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    Home » गणतंत्र दिवस 2025 विशेष: भारत की आन-बान-शान का प्रतीक बनेगा 76वां गणतंत्र दिवस
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    गणतंत्र दिवस 2025 विशेष: भारत की आन-बान-शान का प्रतीक बनेगा 76वां गणतंत्र दिवस

    By January 26, 2025No Comments14 Mins Read
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    गणतंत्र दिवस 2025 विशेष: भारत की आन-बान-शान का प्रतीक बनेगा 76वां गणतंत्र दिवस

    26 जनवरी 2025 – भारत का 76वां गणतंत्र दिवस – जैसे ही गणतंत्र दिवस की बात सामने आती है, संविधान की बात भी सामने आती है क्योंकि इस विश्व में प्रत्येक लोकतांत्रिक देश के लिए उसका संविधान सर्वोपरि है और संविधान से अधिक कुछ नहीं है। संविधान का निर्माण होने और इसके लागू होने के दिन से ही कोई भी राष्ट्र गणतांत्रिक देश बन जाता है। हमारा प्यारा भारत देश भी एक गणतंत्र राष्ट्र है जिसका अपना एक लिखित संविधान है और प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए उसका संविधान ही सर्वोत्तम है और उसका पालन करना उसका दायित्व भी है क्योंकि यह देश के नागरिकों के कर्तव्यों को बताता है और उनके अधिकारों के बारे में भी जानकारी देता है। 

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    भारत का संविधान ही भारत के लोगों के लिए सर्वोच्च कानून है। संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था इसलिए हम प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं। भारत के संविधान की एक और खास बात यह है कि यह दुनिया के किसी भी गणतंत्र देश की तुलना में सबसे अधिक लंबा लिखित संविधान है, जो लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिन में तैयार हुआ। इस संविधान की जो मूल प्रति है, वह सेंट्रल लाइब्रेरी, ग्वालियर में सुरक्षित रखी हुई है। यह सभी बातें बताती हैं कि भारत का संविधान कितना विशेष है और इसी के लिए हम प्रतिवर्ष धूमधाम से अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं। 

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    26 जनवरी 2025 को भारतवासी अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने वाले हैं। इस वर्ष भी प्रत्येक वर्ष की भांति भारत देश का गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इसमें लगभग 15 राज्यों और विभिन्न मंत्रालयों की आकर्षक झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी। यही वह समय है कि जब भारतीय सेना की विभिन्न टुकड़ियों द्वारा अनेक साहसिक और रोमांचक कारनामों को अंजाम दिया जाएगा जिसे देखकर प्रत्येक भारतवासी स्वयं पर गर्व महसूस करेगा। इस दिन देश की विभिन्न सेनाओं के जवान अलग-अलग वेशभूषा और रंग रूप में परेड करेंगे तो माहौल देखते ही बनेगा। 

    गणतंत्र दिवस 2025 एक ऐसा खास दिन होगा कि जब प्रत्येक भारतवासी को अपने देश पर गर्व महसूस होगा। देश के जवान, किसान, नौजवान, विदेश में बसे भारतीय, सभी अपने देश के इस महान दिन के महान समारोह के साक्षी बनने की चाहत रखेंगे। 

    जहां एक तरफ रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ, इजराइल भी अपना जोर लगा रहा है कि वह युद्ध जीत जाए, ऐसी स्थिति में चारों ओर की स्थितियां हैरान और परेशान करने वाली हैं। वहीं बांग्लादेश की स्थितियां भी कम नाजुक नहीं हैं। भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश की परिस्थितियों को देखते हुए हमें ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसे में, भारत के 76वें गणतंत्र दिवस 2025 के दौरान हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि वैदिक ज्योतिष वर्ष 2025 में भारत के भविष्य की क्या तस्वीर दिखा रहा है।

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    गणतंत्र दिवस 2025: इस साल के गणतंत्र दिवस की कुछ खास बातें

    इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह की कुछ विशेष बातें, जो इसे बेहद खास बनाने वाली हैं, उन्हें जान लेते हैं: 

    • 76 वें गणतंत्र दिवस की थीम स्वर्णिम भारत – विकास और विरासत रहने वाली है। 
    • इस बार की गणतंत्र दिवस की परेड लगभग 90 मिनट में पूरी हो जाएगी। 
    • 26 जनवरी 2025 की कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में लगभग 14 मार्चिंग दस्ते और 25 झांकियां शामिल होने वाली हैं। इस बार दो दस्ते कम रखे गए हैं, पिछले साल परेड में 16 मार्चिंग दस्ते शामिल थे।
    • इन 14 मार्चिंग दस्तों में गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले फोर्स का एक दस्ता, कोस्ट गार्ड का और एक दस्ता बीएसएफ का होगा जबकि अधिक दस्ते सर्विसेज के होंगे यानी कि थल सेना, वायुसेना और नौसेना के होंगे।
    • बीएसएफ के दस्ते में सजे-धजे ऊंट भी दिखाई देंगे।
    • ऐसी संभावना है कि इस बार परेड समारोह में इंडोनेशिया का मार्चिंग दस्ता भी शामिल होगा। इसके लिए इंडोनेशिया का दस्ता करीब दो हफ्ते पहले भारत पहुंच जाएगा। पिछली बार की परेड में फ्रांस का मार्चिंग दस्ता आया था।
    • 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस पर मोटरसाइकिल पर भारतीय सेना के जवान करतब दिखाएंगे जबकि पिछले साल बीएसएफ के जवानों ने मोटरसाइकिल पर करतब दिखाए थे। 
    • ऐसी संभावना है कि झारखंड राज्य की झांकी लगातार तीसरी बार इस समारोह में शामिल होगी जिसमें दिवंगत श्री रतन टाटा जी को श्रद्धांजलि दी जाएगी। 
    • परेड में अन्य झांकियों के अतिरिक्त डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए), डीआरडीओ, असम राइफल्स और कोस्ट गार्ड की झांकियां भी शामिल हो सकती हैं।
    • 26 जनवरी 2025 की गणतंत्र दिवस की परेड पिछली बार से भी अधिक भव्य हो सकती है। इस बार 6 पाइप बैंड परेड में शामिल होने वाले हैं जिनमें लगभग 5000 कलाकार एक साथ अपनी कला का हुनर बिखेरेंगे जबकि पिछली बार कर्तव्य पथ पर 3000 कलाकारों ने अपनी संस्कृति की झलक दिखाई थी।
    • ऐसी संभावना है कि भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भारत आ सकते हैं।

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    वैदिक ज्योतिष के दृष्टिकोण से 2025 के भारत की तस्वीर 

    वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत वर्ष 2025 में भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस शुभ अवसर पर भारत के लिए जो कुछ भविष्यवाणियां की गई हैं, वे भारतवर्ष के बारे में अनेक प्रकार की स्थितियों से आपको अवगत कराने में सक्षम हो सकती हैं। भारत में राजनीति किस दिशा में अपना रंग दिखाएगी, विभिन्न दलों के बीच कैसी परिस्थितियां रहेंगी, भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 में किस तरफ रुख करेगी, धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के रूप में भी क्या कुछ संकेत मिलेंगे, इन सभी के बारे में वैदिक ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखने का प्रयास किया गया है। आइए अब जानते हैं कि ग्रहों की चाल देश की राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को किस प्रकार से प्रभावित करने वाली है। आप इस भविष्यवाणी को अच्छे तरीके से समझ पाएं, इसके लिए हमने स्वतंत्र भारत की कुंडली नीचे दी है:

    वैदिक ज्योतिष के दृष्टिकोण से 2025 में भारत का सफर 

    (स्वतंत्र भारत की कुंडली) 

    स्वतंत्र भारत की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है। लग्न में राहु, दूसरे भाव में मंगल, तीसरे भाव में शुक्र, बुध, सूर्य, चंद्रमा और शनि, छठे भाव में बृहस्पति और सप्तम भाव में केतु विराजमान हैं। वर्तमान गोचर देखें तो, शनि महाराज लग्न से दशम भाव और चंद्रमा से अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं जो मार्च में एकादश भाव में मीन राशि में चले जाएंगे जिससे स्वतंत्र भारत की कुंडली से कंटक शनि का समय निकल जाएगा और कई समस्याओं में कमी आएगी। राहु का गोचर अभी मीन राशि में चल रहा है जो मई में दशम भाव में आ जाएंगे। केतु का गोचर पंचम भाव में है जो चतुर्थ भाव में हो जाएगा, इससे सरकार को आंतरिक मामलों में ज्यादा दखलअंदाजी करने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि आंतरिक संघर्ष की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ प्राकृतिक आपदाएं और संक्रमण फैलने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। बृहस्पति महाराज अभी स्वतंत्र भारत की कुंडली के प्रथम भाव में गोचर कर रहे हैं, जहां पर राहु विराजमान हैं। मई में यह दूसरे भाव में मिथुन राशि में चले जाएंगे, जहां मंगल स्थित होंगे जिससे आर्थिक चुनौतियों में कमी आएगी और कुछ कड़े आर्थिक फैसले सरकार द्वारा लिए जाएंगे जिससे आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा। बैंकिंग सेक्टर को लेकर भी कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। वर्ष 2025 का भारतीय बजट कुछ कसा हुआ हो सकता है, लेकिन कई लोकलुभावन योजनाएं भी शुरू की जाएंगी और रक्षा क्षेत्र पर अधिक खर्च होने के योग बनेंगे। इसके अतिरिक्त, दूरसंचार, प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी ध्यान दिया जाएगा।

    (गणतंत्र भारत वर्ष कुंडली) 

    गणतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार, यदि हम 76वें गणतंत्र दिवस यानी कि 26 जनवरी 2025 की कुंडली देखे तो यह वर्ष कुंडली मिथुन लग्न की है जिसमें मंगल अपनी शत्रु राशि में बैठे हैं और मुंथा भी प्रथम भाव में ही है जबकि वर्ष कुंडली के लग्नेश और मुंथाधिपति बुध अष्टम भाव में विराजमान हैं। चतुर्थ स्थान के केतु और सप्तम स्थान के चंद्रमा विराजमान हैं। अष्टम भाव में बुध के साथ सूर्य हैं तथा नवम भाव में शुक्र और शनि हैं जबकि दशम भाव में राहु हैं और द्वादश भाव में बृहस्पति बैठे हैं। ग्रहों की यह स्थिति काफी महत्वपूर्ण है। हम देखेंगे कि मार्च के महीने में चतुर्ग्रही योग बनेगा और मार्च-अप्रैल में पंचग्रही योग बनेगा और उसके बाद अप्रैल-मई में चतुर्ग्रही योग भी बनेगा। इन सभी ग्रहों के प्रभाव से देश और राष्ट्र की विभिन्न अवस्थाओं पर अलग-अलग प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकते हैं।

    2025 में भारत का राजनीतिक वातावरण

    वर्ष कुंडली का लग्न भाव सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि यह केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाला भाव माना जाता है जिसमें शत्रु राशि के मंगल मुंथा से युति करके बैठे हैं। वर्ष कुंडली का लग्नेश जो मुंथाधिपति भी है, वह बुध महाराज अष्टम भाव में हैं और अष्टम भाव को अचानक से होने वाली अप्रत्याशित घटनाओं, युद्ध की विभीषिका, प्राकृतिक प्रकोप आदि के रूप में भी देखा जा सकता है। इन सभी परिस्थितियों के आधार पर कहा जा सकता है कि भारतीय गणतंत्र का 76वां वर्ष काफी उतार-चढ़ाव लेकर आने वाला है। ग्रहों के प्रभाव से वर्ष के शुरुआती दिनों में देश के सामाजिक वातावरण में हलचल रहेगी और राजनीतिक वातावरण अत्यंत अशांत और विक्षुब्ध रहेगा। अनेक स्थानों पर तनावपूर्ण और अनिश्चित घटनाएं घटित हो सकती हैं। विभिन्न सत्तारूढ़ और विपक्षी दल एक-दूसरे पर कुछ सही और कुछ मिथ्या आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहेंगे जिससे माहौल विषाक्त बना रहेगा। इस दौरान दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने की भी संभावना है जिनमें सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को बहुत कठिन समय देखना पड़ सकता है। ऐसी संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी को इन चुनावों में विजय मिलेगी और वह सरकार बना सकती है जबकि कांग्रेस पार्टी भी एक मजबूत पार्टी बनकर उभर सकती है। 

    गणतंत्र दिवस के 76 वर्ष की कुंडली में नवम भाव में शनि महाराज अपनी ही राशि में अपने मित्र शुक्र के साथ विराजमान हैं जिससे न्यायालय, योजनाएं, विकास, दूरसंचार, आदि के क्षेत्र में सरकार आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के प्रयास करेगी और अनेक योजनाओं को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने का प्रयास लगातार किया जाता रहेगा। इस दौरान तीव्र गति की रेलगाड़ियॉं भी चलाई जाएंगी और अनेक रोजगार सृजन के अवसर भी तैयार किए जाने की संभावना बनेगी। सरकार अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए साधारण जनता के बीच सुशासन को बल देगी और इन सभी कार्यों में पूरी ताकत लगा देगी। 

    मार्च से मई के बीच का समय चतुर्ग्रही और पंचग्रही योग बनने के कारण भारत सहित विश्व के राजनीतिक घटनाक्रम के लिए बड़ा ही संघर्षपूर्ण समय लेकर आ सकता है। इस दौरान धार्मिक संघर्ष बढ़ने की संभावना रहेगी। ईरान-इजरायल और ईरान से अमेरिका का टकराव संभव हो सकता है। पश्चिम एशिया के देशों में भी समस्याएं बढ़ेंगी जिनका प्रभाव चीन, रूस और यूरोप तक भी दिखाई दे सकता है। यह समय भारत की केंद्र सरकार के लिए बहुत कठिन होगा और उसके लिए अग्नि परीक्षा के समान ही साबित होगा। उन्हें देश के अंदर और देश के बाहर, दोनों ही मोर्चों पर मजबूती से विपक्षियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

    वर्ष 2025 केंद्र सरकार के लिए कठिन साबित होगा क्योंकि बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को बार-बार जोर मिलेगा और सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास होता रहेगा। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विपक्ष द्वारा बार-बार सरकार और प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को खराब करने का प्रयास विपक्ष द्वारा किया जाएगा और वह इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहेंगे। यह समय केंद्र सरकार के लिए कठिन होगा, लेकिन मोदी सरकार अपने विश्वास के साथ आगे बढ़ेगी और कुछ नए कामों को पूरा करने की दिशा में प्रयास जारी रखेगी जिसमें सबसे आगे समान नागरिक संहिता का काम हो सकता है। 

    इस वर्ष विरोधी ताकतें युवाओं, मजदूर वर्ग, किसानों को तथा मुस्लिम समुदाय को भड़काकर हिंसा फैलाने का प्रयास कर सकती हैं। इस वर्ष लगभग सभी राजनीतिक दल अपनी संकीर्ण विचारधारा की पूर्ति करने के लिए और अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए युवाओं को भड़काने का पुरजोर प्रयास करेंगे। कुछ मामलों में सरकार को भी समझौतावादी प्रक्रिया अपनानी पड़ सकती है, लेकिन केंद्र सरकार अपनी पुरानी नीतियों को लेकर काफी आश्वस्त रहेगी।

    वर्ष की शुरुआत से मई तक का समय कठिन हो सकता है। कट्टरवाद और सांप्रदायिक उपद्रव बढ़ सकते हैं। भारत के पड़ोसी देश भी भारत को परेशान करने के लगातार प्रयास करते रहेंगे जिन पर सरकार और सेनाओं के लिए ध्यान देना अत्यंत आवश्यक रहेगा।

    2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति 

    वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था शुरुआत में हल्के उतार-चढ़ाव के बाद धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगी। शेयर बाजार भी मार्च-अप्रैल के दौरान एक नई ऊंचाई को छूने में सफल हो सकता है जो ऐतिहासिक ऊंचाई हो सकती है। भारत के व्यापारिक क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी और विदेशी मुद्रा भंडार में भी विशेष वृद्धि हो सकती है। अनेक प्रकार की विकास योजनाओं के द्वारा भारत की उल्लेखनीय उन्नति की शुरुआत हो सकती है। कुछ नई-नई योजनाएं व्यापक रूप में तैयार होंगी और उनसे संबंधित फैसले भी लिए जाएंगे, लेकिन कुछ क्षेत्रीय दलों और विपक्ष का विरोध प्रखर रूप से इनके सामने आएगा। प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी समस्याएं देखनी पड़ सकती हैं। लोगों के मन में भी महंगाई, बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि आदि को लेकर कुछ भय दिखाई दे सकता है।

    2025 में भारत में धर्म और धार्मिक परिदृश्य

    धार्मिक दृष्टिकोण से साल 2025 काफी सक्रिय वर्ष रहेगा। अनेक नए मंदिरों की खोज होगी और धर्म आधारित राजनीति हावी होने लगेगी। कई लोग धार्मिक कट्टरता का लाभ उठाने की कोशिश करेंगे और अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का प्रयास भी करेंगे जिससे बीच-बीच में आंतरिक संघर्ष की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। सरकार को इस दिशा में बहुत गहराई से सोचना होगा। धार्मिक सुधार को लेकर कुछ नए कानून तैयार करने की बात आगे बढ़ सकती है। इस दौरान वक्फ बिल के बारे में भी बात आगे बढ़ सकती है जिस पर काफी हल्ला मचेगा, लेकिन यह मामला चलता रहेगा और इस पर पूर्ण निर्णय आने की संभावना अभी नहीं है। सभी लोगों को शांति से इस मामले का हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए। धार्मिक रूप से कई बड़े आयोजन इस वर्ष होने वाले हैं जिसमें सभी धर्म के लोग मिलजुल एक साथ आने की कोशिश करेंगे, लेकिन कुछ स्थानों पर धार्मिक कट्टरता विशेष रूप से दिखाई देगी। कुछ नए षड्यंत्रों का पर्दाफाश भी होगा, जो धार्मिक रूप से हो रहे हैं।

    वास्तव में गणतंत्र दिवस हमें प्रेरित करता है कि हम याद करें उन वीर बहादुर लोगों को, जिन्होंने हमें आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों तक की परवाह नहीं की और हंसते-हंसते अंग्रेजों की सूली पर चढ़ गए। इसके साथ ही हमें याद रखना चाहिए उन रणबांकुरे सेना के जवानों को जो पल-प्रतिपल हमारे देश की सरहद की निगरानी और रक्षा हर तरीके से कर रहे हैं और इसके लिए अपनी जान तक गंवाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। उन सभी के कारण हम अपने घरों में सुरक्षित हैं और तभी हम ऐसे लोकतंत्र के महान पर्व अपने 76वें गणतंत्र दिवस को 2025 में आसानी से मना पा रहे हैं। उन सभी महान आत्माओं को नमन करते हुए चलिए हम सभी यह प्रण लेते हैं कि अपने देश को एक बेहतर देश बनाने और स्वयं को एक अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनाने का पूर्ण प्रयास करेंगे, तभी सही मायने में गणतंत्र दिवस का अर्थ पूर्ण हो पाएगा। 

    जय हिन्द! जय भारत!!

    एस्ट्रोसेज एआई की ओर से आप सभी को गणतंत्र दिवस 2025 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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    हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोसेज के साथ। धन्यवाद !

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    1. 2025 में 75 वां या 76 गणतंत्र दिवस है?

    वर्ष 2025 का गणतंत्र दिवस 76वां होगा। 

    2. भारत को गणतंत्र क्यों कहा जाता है?

    भारत को गणतंत्र इसलिए कहते हैं क्योंकि यहां प्रतिनिधि देश की जनता द्वारा चुने जाते हैं।

    3. भारत का संविधान कब लागू हुआ था? 

    हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।

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