अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी पहली टिप्पणी में कहा है कि देश चुन-चुन कर बदला लेगा। उन्होंने आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के हर कृत्य का बदला लेगा।
गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली में असम के बोरो समुदाय के नेता उपेंद्र नाथ ब्रह्मा की मूर्ति अनावरण और एक सड़क का नामकरण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई सोचता है कि कायराना हमला उनकी जीत है तो उन्हें याद रखना चाहिए कि यह नरेंद्र मोदी का भारत है। हर आतंकी को चुन-चुन कर जवाब दिया जाएगा।’ उन्होंने आतंकवाद को देश के हर कोने से उखाड़ फेंकने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, ‘हमारा संकल्प है कि देश के हर इंच से आतंकवाद को ख़त्म करेंगे, और यह पूरा होगा।’
गृहमंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में चाहे उत्तर-पूर्व हो, चाहे वामपंथी उग्रवाद का क्षेत्र हो, चाहे कश्मीर पर पड़ी आतंकवाद की छाया हो… हर चीज का हमने मज़बूती के साथ जवाब दिया है। अगर कोई कायराना हमला करके ये समझता है कि उनकी बड़ी जीत है… तो समझ ले, यह नरेन्द्र मोदी की सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इस देश की इंच-इंच भूमि से आतंकवाद को मूल समेत उखाड़ने का हमारा संकल्प है और वह सिद्ध होकर रहेगा। जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होगा, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन लोगों ने यह कृत्य किया है उसका उचित दंड उन्हें निश्चित रूप से मिलेगा।’
पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए हमले को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ़ ने अंजाम दिया था। हमलावरों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें पुरुषों को महिलाओं और बच्चों से अलग कर गोली मार दी गई। इस हमले में 26 लोग मारे गए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए इस मामले की जाँच कर रही है और आतंकियों की तलाश में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।
अमित शाह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में न केवल 140 करोड़ भारतीय, बल्कि पूरा विश्व साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया के सभी देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ एकजुट हैं।’ यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और अटारी एकीकृत जांच चौकी को बंद कर दिया। इसके साथ ही कई और फ़ैसले लिए गए हैं। जवाब में पाकिस्तान ने भी कई क़दम उठाए हैं। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
अमित शाह ने अपने बयान में साफ़ किया कि पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अमित शाह का यह कहना कि ‘यह नरेंद्र मोदी की सरकार है कोई नहीं बचेगा’, यह बयान सरकार के आतंकवाद के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति को दिखाता है। हालाँकि, हर आतंकी हमले के बाद केंद्र की ओर से कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया आती है।
पहलगाम हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों से हमले की निंदा और सीमा पार आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, शाह का यह बयान सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है, जहां कुछ लोग उनकी कड़े रुख की सराहना कर रहे हैं, तो कुछ इसे क्षेत्र में शांति के लिए चुनौती के रूप में देख रहे हैं।
पहलगाम हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है। शाह के बयान और सरकार की त्वरित कार्रवाइयों ने साफ़ कर दिया है कि भारत आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई को और तेज़ करेगा। यह देखना बाक़ी है कि भारत की यह जवाबी कार्रवाई किस रूप में सामने आएगी और इसका क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।