
UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित सपा मुख्यालय के बाहर समाजवादी पार्टी के नेता मो. इंखलाक ने एक खास पोस्टर लगवाया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। पोस्टर में लिखा था, “कुछ उसूलों का नशा था कुछ मुकद्दस ख्वाब थे। हर जमाने में शहादत के यही अस्बाब थे। आजम लौटे, ये एक नई सुबह की पहचान है, गौर से सुनों… हवाओं में सरकार बदलने का ऐलान है।”

इस पोस्टर ने स्पष्ट रूप से सरकार के खिलाफ सपा के इरादों को उजागर किया और आगामी समय में राजनीतिक गतिविधियों की संभावनाओं का संकेत दिया।
आजम खां के लौटने का प्रतीक
पोस्टर में “आजम लौटे” का उल्लेख पार्टी की रणनीतिक वापसी और पुराने नेताओं के अनुभव को जनता के बीच फिर से सक्रिय करने का प्रतीक माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम चुनावी मौसम में पार्टी की ताकत दिखाने के लिए भी किया गया है।
पोस्टर का मुख्य आकर्षण “नई सुबह की पहचान” और “हवाओं में सरकार बदलने का ऐलान” वाला संदेश है। इससे यह साफ झलकता है कि सपा आगामी राजनीतिक मोर्चों पर सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है और जनता के बीच बदलाव का संदेश फैलाना चाहती है।
23 सितंबर को सीतापुर जेल से बाहर आए आजम खां
आजम खां बीते 23 सितंबर, 2025 को सीतापुर जेल से 23 महीने बाद बाहर आए हैं। बाहर आते ही आजम खां अपने दोनों बेटों के साथ सीधे रामपुर पहुंए। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे पार्टी के लिए खुशी की बात करार दिया। आजम खां के बाहर आते ही उनके बसपा ज्वाइन करने की अटकलें भी तेज हो गई थी, लेकिन सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए आजम खां ने साफ कहा कि वो बिकाऊं नहीं है। इससे साफ जाहिर है कि आजम खां सपा से ही जुड़े रहेंगे। वहीं अखिलेश यादव भी आजम खां से मिलने 8 अक्टूबर को रामपुर जाएंगे। इस मुलाकात के अगले दिन मायावती की रैली भी है।