
NDA Manifesto 2025: बिहार चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कंस ली है और जोर-शोर से जनता के बीच आकर अपनी-अपनी बात रख रहे हैं। इन सबके बीच आज शुक्रवार को पटना में एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना घोषणापत्र भी जारी कर दिया, जिसे नाम दिया गया है “संकल्प पत्र 2025”। इस दौरान मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। जब यह घोषणा पत्र जारी हुआ, तो इसे “विकसित बिहार का ब्लूप्रिंट” बताया गया।
विकास और रोजगार पर बड़ा फोकस
-एनडीए के घोषणा पत्र जारी होते ही डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने एनडीए के वादों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच सालों में बिहार को औद्योगिक हब बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने एलान किया कि हमने एक करोड़ से अधिक नौकरी और रोजगार देने का संकल्प लिया है।
-रोजगार के अलावा एनडीए ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़ा एलान किया। एनडीए सरकार महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दो लाख रुपये तक की सहायता राशि देगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि एक करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनें।
किसानों और पिछड़े वर्गों के लिए नई उम्मीदें
-सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि एनडीए सरकार बनने पर ‘मिशन करोड़पति’ की शुरुआत की जाएगी, जिससे महिलाओं को करोड़पति उद्यमी बनने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि अतिपिछड़ा समाज के कामगार वर्गों को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
-किसानों के लिए भी बड़ा एलान करते हुए कहा गया कि केंद्र की किसान सम्मान निधि योजना में जहां अभी 6,000 रुपये मिलते हैं, वहीं एनडीए सरकार इसे 9,000 रुपये करेगी। यह राशि ‘कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान योजना’ के नाम से दी जाएगी।
बदलते बिहार का वादा
-एनडीए के घोषणा पत्र में यह भी बताया गया कि हर जिले में मेगा स्किल सेंटर, फैक्ट्रियां, और 10 औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे। खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में स्पोर्ट्स सिटी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी।
-इसके अलावा, हर जिले में मेडिकल कॉलेज, विश्वस्तरीय मेडिकल सिटी, और नए एक्सप्रेसवे व रेल ट्रैक के आधुनिकीकरण की भी घोषणा की गई है।
विकास बनाम वादों की राजनीति; क्या पड़ेगा प्रभाव?
एनडीए का यह घोषणापत्र बिहार के विकास की बड़ी तस्वीर पेश करता है। रोजगार, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों पर फोकस के साथ। हालांकि, अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह घोषणापत्र “विकसित बिहार” की दिशा में ठोस कदम बनेगा या सिर्फ एक और चुनावी वादा साबित होगा? फिलहाल, एनडीए के इस ‘संकल्प पत्र 2025’ ने बिहार की राजनीति में नई हलचल जरूर मचा दी है, और जनता बस इस आस में बैठी है कि अगर एनडीए जीतती है तो इन संकल्पों में से कितने हकीकत में बदलेंगे और कितने महज चुनावी वादे बनकर रह जायेंगे।


