया जब कॉलेज के जूनियर डॉक्टर, इंटर्न और पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षुओं ने सोमवार को चौथे दिन भी हड़ताल जारी रखी। वे महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की मजिस्ट्रेट जांच की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर और मेडिकल छात्र डॉ. संदीप घोष के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। घोष ने कहा कि इस जघन्य अपराध के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीड़िता मेरी बेटी जैसी थी। उन्होंने कहा, ‘एक अभिभावक के तौर पर मैं इस्तीफा दे रहा हूं। भविष्य में किसी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।’
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और कई अन्य शहरों के डॉक्टरों ने घोषणा की है कि मामले की जांच पूरी होने तक सभी वैकल्पिक सेवाएं बंद रहेंगी। प्रदर्शनकारी सभी मेडिकल स्टाफ के लिए पर्याप्त सुरक्षा की भी मांग कर रहे हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद ये हालात बने हैं।
32 वर्षीय महिला प्रशिक्षु डॉक्टर का शव गुरुवार रात पश्चिम बंगाल की राजधानी में सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की आंखों, मुंह और निजी अंगों से खून बह रहा था। उसके बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ, और होठों पर भी चोटें थीं।
पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो एक सिविल वॉलिंटियर है और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से संबद्ध नहीं है, लेकिन वह अक्सर वहां आता-जाता था। पुलिस का कहना है कि डॉक्टर से बलात्कार और हत्या का आरोपी व्यक्ति कथित तौर पर अपराध करने के बाद अपने घर वापस चला गया था और कुछ घंटों के लिए सो गया था। बाद में उसने सबूत मिटाने के लिए अपने कपड़े धो लिए। हालांकि, पुलिस को आरोपी के जूते पर खून के निशान मिले हैं।
प्रशिक्षु डॉक्टर के शव को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया था। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। बाद में पोस्टमार्टम से पुष्टि हुई कि हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था। आरोपी नागरिक स्वयंसेवक को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
अस्पताल में काम करने वाले तीन डॉक्टरों और एक हाउसकीपिंग स्टाफ सदस्य से पूछताछ किए जाने की संभावना है। जिन चार लोगों को बुलाया गया है, वे 9 अगस्त को रात्रि ड्यूटी पर थे, जिस दिन प्रशिक्षु डॉक्टर का अर्धनग्न शव बरामद किया गया था। घटना से पहले उनमें से कुछ पीड़िता के साथ डिनर पर गए थे।
इस घटना से पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में व्यापक आक्रोश फैल गया, जिसमें मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों ने जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।
राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल सहित दिल्ली के दस सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर कोलकाता के प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर हड़ताल पर चले गए और सभी वैकल्पिक सेवाएं निलंबित कर दी गईं। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के एक बयान के अनुसार, मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज, आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, जीटीबी, आईएचबीएएस, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्पिरेटरी डिजीज अस्पताल हड़ताल में भाग ले रहे हैं। यह हड़ताल सुबह 9 बजे शुरू हुई।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मामले की सीबीआई जांच और देशभर के अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग की। हालाँकि, प्रदर्शन के कारण ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गईं, लेकिन अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।